मुंबई आतंकी हमलों के आरोपी तहव्वुर राणा को आज किसी भी वक्त भारत लाया जा सकता है. भारत की खुफिया एजेंसियों की एक टीम कड़ी सुरक्षा के बीच उसे आज भारत ला रही हैं. इस बीच केंद्र सरकार ने एडवोकेट नरेंद्र मान को स्पेशल पब्लिक प्रॉसिक्यूटर नियुक्त किया है.
वह राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) की ओर से केस लड़ेंगे. गृह मंत्रालय की ओर से जारी नोटिफिकेशन में बताया गया है कि एडवोकेट नरेंद्र मान NIA का केस लड़ेंगे. यह केस तहव्वुर राणा और डेविड कोलमेन हेडली के खिलाफ है. अब नरेंद्र मान इस केस में NIA की स्पेशल कोर्ट और इससे मामले से जुड़ी हुई अपीलीय कोर्ट में पैरवी करेंगे. उन्हें यह जिम्मेदारी तीन साल के लिए दी गई है या केस का ट्रायल पूरा होने तक यह जिम्मेदारी दी गई है. राणा को आज एनआईए की कोर्ट में पेश किया जाएगा. इस दौरान नरेंद्र मान उनके खिलाफ केस लड़ेंगे.
इसके अलावा आपराधिक मामलों के वकील सीनियर एडवोकेट दयान कृष्णनन भी तहव्वुर राणा के खिलाफ प्रॉसिक्यूनश की टीम की अगुवाई करेंगे.
तहव्वुर राणा (Tahawwur Rana) को आज कड़ी सुरक्षा के बीच भारत लाया जा रहा है. एनआईए और रॉ की टीम के सुरक्षा घेरे में स्पेशल प्लेन से वह आज दिल्ली एयरपोर्ट पर उतरेगा. उसे यहां से बुलेटप्रूफ गाड़ी में एनआईए हेडक्वार्टर ले जाया जाएगा.
अमेरिका से प्रत्यर्पण कर भारत लाया जा रहा तहव्वुर राणा पालम टेक्निकल एयरपोर्ट पर उतरेगा. उसे आज यहां से बुलेटप्रूफ गाड़ी से एनआईए हेडक्वार्टर लाया जाएगा. भारत पहुंचते ही एनआईए की टीम आधिकारिक रूप से राणा को हिरासत में ले लेगी. दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल को भी हाई अलर्ट कर दिया गया है. साथ ही SWAT कमांडोज को भी एयरपोर्ट पर तैनात किया गया है.
राणा को पटियाला हाउस कोर्ट में पेश किया जा सकता है. कहा जा रहा है कि सुरक्षा कारणों से उसे वर्चुअली ही एनआईए जज के समक्ष पेश किया जाएगा. पेशी से पहले उसका मेडिकल टेस्ट किया जाएगा.
कौन है तहव्वुर राणा?
तहव्वुर राणा का जन्म पाकिस्तान में हुआ था. उसने आर्मी मेडिकल कॉलेज में पढ़ाई की और पाकिस्तान आर्मी में 10 साल तक बतौर डॉक्टर काम काम किया. लेकिन तहव्वुर राणा को अपना काम पसंद नहीं आया और उसने ये नौकरी छोड़ दी. भारत के खिलाफ आतंकी गतिविधियों में शामिल रहने वाला तहव्वुर राणा अभी कनाडा का नागरिक है. लेकिन हाल में वह शिकागो का निवासी था, जहां उसका बिजनेस है.
अदालत के दस्तावेजों के मुताबिक, उसने कनाड़ा, पाकिस्तान, जर्मनी और इंग्लैंड की यात्राएं की है और वहां रहा है, वह लगभग 7 भाषाएं बोल सकता है. अदालत के दस्तावेज बताते हैं कि 2006 से लेकर नवंबर 2008 तक तहव्वुर राणा ने पाकिस्तान में डेविड हेडली और दूसरे लोगों के साथ मिलकर साजिश रची. इस दौरान तहव्वुर राणा ने आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा और हरकत उल जिहाद ए इस्लामी की मदद की और मुंबई आतंकी हमले की प्लानिंग की और इसे अमली जामा पहनाने में मदद की. आतंकी हेडली इस मामले में सरकारी गवाह बन गया है.