भूकंप
भूकंप (Earthquake), पृथ्वी की सतह का हिलना है जो पृथ्वी के स्थलमंडल (Earth's lithosphere) में अचानक ऊर्जा के निकास से उत्पन्न होता है और भूकंपीय तरंगें (seismic waves) पैदा करता है. किसी क्षेत्र की भूकंपीयता (Seismicity) या भूकंपीय गतिविधि (seismic activity), एक विशेष समय अवधि में अनुभव किए गए भूकंपों की आवृत्ति, प्रकार और आकार है.
भूकंप ज्यादातर भूगर्भीय दोषों यानी geological faults के टूटने के कारण होते हैं, लेकिन अन्य घटनाओं जैसे ज्वालामुखी गतिविधि, भूस्खलन, खदान विस्फोट और परमाणु परीक्षण के कारण भी होते हैं. भूकंप के केंद्र (epicenter) को इसका हाइपोसेंटर या फोकस कहा जाता है. हाइपोसेंटर के ठीक ऊपर, ग्राउंड लेवल पर एक बिंदु होता है जिसे epicentre कहते हैं.
पृथ्वी का कांपना या हिलना एक सामान्य घटना (common phenomenon) है जिसकी जानकारी इंसान को प्राचीन काल से है. स्ट्रॉन्ग-मोशन एक्सेलेरोमीटर के विकास से पहले भूकंपीय तीव्रता का अनुंमान पृथ्वी के हिलने की तीव्रता के आधार पर लगाया जाता था. केवल पिछली शताब्दी में ही इस तरह के झटकों के स्रोत को पृथ्वी की पपड़ी में टूटने के रूप में पहचाना गया है. दरअसल किसी भी इलाके में कंपन की तीव्रता न केवल स्थानीय दूरी और जमीनी परिस्थितियों पर निर्भर करती है बल्कि टूटने की ताकत या परिमाण (Volume) पर भी निर्भर करती है (Measuring Earthquake in early time).
भूकंप की भविष्यवाणी, भूकंप विज्ञान के तहत करने की कोशिश की जाती है. यह बताए गए सीमा के भीतर भविष्य के भूकंपों के समय, स्थान और मैग्नीट्यूड के बारे में बताने सेसंबंधित है. भूकंप आने वाले समय और स्थान की भविष्यवाणी करने के लिए कई तरीके विकसित किए गए हैं लेकिन इसकी सटीक भविष्यवाणी अभी तक संभव नहीं हो सकी है (Prediction Earthquake).
भूकंप की तीव्रता मापने का पहला पैमाना चार्ल्स एफ. रिक्टर (Charles F. Richter) ने 1935 में विकसित किया था (first scale for measuring earthquake).
रिकॉर्ड किए गए इतिहास में सबसे विनाशकारी भूकंपों में से एक 1556 का था जो 23 जनवरी 1556 को शानक्सी, चीन में हुआ था. इस घटना में 830,000 से अधिक लोग मारे गए थे. दूसरा, 1976 का तांगशान भूकंप, जिसमें 240,000 से 655,000 लोग मारे गए थे. वह 20वीं सदी का सबसे घातक भूकंप था. 22 मई 1960 को चिली में आया भूकंप सबसे बड़ा भूकंप है. सिस्मोग्राफ पर इसकी सीव्रता 9.5 मापी गई थी. इसका केंद्र कैनेटे, चिली के पास था. सबसे शक्तिशाली भूकंप, गुड फ्राइडे भूकंप जो 27 मार्च 1964 में प्रिंस विलियम साउंड, अलास्का में आया था इसकी तीव्रता चिली के भूकंप से लगभग दोगुनी थी. हालांकि, इन सबमें से केवल 2004 का हिंद महासागर का भूकंप इतिहास के सबसे घातक भूकंपों में से एक मापा गया है (Major Earthquakes in History).
जापान के उत्तर-पूर्वी आओमोरी तट पर 6.7 मैग्नीट्यूड का भूकंप आया, जिसके बाद JMA ने 1 मीटर ऊंची लहरों के लिए सुनामी एडवाइजरी जारी की. इसी हफ्ते 7.5 तीव्रता का बड़ा भूकंप भी आया था, जिससे क्षेत्र में भूगर्भीय सक्रियता बढ़ी है.
जापान की मेगाक्वेक चेतावनी से हिमालय में 'महान भूकंप' की चर्चा तेज हो गई है. वैज्ञानिक बताते हैं कि छोटे भूकंपों से दबाव निकाल रहे हैं इसलिए अभी खतरा नहीं. लेकिन नया सीस्मिक मैप पूरे हिमालय को जोन VI में डाला गया है. भारत तैयारी बढ़ा रहा – मजबूत इमारतें, अर्ली वॉर्निंग को लेकर काम चल रहा है.
यूरोपीय भूमध्य भूकंपीय केंद्र (EMSC) के अनुसार, 48 घंटे में दूसरी बार जापान में जोरदार भूकंप आया. EMSC ने बताया कि बुधवार को जापान के होकाइडो में 6.5 तीव्रता का भूकंप आया. इससे पहले सोमवार देर रात को जापान के पूर्वोत्तर में 7.5 तीव्रता वाले शक्तिशाली भूकंप आया था.
गुजरात के कच्छ क्षेत्र में बुधवार रात 2:28 बजे 3.7 तीव्रता का भूकंप आया. केंद्र धोलावीरा से 32 किमी दूर था. किसी नुकसान या हताहत की जानकारी अभी तक नहीं आई है.
जापान में सोमवार रात उत्तरी इलाके में 7.5 तीव्रता का भूकंप आने के बाद मेगा क्वेक (तीव्रता 8.0 या उससे अधिक वाला महाभूकंप) की आशंका के चलते अलर्ट जारी किया गया है, साथ ही सुनामी की चेतावनी भी दी गई है. जापान मौसम एजेंसी ने होक्काइडो और चिशिमा ट्रेंच के आसपास संभावित बड़े भूकंप के खतरे की जानकारी दी है. यह अलर्ट होक्काइडो से चिबा प्रीफेक्चर तक के लिए लागू है.
जापान के उत्तरी तट से दूर समुद्र में एक शक्तिशाली भूकंप आया. जापान मौसम विज्ञान एजेंसी के मुताबिक, भूकंप की तीव्रता लगभग 7.6 आंकी गई. भूकंप के बाद देश के पूर्वोत्तर तट के लिए सुनामी की चेतावनी जारी की गई है.
अमेरिका के अलास्का में 7.0 तीव्रता का जोरदार भूकंप दर्ज किया गया, जिसका केंद्र याकुतत के उत्तर-पूर्व में था. भूकंप स्थानीय समयानुसार सुबह 11:41 बजे महसूस किया गया और झटके 300 मील दूर एंकोरेज तक पहुंचे. फिलहाल किसी तरह के नुकसान या चोट की पुष्टि नहीं हुई है, लेकिन भूकंप के बाद 20 से ज्यादा आफ्टरशॉक्स दर्ज किए गए.
भारत का नया भूकंप मैप (2025) आ गया है. इसमें नया जोन जोड़ा गया है. अब 5 जोन हैं, नया जोन VI हिमालय के लिए. 61% भारत अब मध्यम-उच्च खतरे में है. जानिए ये मैप क्यों बनाया गया और इसकी जरूरत क्यों पड़ी? क्या अब दिल्ली-NCR, देहरादून और अगरतला जैसे शहर ज्यादा खतरे में हैं.
भारत ने नया भूकंप खतरे का नक्शा जारी कर दिया है. अब देश का 61% हिस्सा मध्यम से बहुत ज्यादा खतरे में है. सबसे बड़ा बदलाव – पूरा हिमालय पहली बार सबसे ऊंचे जोन VI में डाला गया है. मध्य हिमालय में 200 साल से बड़ा भूकंप नहीं आया, इसलिए वहां बहुत दबाव जमा है. देहरादून, ऋषिकेश, दिल्ली-NCR जैसे इलाके अब और खतरनाक हो गए हैं.
इंडोनेशिया में पिछले 30 दिनों में 1400 से ज्यादा भूकंप आए हैं. 27 नवंबर को सुमात्रा के पास 6.3 तीव्रता का झटका लगा. रिंग ऑफ फायर पर होने से यहां भूकंप आम हैं. उसी इलाके में चक्रवात सेन्यार से बाढ़-भूस्खलन में 25 लोगों की मौत हो चुकी है. भूकंप और बाढ़ की दोहरी मार से हजारों लोग प्रभावित हैं.
बांग्लादेश की राजधानी ढाका और उसके आसपास के जिलों में शुक्रवार को 5.7 तीव्रता का जबरदस्त भूकंप आया, जिसमें 10 लोगों की मौत हो गई और 100 से ज्यादा लोग घायल हो गए. इमारतें क्षतिग्रस्त हो गईं, आग लग गई और अफरा-तफरी मच गई. घबराए हुए लोग सड़कों पर देखे गए.
कोलकाता में भूकंप के झटके महसूस किए गए हैं. भूकंप का केंद्र बांग्लादेश में था लेकिन इसके प्रभाव कोलकाता तक महसूस किए गए. इस घटना से लोगों में चिंता पैदा हुई क्योंकि ऐसा झटका अचानक महसूस हुआ. भूकंप की तीव्रता और केंद्र के बारे में शुरुआती जानकारी से पता चलता है कि इसका असर पड़ोसी राज्यों तक भी हो सकता है.
बांग्लादेश में शुक्रवार की सुबह भूकंप आया, जिसके झटके कोलकाता और पश्चिम बंगाल के अन्य इलाकों मेें भी महसूस किए गए. इसकी तीव्रता रिक्टर स्केल पर 5.6 मापी गई है.
कोलकाता के आसपास भूकंप के हल्के झटके महसूस किए गए हैं. इस भूकंप का केंद्र बांग्लादेश की राजधानी ढाका बताया जा रहा है. झटकों के कारण कई लोग घरों से बाहर निकल आए और कुछ लोग जो बिल्डिंगों में थे वे भी नीचे उतर आए. इन झटकों से जानमाल के नुकसान की कोई खबर नहीं है. लोगों ने खिड़कियों के पानी में हिलाव और स्विमिंग पूल के पानी के हिलने की वीडियो बनाई है.
भारतीय टेक्टॉनिक प्लेट तिब्बत के नीचे दो हिस्सों में टूट रही है. इससे हिमालय में बड़े भूकंप (8-9 तीव्रता), ज्वालामुखी फटने और बाढ़ का खतरा है. प्लेट का निचला हिस्सा पिघल रहा है. फटाव 200-300 किमी लंबा है. भारत-नेपाल-चीन प्रभावित होंगे. लाखों जीवन जोखिम में आ रहे हैं.
9 नवंबर 2025 को इवाते प्रांत के पास 6.8 तीव्रता का भूकंप आया, जो 10 किमी गहराई पर था. पिछले 24 घंटों में 5+ तीव्रता के 5 भूकंप पहले आ चुके थे, कुल 7 भूकंप. रिंग ऑफ फायर में प्लेट टेक्टॉनिक्स के कारण भूकंपों का झुंड आया. सुनामी चेतावनी जारी हुई, लेकिन कोई बड़ा नुकसान नहीं. निगरानी जारी है.
इंडोनेशिया के सुलावेसी तट पर 6.2 तीव्रता का भूकंप आया. भूविज्ञान एजेंसी ने बताया कि भूकंप का केंद्र समुद्र में था और इसका असर तटीय क्षेत्रों में हल्का महसूस किया गया. अभी तक किसी भी तरह के जान-माल के नुकसान की सूचना नहीं मिली है.
प्रशांत महासागर के नीचे धरती दो टुकड़ों में बंट रही है. कैस्केडिया सबडक्शन जोन में एक्सप्लोरर प्लेट टूट रही है... जैसे ट्रेन का डिरेल होना. वैज्ञानिकों की सिस्मिक इमेजिंग से 75 किमी लंबी दरार मिली है. यह जोन मर रहा है. छोटी माइक्रोप्लेट्स बन रही. भूकंप का खतरा है. वैंकूवर के पास सतर्कता बरतने की चेतावनी दी है.
युद्धग्रस्त दक्षिण एशियाई देश अफगानिस्तान में भूकंप आम हैं, लेकिन वैज्ञानिक कारणों से ये और घातक हो जाते हैं. अफगानिस्तान में भूकंप क्यों आते हैं. वैज्ञानिक कारण क्या हैं. कौन-से इलाके खतरे में हैं. इतिहास के सबसे बुरे भूकंप कौन-से थे. कैसे खुद को मजबूत बनाया जा सकता है.
उत्तरी अफगानिस्तान में सोमवार तड़के 6.3 तीव्रता का शक्तिशाली भूकंप आया, जिसका केंद्र खोल्म के पास रहा. भूकंप से हुई तबाही में अब तक 20 लोगों की मौत हो चुकी है. यह झटका 28 किलोमीटर गहराई में दर्ज हुआ, जबकि जर्मन एजेंसी GFZ ने इसे हिंदूकुश क्षेत्र में 10 किलोमीटर गहराई पर महसूस होने की बात कही.
गुजरात के राजकोट और आसपास के जिलों में शुक्रवार दोपहर भूकंप के झटके महसूस किए गए. भूकंप का केंद्र बिंदु सौराष्ट्र के गोंडल से 24 किमी पश्चिम-दक्षिण में था.