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प्रयागराज: उदयभान करवरिया की रिहाई का विरोध, जवाहर यादव की पत्नी बोलीं- हत्यारे को छोड़ने से पहले...

उदयभान करवरिया को 1996 में हुए समाजवादी पार्टी के विधायक जवाहर यादव हत्याकांड में उम्रकैद की सजा सुनाई गई थी. वहीं, करवरिया की रिहाई का जवाहर यादव की पत्नी विजमा यादव ने विरोध किया है. विजमा प्रतापपुर विधानसभा सीट से सपा की विधायक हैं. 

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उदयभान करवरिया और जवाहर यादव की पत्नी
उदयभान करवरिया और जवाहर यादव की पत्नी

यूपी के प्रयागराज में पूर्व MLA उदयभान करवरिया को जेल से रिहा कर दिया गया. सजा की समयावधि से पहले ही आचरण को देखते हुए करवरिया की रिहाई का आदेश दिया गया. करवरिया को 1996 में हुए समाजवादी पार्टी के विधायक जवाहर यादव हत्याकांड में 2019 को उम्रकैद की सजा सुनाई गई थी. वहीं, करवरिया की रिहाई का जवाहर यादव की पत्नी विजमा यादव ने विरोध किया है. विजमा प्रतापपुर विधानसभा सीट से सपा की विधायक हैं. 

जवाहर यादव की प्रयागराज में ताबड़तोड़ गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. मामले में करवरिया, उनके भाई कपिलमुनि करवरिया और सूरजभान करवरिया और एक अन्य के खिलाफ केस दर्ज किया गया था. 

ये भी पढ़ें- उदयभान करवरिया की रिहाई... 28 साल पहले AK-47 से दहला दिया था प्रयागराज

नैनी सेंट्रल जेल के वरिष्ठ अधीक्षक रंग बहादुर पटेल ने कहा कि उदयभान करवरिया की रिहाई के आदेश बुधवार शाम को प्राप्त हुए. आदेश पर कार्रवाई करते हुए उन्हें गुरुवार सुबह रिहा कर दिया गया. 

बता दें कि राज्यपाल ने संविधान के अनुच्छेद 161 के तहत प्रदत्त शक्तियों का उपयोग करते हुए, समय से पहले रिहाई के लिए राज्य सरकार की सिफारिश को स्वीकार करने के बाद करवरिया को रिहा करने का आदेश पारित किया था. अनुच्छेद 161 किसी राज्य के राज्यपाल को किसी ऐसे मामले से संबंधित किसी भी कानून के खिलाफ किसी भी दोषी की सजा को माफ करने, राहत देने, राहत देने या सजा में छूट देने या निलंबित करने, कम करने या कम करने का अधिकार देता है. 

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करवरिया की जेल से रिहाई

अधिकारियों ने बताया कि प्रयागराज के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक और जिला मजिस्ट्रेट ने जेल में उनके अच्छे आचरण का हवाला देते हुए करवरिया को रिहा करने की सिफारिश की. माफी आदेश पिछले हफ़्ते जारी किया गया था.

करवरिया की रिहाई का विरोध 

उदयभान करवरिया की रिहाई को लेकर मृतक जवाहर यादव की पत्नी विजमा यादव सुप्रीम कोर्ट जाने की तैयारी में हैं. उनका कहना है कि हम अपने पति के हत्यारे को जब तक सजा नहीं दिला लेते तब तक हम पीछे नहीं हटेंगे. प्रदेश सरकार को इस निर्णय को लेने से पहले सोचना चाहिए था. 1996 में सिविल लाइंस में मेरे पति की हत्या हुई थी, अब उस हत्यारे को छोड़ दिया गया. इसके लिए मैं आगे लड़ाई लड़ती रहूंगी. 

उन्होंने कहा कि अगर हत्या करके आजीवन कारावास की सजा पाने वाले व्यक्ति का आचरण इतना अच्छा हो जाता है तो ऐसे में सारे कैदियों को रिहा कर देना चाहिए. इनका परिवार कई पीढ़ी से अपराध में लिप्त है, ऐसे व्यक्ति का जेल में आचरण कैसे अच्छा हो सकता है?

सजा पूरी होने से पहले रिहाई 

13 अगस्त 1996 को प्रयागराज में पूर्व विधायक जवाहर यादव और उनके ड्राइवर गुलाब की दिनदहाडे़ गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. 28 साल पहले हुए इस हत्याकांड में सजायाफ्ता उदयभान करवरिया की रिहाई के आदेश दिए गए. राज्यपाल की मंजूरी के बाद कारागार विभाग ने पूर्व विधायक उदयभान करवरिया की रिहाई का आदेश जारी किया. आदेश में कहा गया कि 30 जुलाई 2023 तक उदयभान करवरिया ने 8 साल 3 माह 22 दिन की अपरिहार सजा और 8 वर्ष 9 माह 11 दिन की सपरिहार सजा काट ली है.

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एसएसपी और डीएम प्रयागराज द्वारा समय पूर्व रिहाई की संस्तुति किए जाने, जेल में करवरिया का आचरण उत्तम होने और दयायाचिका समिति द्वारा की गई संस्तुति के चलते समय पूर्व रिहाई का आदेश जारी किया गया. इस आदेश में कहा गया कि एसपी और डीएम प्रयागराज के संतोषानुसार दो जमानतें, उतनी ही धनराशि का एक जमानती मुचलका प्रस्तुत करने पर बंदी को मुक्त कर दिया जाए.

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(एजेंसी इनपुट के साथ)
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