फूड
भोजन (Food) किसी भी जीव के लिए पोषण संबंधी सहायता प्रदान करने के लिए सेवन किया जाने वाला पदार्थ है. भोजन आमतौर पर पौधे, पशु या कवक से प्राप्त होता है, जिसमें कार्बोहाइड्रेट, वसा, प्रोटीन, विटामिन, या खनिज जैसे आवश्यक पोषक तत्व होते हैं (Source of Food). इन पदार्थों को जीव निगलता या खाता है, जिससे उसकी कोशिकाओं को ऊर्जा मिलती है और वह जीवन को बनाए रखता है या विकास करता है. जानवरों की विभिन्न प्रजातियों में खाने के अलग-अलग व्यवहार होते हैं जो उनके मेटबॉलिज्म की जरूरतों को पूरा करते हैं (Uses of Food).
सर्वाहारी मनुष्य भोजन को लेकर बेहद अनुकूलन स्थिति में होते हैं. वे कई अलग-अलग पारिस्थितिक तंत्रों में भोजन हासिल करने के लिए अनुकूलित होते हैं. ऐतिहासिक रूप से, मनुष्यों ने दो मुख्य तरीकों से भोजन प्राप्त किया है. पहला, शिकार और इकट्ठा करके, दूसरा, कृषि. कृषि तकनीक में विकास के साथ-साथ मानव कृषि जीवन शैली में बस गए. सभ्यता के विकास के साथ, विभिन्न भौगोलिक और सांस्कृतिक अंतरों ने कई व्यंजनों और पाक कलाओं का निर्माण किया है, जिसमें सामग्री, जड़ी-बूटियों, मसालों, तकनीकों और व्यंजनों की एक विस्तृत श्रृंखला शामिल है (History of Food).
आज, दुनिया की लगातार बढ़ती आबादी के लिए जरूरी ज्यादातर खाद्य ऊर्जा की आपूर्ति औद्योगिक खाद्य उद्योग से होती है. यह गहन कृषि के साथ भोजन का उत्पादन करती है और इसे जटिल खाद्य प्रसंस्करण और खाद्य वितरण प्रणालियों के माध्यम से वितरित करती है. पारंपरिक कृषि की यह प्रणाली जीवाश्म ईंधन पर बहुत अधिक निर्भर करती है, लिहाजा खाद्य और कृषि प्रणाली का जलवायु परिवर्तन में काफी योगदान है, जो कुल ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन का 37% है (Food and Global Warming).
खाद्य प्रणाली का अन्य सामाजिक और राजनीतिक मुद्दों गहरा असर होता है, जिनमें शामिल हैं: स्थिरता, जैविक विविधता, अर्थशास्त्र, जनसंख्या वृद्धि, जल आपूर्ति, और भोजन तक पहुंच. भोजन का अधिकार आर्थिक, सामाजिक और सांस्कृतिक अधिकारों पर अंतर्राष्ट्रीय अनुबंध (ICESCR) से मिला एक मानव अधिकार है. इसके तहत "पर्याप्त भोजन सहित पर्याप्त जीवन स्तर के अधिकार" और "भूख से मुक्ति” तो मौलिक अधिकार माना गया है (Food Policy).
महंगे सप्लीमेंट्स से पहले थाली पर ध्यान देना भी जरूरी है. अदरक, पकी सब्जियां, ओटमील और उबला चावल जैसे रोजाना खाए जाने वाले फूड्स शरीर की हीलिंग पावर बढ़ाते हैं, सूजन कम करते हैं और इम्यूनिटी मजबूत बनाते हैं.
50 की उम्र के बाद महिलाओं के शरीर में कई बदलाव आते हैं, लेकिन सही पावर फूड्स के साथ आप हड्डियों, मसल्स और एनर्जी को मजबूत रख सकती हैं. जानें 9 ऐसे सुपरफूड्स जो आपकी हेल्थ और फिटनेस को बनाए रखेंगे.
25 साल के बाद घटने वाले कोलेजन को बढ़ाकर आप अपनी स्किन को जवां और चमकदार रख सकते हैं. इन 5 नेचुरल फूड्स को अपनी डाइट में शामिल करके आप झुर्रियों से बच सकते हैं.
मास्टरशेफ पंकज भदौरिया ने बताया कि कौन-सी रोटी किस मौसम में सबसे फायदेमंद है. सर्दियों में बाजरा और मक्का, गर्मियों में रागी और जौ, और हर मौसम में गेहूं की रोटी आपको स्वस्थ, एनर्जेटिक और फिट रखती है.
यह एक बहुत ही दिलचस्प बात है कि आजकल 'सुपरफूड' के नाम पर हम विदेशी फलों जैसे एवोकाडो के पीछे भागते हैं, जबकि हमारे अपने किचन में मौजूद कद्दू के बीज पोषण के मामले में उससे कहीं आगे निकल सकते हैं. आइए बताते हैं कि एवाकाडो से कद्दू के बीज कैसे बेहतर हैं.
Chemical Chana Alert: गोरखपुर में खाद्य विभाग ने केमिकल से चमकाया गया भुना चना जब्त किया है, जिसमें कैंसर फैलाने वाला सिंथेटिक डाई मिला था. अगर आप भी भुना चना खाते हैं, तो जानिए घर पर असली और नकली चने की पहचान करने के 5 आसान टेस्ट.
Navratri Special Recipes: नवरात्रि व्रत में हेल्दी और स्वादिष्ट मिठाई बनाना चाहते हैं? अगर हां, तो आपको मलाईदार मखाना खीर और शकरकंदी-सिंघाड़े का हलवा जरूर ट्राई करना चाहिए. ये दो आसान सात्विक रेसिपी त्योहार में मिठास घोलने का काम कर सकती हैं.
Fat Burning Tea: रोज चाय पीने से क्या सच में वजन बढ़ता है? आयुर्वेदिक डॉक्टर सलीम जैदी बता रहे हैं कि सही इनग्रेडिएंट्स और बिना दूध-चीनी वाली चाय कैसे फैट बर्निंग ड्रिंक बन सकती है और मेटाबॉलिज्म को सपोर्ट करती है.
दूध के साथ फ्रूट शेक और स्मूदी पीना पसंद करते हैं तो सावधान हो जाइए. हेल्थ एक्सपर्ट्स के मुताबिक, दूध के साथ सिर्फ आम और एवोकाडो ही सुरक्षित माने जाते हैं, बाकी फल पेट की समस्या बढ़ा सकते हैं.
घरों में गर्म तेल को अक्सर लोग दोबारा इस्तेमाल करते हैं, लेकिन क्या ऐसा करना सही है. सेहत के लिए पूरी तलने के बाद बचा हुआ तेल दोबारा खाने में इस्तेमाल करना हानिकारक हो सकता है, ऐसे में बाबा रामदेव ने लोगों को इसे तुरंत फेंकने की सलाह दी.
Tips To Make Chai: सेलिब्रिटी शेप संजीव कपूर ने सर्दियों के लिए हेल्दी चाय बनाने का आसान तरीका बताया है. अदरक, तुलसी, लौंग, लेमनग्रास और नींबू के साथ बनाई गई यह चाय इम्यूनिटी बढ़ाती है, ठंड और खांसी से बचाती है और शरीर की सूजन कम करती है.
त्वचा की चमक और स्वास्थ्य के लिए कोलेजन बढ़ाने वाले फूड्स को अपनी डाइट में शामिल करने से स्किन की प्राकृतिक चमक बढ़ती है, हॉर्मोन संतुलित होते हैं और इम्यूनिटी मजबूत होती है. न्यूट्रिशनिस्ट खुशी छाबड़ा ने बताया कि ये फूड्स गट हेल्थ सुधारने के साथ त्वचा को अंदर से स्वस्थ और ग्लोइंग बनाते हैं, इन खाद्य पदार्थों को रोजाना खाने से महंगे प्रोडक्ट्स की जरूरत नहीं पड़ती.
सर्दियों में रोजाना इन 2 खास सूप्स को पाने से शरीर गर्म और स्वस्थ रहता है, साथ ही बीमारियों से बचाव होता है. सूप बनाना आसान है और इसे पूरे परिवार के लिए सुबह और शाम पिया जा सकता है.
जो लोग समझते थे कि बीयर सिर्फ और सिर्फ गेंहू से बनाई जाती है वह गलत सोचते हैं. दरअसल, बीयर अलग-अलग चीजों से बनाई जाती है. आज हम आपको बीयर की अलग-अलग टाइप्स और वह किससे बनाई जाती हैं वह बताने वाले हैं.
कद्दू में मौजूद पोषक तत्व जुकाम, फ्लू और डिप्रेशन से लड़ने में भी सहायक हैं. इसके बीज लिवर और दिमाग की सेहत के लिए भी फायदेमंद कहे जाते हैं. कम कैलोरी और हाई न्यूट्रिशन के कारण यह सर्दियों में एक बेहतरीन सुपरफूड माना जाता है.
दालचीनी पानी आजकल सोशल मीडिया पर सबसे ज्यादा वायरल मॉर्निंग डिटॉक्स ड्रिंक बन चुका है. ये कई तरह से शरीर को फायदा पहुंचाता है. आसान भाषा में जानें इसे कैसे बनाएं.
कुछ मीठे फलों को लोग शुगर की वजह से छोड़ देते हैं और बुरा समझते हैं, लेकिन ये फल विटामिन, फाइबर और एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर होते हैं. आज हम आपको ऐसे ही फलों के बारे में बताने वाले हैं.
गट हेल्थ एक्सपर्ट डॉ. विल बुल्सिएविक्ज ने 4 खास फूड कॉम्बिनेशन बताए हैं, जो पोषक तत्वों का अब्सॉर्पशन कई गुना बढ़ाकर एनर्जी और गट हेल्थ दोनों को बेहतर बनाते हैं.
कई ऐसे फूड्स हैं जिन्हें लोग हेल्दी समझकर कच्चा खा लेते हैं, लेकिन इनमें मौजूद बैक्टीरिया और टॉक्सिन आपके पेट, आंत और हेल्थ को गंभीर नुकसान पहुंचा सकते हैं.
सर्द मौसम में ज्यादातर सब्जियों में मटर डाली जाती है. मटर के दाने तो सब्जियों में इस्तेमाल किए जाते हैं, लेकिन उसके छिलकों को फेंक दिया जाता है. आज हम आपके लिए हरी मटर के छिलकों का सूप लेकर आए हैं.
हल्दी फायदेमंद है, लेकिन ज्यादा सेवन किडनी स्टोन और लिवर डैमेज का खतरा बढ़ा सकता है. WHO गाइडलाइन, सेफ मात्रा और किन लोगों को सावधान रहना चाहिए—जानें.