तिहाड़ जेल (Tihar Jail), भारत का एक जेल परिसर है, जो दक्षिण एशिया में जेलों का सबसे बड़ा परिसर है (Tihar Jail, Largest Complex). यह दिल्ली सरकार द्वारा संचालित किया जाता है. तिहाड़ जेल परिसर पश्चिमी दिल्ली के तिहाड़ गांव से लगभग 3 किमी दूर जनकपुरी में स्थित है. यह दिल्ली के तीन जेल परिसरों में से एक है. अन्य दो जेल परिसर रोहिणी और मंडोली में एक और छह केंद्रीय जेल हैं. तिहाड़ जेल में नौ केंद्रीय जेल हैं (Tihar Jail under Government of Delhi).
जेल को एक सुधारक संस्था के रूप में डिजाइन किया गया है. इसका मुख्य उद्देश्य अपने कैदियों को उपयोगी कौशल, शिक्षा और कानून के प्रति सम्मान प्रदान करके समाज के सामान्य सदस्यों में बदना है. इसका उद्देश्य कैदियों के आत्म-सम्मान में सुधार करना है. अपने कैदियों को शामिल करने, पुनर्वास करने और सुधारने के लिए, तिहाड़ संगीत चिकित्सा का उपयोग करता है, जिसमें संगीत प्रशिक्षण सत्र और संगीत कार्यक्रम शामिल होते हैं. जेल का अपना रेडियो स्टेशन है, जो कैदियों द्वारा चलाया जाता है. परिसर के भीतर एक जेल उद्योग भी है, जो पूरी तरह से कैदियों द्वारा चलाया जाता है, जो तिहाड़ ब्रांड के अन्तर्गत आता है (Tihar Jail as a Correctional Institution).
दिसंबर 2019 तक, तिहाड़ जेल में 10,026 की स्वीकृत क्षमता के मुकाबले 17,534 कैदी हैं (Tihar Jail numbers of Prisoner).
शुरुआती समय में, तिहाड़ पंजाब राज्य द्वारा संचालित अधिकतम सुरक्षा वाली जेल थी. 1966 में नियंत्रण को राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली में स्थानांतरित कर दिया गया था. 1984 की शुरुआत में, अतिरिक्त सुविधाओं का निर्माण किया गया और परिसर तिहाड़ जेल बन गया, जो भारत की सबसे बड़ी जेल भी है (Tihar Jail History).
आईपीएस अधिकारी किरण बेदी (Kiran Bedi, Inspector General Tihar Jail) इस जेल की महानिरीक्षक रही हैं. उनके कार्यकाल के दौरान उन्होंने तिहाड़ में कई जेल सुधारों की शुरुआत की, जिसमें इसका नाम बदलकर तिहाड़ आश्रम करना भी शामिल था. उन्होंने कर्मचारियों और कैदियों दोनों के लिए विपश्यना ध्यान कार्यक्रम भी शुरू किया. तिहाड़ जेल का एक कैदी यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा में सफल भी हो चुका है (Tihar Jail Prisoner clear UPSC Exam).
तिहाड़ जेल में रहने वालो में कुछ बड़े नाम भी शामिल है जैसे- संजय गांधी, लालू प्रसाद यादव, सुब्रत राय, छोटा राजन, सुशील कुमार - (भारतीय पहलवान), सुरेश कलमाडी, अमर सिंह, संजय दत्त और शेर सिंह राणा, जिन्हें फूलन देवी की हत्या के आरोप में गिरफ्तार किया गया था (Notable People Tihar Jail ).
दिल्ली हाई कोर्ट ने अफजल गुरु और मकबूल भट्ट की कब्रों को तिहाड़ जेल से हटाने की मांग वाली याचिका को खारिज कर दिया है. कोर्ट ने याचिकाकर्ता से पूछा कि इन कब्रों से उनके कौन से मौलिक अधिकार का हनन हो रहा है, जिसके बाद याचिकाकर्ता ने याचिका वापस ले ली.
दिल्ली हाई कोर्ट में एक याचिका दायर की गई है जिसमें तिहाड़ जेल में बने आतंकवादियों की कब्रों को हटाने की मांग की गई है. ये कब्रें तिहाड़ में सजा पाए खूंखार आतंकवादियों की हैं, जिनमें अफजल गुरु जैसे नाम शामिल हैं. साथ ही दावा किया गया कि जेल में बंद अपराधी इन कब्रों के पास जाकर इबादत करना शुरू कर चुके हैं.
दिल्ली हाई कोर्ट में तिहाड़ जेल में मौजूद आतंकियों मकबूल भट्ट और अफजल गुरु की कब्रों को हटाने की याचिका दायर की गई है. याचिका में कहा गया है कि इन कब्रों के कारण जेल परिसर कट्टरपंथी तीर्थ स्थल बन गया है, जिससे राष्ट्रीय सुरक्षा और सार्वजनिक व्यवस्था प्रभावित हो रही है.
अगस्त 2019 से तिहाड़ जेल में बंद बारामूला के मेंबर पार्लियामेंट इंजीनियर अब्दुल रशीद पर जानलेवा हमले का आरोप लगा है. उनकी पार्टी के प्रवक्ता के अनुसार, तिहाड़ जेल के अंदर कुछ ट्रांसजेंडर्स ने उन पर हमला किया. पार्टी का कहना है कि इन ट्रांसजेंडर्स को जानबूझकर उनके सेल में रखा गया था. हमले में इंजीनियर रशीद बाल-बाल बचे. अब उनके बेटे अबरार रशीद ने इस पर फिक्र जताई है.
ब्रिटेन की क्राउन प्रॉसिक्यूशन सर्विस (CPS) की टीम ने दिल्ली की तिहाड़ जेल का दौरा किया. इस दौरे का उद्देश्य भगोड़े आर्थिक अपराधियों जैसे विजय माल्या और नीरव मोदी के प्रत्यर्पण मामलों में ब्रिटेन की अदालतों को यह भरोसा दिलाना था कि उन्हें भारत में सुरक्षित और बेहतर माहौल मिलेगा. टीम ने जेल की सुविधाओं का बारीकी से निरीक्षण किया.
बारामूला से सांसद इंजीनियर राशिद का तिहाड़ जेल नंबर-3 में किन्नर कैदियों से विवाद हो गया. किन्नर कैदियों ने इंजीनियर राशिद के साथ मारपीट कर दी. उनकी पार्टी AIP ने इसे जानलेवा षड्यंत्र बताया. हालांकि जेल सूत्रों ने हत्या की साज़िश की बात खारिज की. वहीं, राशिद का आरोप है कि जेल प्रशासन जानबूझकर कश्मीरी कैदियों को प्रताड़ित करने के लिए किन्नरों को उनकी बैरक में रख रहा है.
तिहाड़ जेल नंबर-8 में नाले की सफाई करते समय दो कैदियों की मौत हो गई. दोनों हत्या के दोषी थे और उम्रकैद की सजा काट रहे थे. घटना के बाद डिप्टी जेलर, असिस्टेंट जेलर और वार्डन को निलंबित कर दिया गया है. मामले की जांच तिहाड़ के DIG को सौंपी गई है, साथ ही न्यायिक जांच और पुलिस जांच के भी आदेश जारी किए गए हैं.
भारत सरकार ने जेलों में बढ़ते कट्टरपंथ को रोकने के लिए सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को सख्त निर्देश दिए हैं. कैदियों की स्क्रीनिंग, निगरानी, पुनर्वास और फॉलोअप सिस्टम पर जोर दिया गया है.
राजस्थान के दौसा में मौजूद है रामेश्वर धाम आश्रम. उस आश्रम में पिछले 6 महीने से दिल्ली पुलिस की एक टीम एक खास बाबा पर नजरें गड़ाई थी. उस बाबा की तलाश बीते पौने 2 सालों से दिल्ली पुलिस को थी.
तहव्वपुर राणा की भारत वापसी को बड़ी कूटनीतिक जीत माना जा रहा है. पालम एयरपोर्ट पर उसे ले जाने के लिए अत्यंत सुरक्षित 'मार्क्स मैन' वाहन तैयार है. तिहाड़ जेल के 'अंडा सेल' में उसे रखा जाएगा. जानिए इस अंडा सेल में क्या होता है. VIDEO
Tahawwur Rana in NIA Custody: तिहाड़ नहीं तो फिर कहां रखा गया है तहव्वुर राणा को? जानिए कैसी है सुरक्षा
आतंकी तहव्वुर राणा भारत के शिकंजे में क्या आया, पाकिस्तान छुड़ाने लगा पीछा... आया पहला रिएक्शन
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भारत पहुंचते ही एनआईए की टीम आधिकारिक रूप से राणा को हिरासत में ले लेगी. दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल को भी हाई अलर्ट कर दिया गया है. साथ ही SWAT कमांडोज को भी एयरपोर्ट पर तैनात किया गया है.
26/11 मुंबई आतंकी हमला: तहव्वुर राणा के लिए फांसी की मांग, शहीद के पिता बोले- उसे जिंदा नहीं छोड़ना!
तहव्वुर राणा को सीधे एनआईए के दफ्तर लाया जाएगा. एनआईए दफ्तर और उसके आसपास हाई लेवल सिक्योरिटी है. राणा को पटियाला हाउस कोर्ट में पेश किया जा सकता है. कहा जा रहा है कि सुरक्षा कारणों से उसे वर्चुअली ही एनआईए जज के समक्ष पेश किया जाएगा. पेशी से पहले उसका मेडिकल टेस्ट किया जाएगा.
भारत पहुंचते ही एनआईए की टीम आधिकारिक रूप से राणा को हिरासत में ले लेगी. दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल को भी हाई अलर्ट कर दिया गया है. साथ ही SWAT कमांडोज को भी एयरपोर्ट पर तैनात किया गया है. इसके अलावा एयरपोर्ट के बाहरी क्षेत्र में सेंट्रल आर्म्ड पुलिस फोर्सेज (CAPF) की सिक्योरिटी विंग और स्थानीय पुलिस मुस्तैद रहेगी.
तहव्वुर राणा को पटियाला हाउस कोर्ट में पेश किया जा सकता है. कहा जा रहा है कि सुरक्षा कारणों से उसे वर्चुअली ही एनआईए जज के समक्ष पेश किया जाएगा. पेशी से पहले उसका मेडिकल टेस्ट किया जाएगा.
दिल्ली की जेलों में ओवरक्राउडिंग एक बड़ी दिक्कत बन चुकी है ये हाल तब है जब साल 2023 में एक हजार से ज्यादा अंडर ट्रायल कैदियों को रिहा किया गया था
दिल्ली की जेलों में ओवरक्राउडिंग एक गंभीर समस्या बन चुकी है. वर्तमान में राजधानी की 16 जेलों में 10,000 कैदियों की क्षमता के मुकाबले करीब 19,000 कैदी बंद हैं. यह स्थिति तब है जब वर्ष 2023 में 1,000 से अधिक अंडरट्रायल कैदियों को रिहा किया गया था. दिल्ली सरकार ने विधानसभा सत्र के दौरान जेलों की स्थिति पर एक विस्तृत रिपोर्ट पेश की, जिसमें तिहाड़, मंडोली और रोहिणी जेलों में कैदियों की संख्या चिंताजनक रूप से अधिक पाई गई. कुछ जेलों में तो क्षमता से पांच गुना अधिक कैदी रखे गए हैं.
तिहाड़ को एशिया की सबसे बड़ी जेल माना जाता है. यहां अब कैदियों के रहने के लिए मल्टी स्टोरी बिल्डिंग बनाई जाएगी. तिहाड़ जेल के DIG राजीव कुमार परिहार ने बताया कि अभी तिहाड़ जेल में 20 हजार कैदी बंद हैं.