पिछले एक हफ्ते से दिल्ली के पास झज्जर और रोहतक (हरियाणा) में भूकंप के झटके महसूस हो रहे हैं. 10 जुलाई से अब तक कई बार धरती हिली है, जिससे लोगों में डर और चिंता बढ़ गई है. क्या यह छोटे-छोटे झटके किसी बड़े खतरे की ओर इशारा कर रहे हैं? वैज्ञानिक क्या कह रहे हैं?
पिछले हफ्ते क्या हुआ?
इन झटकों से कोई नुकसान नहीं हुआ, लेकिन लोगों ने सोशल मीडिया पर अपनी चिंता जाहिर की. कईयों ने इसे "लंबा झटका" बताया, जो डर पैदा कर रहा है.
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क्यों हो रहे हैं भूकंप?
IIT रुड़की के भूकंप विज्ञानी प्रो. कमल कहते हैं कि दिल्ली-एनसीआर और उसके आसपास के इलाके भूकंप के लिहाज से संवेदनशील हैं. इसके पीछे ये कारण हैं...

बड़ा खतरा है क्या?
वैज्ञानिकों के मुताबिक, अभी चिंता की कोई बड़ी बात नहीं है, लेकिन सावधानी जरूरी है...
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दिल्ली-एनसीआर का जोखिम
दिल्ली घनी आबादी वाला शहर है, जहां पुरानी और असुरक्षित इमारतें हैं. अगर कोई बड़ा भूकंप आया, तो नुकसान हो सकता है. इसलिए दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (DDMA) ने लोगों से जागरूकता और तैयारी की अपील की है. पिछले 25 सालों में दिल्ली-एनसीआर में हर साल औसतन 15-20 छोटे भूकंप आते हैं, लेकिन 5 तीव्रता से ऊपर के भूकंप दुर्लभ हैं.

वैज्ञानिकों का संदेश
प्रो. कमल कहते हैं कि भूकंप की भविष्यवाणी संभव नहीं है, लेकिन इन छोटे झटकों से अलर्ट रहना जरूरी है. वे सलाह देते हैं कि सरकार और लोग मिलकर इमारतों को भूकंपरोधी बनाएं. NCS लगातार डेटा इकट्ठा कर रहा है. अगर कोई असामान्य गतिविधि दिखी, तो चेतावनी दी जाएगी.
डरें नहीं, तैयार रहें
झज्जर-रोहतक में एक हफ्ते से भूकंप आ रहे हैं, लेकिन अभी तक कोई बड़ा खतरा नहीं है. ये छोटे झटके टेक्टोनिक तनाव के सामान्य संकेत हो सकते हैं.वैज्ञानिक निगरानी कर रहे हैं, लेकिन हमें भी सतर्क रहना होगा. अपनी सुरक्षा के लिए तैयार रहें और अफवाहों से बचें. धरती की ये हलचल हमें प्रकृति की शक्ति का एहसास दिलाती है- इसके साथ जीना सीखना हमारी जिम्मेदारी है.