शी जिनपिंग
शी जिनपिंग (Xi Jinping), चीन के राष्ट्रपति हैं (President of China). चीनी कम्युनिस्ट पार्टी (CCP) और 2012 से केंद्रीय सैन्य आयोग (CMC) के अध्यक्ष और 2013 से पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ चाइना (PRC) के अध्यक्ष, शी चीन के सर्वोपरि नेता रहे हैं. पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ चाइना के सबसे प्रमुख राजनीतिक नेता हैं.
शी को अक्सर राजनीतिक और अकादमिक पर्यवेक्षकों ने एक तानाशाह या एक सत्तावादी नेता के रूप में वर्णित किया है. शी के राजनीतिक विचारों को पार्टी और राष्ट्रीय संविधानों में शामिल किया गया है (Xi Jinping, Dictator). शी, पीआरसी (PRC) की पांचवीं पीढ़ी के नेता हैं (Xi Jinping 5th Generation Leader). शी ने नवगठित राष्ट्रीय सुरक्षा आयोग की अध्यक्षता करने के साथ-साथ आर्थिक और सामाजिक सुधारों पर नई संचालन समितियां बनाई हैं. उनके नेतृत्व के पदों के साथ सैन्य पुनर्गठन और आधुनिकीकरण, और इंटरनेट की एक विस्तृत श्रृंखला को लेकर संस्थागत शक्ति को महत्वपूर्ण रूप से केंद्रीकृत किया है.
11 नवंबर 2021 को सीसीपी ने शी की विचारधारा को "चीनी संस्कृति का सार" घोषित किया था. सीसीपी की स्थापना के बाद से यह तीसरा मौलिक संकल्प है और प्रतीकात्मक रूप से उन्हें माओत्से तुंग और देंग शियाओपिंग के नेताओं के समान प्रतिष्ठा दी जाती है (Chinese Communist Party).
शी जिनपिंग का जन्म 15 जून 1953 को बीजिंग में हुआ था (Xi Jinping Age). वह, शी झोंगक्सुन और उनकी क्यूई शिन के दूसरे बेटे हैं (Xi Jinping Parents). 1949 में पीआरसी की स्थापना के बाद, शी के पिता ने कई पदों पर कार्य किया, जिसमें पार्टी प्रचार प्रमुख, उपाध्यक्ष और नेशनल पीपुल्स कांग्रेस के उपाध्यक्ष शामिल थे. शी की दो बड़ी बहनें थीं, शी बीजिंग और बीजिंग (Xi Jinping Sisiters). शी ने बेई स्कूल से अपनी शिक्षा प्राप्त की है (Xi Jinping Education).
सात बार खारिज किए जाने के बाद शी 1971 में एक स्थानीय अधिकारी से मित्रता करके चीन की कम्युनिस्ट यूथ लीग (Chinese Communist Youth League) में शामिल हो गए. 1973 से, उन्होंने दस बार सीसीपी में शामिल होने के लिए आवेदन किया और अंततः 1974 में उनके दसवें प्रयास में स्वीकार कर लिया गया.
1975 से 1979 तक, शी ने बीजिंग में "वर्कर-किसान-सिपाही छात्र" के रूप में शामिल हो गए. बाद में वह सिंघुआ विश्वविद्यालय में केमिकल इंजीनियरिंग का अध्ययन किया. वहां उन्होंने लगभग 15 प्रतिशत समय मार्क्सवाद-लेनिनवाद-माओ ज़ेडॉन्ग के विचारों का अध्ययन करने और 5 प्रतिशत समय कृषि कार्य करने और "पीपुल्स लिबरेशन आर्मी से सीखने" में बिताया (Xi Jinping Studied Marxism–Leninism–Mao Zedong thought).
अमेरिका और चीन के बीच टैरिफ युद्ध 90 दिनों के लिए स्थगित हो गया है, जिससे वैश्विक शेयर बाजारों में तेजी आई है. इस अस्थायी ब्रेक से S&P 500 और Nasdaq काफी समय बाद अपने सर्वोच्च स्तर पर बंद हुए और निवेशकों का विश्वास बढ़ा. अमेरिका-चीन के बीच सुधरते व्यापारिक रिश्ते पर डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि बहुत-बहुत अच्छा हो रहा है.
सोने की कीमतों में 12 मई को बड़ी गिरावट दर्ज की गई. अमेरिका-चीन टैरिफ समझौता और भारत-पाकिस्तान सीजफायर का असर बाजार पर साफ नजर आया. जानिए क्यों टूटा सोने का भाव?
अमेरिका और चीन ने टैरिफ युद्ध 90 दिनों के लिए रोका. शेयर बाजारों में तेजी, निवेशकों में विश्वास लौटा. ट्रंप ने समझौते को बताया शानदार.
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अमेरिका और चीन के बीच व्यापार घाटा कम करने को लेकर दो दिवसीय बैठकें हुईं, जिसमें दोनों देशों ने एक समझौता किया है. अमेरिकी ट्रेजरी सेक्रेटरी के मुताबिक, यह डील अमेरिका के 1.2 ट्रिलियन डॉलर के ट्रेड डेफिसिट को कम करने में मदद करेगी. हालांकि, टैरिफ कटौती पर स्पष्ट ऐलान नहीं किया गया है.
रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और उनके चीनी समकक्ष शी जिनपिंग की मुलाकात हुई है. मॉस्को में दोनों नेताओं की हुई मुलाकात में व्यापार, सुरक्षा और सैन्य संबंध सहित कई मुद्दों पर बात हुई. देखें दुनिया की बड़ी ख़बरें.
रूस में 9 मई को विक्ट्री डे मनाया जाता है. यह दिन नाजी जर्मनी पर सोवियत संघ की 2nd World War की जीत का जश्न है. इस दिन सोवियत सैनिकों और नागरिकों के बलिदान को याद किया जाता है. देश भर में इस दिन छुट्टी मनाई जाती है. 2025 के विक्ट्री डे परेड में क्या खास है, देखिए रिपोर्ट.
ऑपरेशन सिंदूर के बाद चीन ने कहा कि भारत और पाकिस्तान को क्षेत्र में शांति और स्थिरता बनाए रखने के लिए तनाव को कम से कम करने पर ध्यान देना होगा. अंतरराष्ट्रीय समुदाय के साथ काम करने से तनाव को कम करने में निर्णायक भूमिका निभाई जा सकती है.
ट्रंप ने चीन की मौजूदा आर्थिक स्थिति का भी हवाला दिया, जहां मैन्युफैक्चरिंग परचेजिंग मैनेजर्स इंडेक्स (PMI) के अनुसार फैक्ट्री गतिविधियां 2023 के बाद से सबसे बड़ी गिरावट में हैं. वहीं, नए निर्यात ऑर्डर दिसंबर 2022 के बाद सबसे निचले स्तर पर आ गए हैं और अप्रैल 2023 के बाद से सबसे बड़ी गिरावट दर्ज की गई है- जब शंघाई में सख्त लॉकडाउन लागू था.
अमेरिका और चीन के बीच जारी टैरिफ वॉर ने अब चीन की नींव हिला दी है. Goldman Sachs की रिपोर्ट के मुताबिक, अगर अमेरिकी टैरिफ ऐसे ही बढ़ते रहे तो चीन में करीब 1.6 करोड़ नौकरियां खत्म हो सकती हैं. खुदरा और मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर सबसे ज्यादा प्रभावित होंगे. डोनाल्ड ट्रंप की नीतियों और अमेरिकी कंपनियों के चीन छोड़ने के फैसले ने चीन की इकोनॉमी को झटका दे दिया है.
Pakistan का मददगार China अब खुद फंसता हुआ नजर आ रहा है. Donald Trump के दांव से अब फैक्ट्रियां बंद होने लगीं हैं
ईरान के सुप्रीम लीडर अयातुल्ला खामेनेई ने अमेरिकी टैरिफ से परेशान होकर भारत, चीन और रूस के साथ व्यापारिक संबंध मजबूत करने की अपील की है। उन्होंने एशियाई देशों से व्यापार बढ़ाने की बात की, खासकर भारत के साथ। जानें कि कैसे ईरान भारत के साथ अपने व्यापारिक रिश्तों को फिर से मजबूत करने की कोशिश कर रहा है, और पाकिस्तान को क्यों किया दरकिनार।
Stock Market Fall: सप्ताह के चौथे कारोबारी दिन गुरुवार को शेयर बाजार में जारी तेजी पर ब्रेक लगा नजर आया. बीएसई के सेंसेक्स इंडेक्स ने खुलने के साथ ही 200 अंकों का गोता लगा दिया.
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप लगातार चीन पर टैरिफ का दबाव बना रहे थे जो अब काम आ गया है आखिरकार चीन अमेरिका से व्यापार पर बातचीत के लिए तैयार हो चुका है
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के टैरिफ युद्ध से तमाम देशों की इकोनॉमी मुश्किल में पड़ गई है. दूसरी तरफ, चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग भी ट्रंप के टैरिफ का जवाब दे रहे हैं. अमेरिका की तरफ से लगाए गए टैरिफ से बाकी देश कैसे परेशान हैं. इसी पर देखें 'सो सॉरी' का ये एपिसोड.
टैरिफ युद्ध के बीच अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप चीन के प्रेसिडेंट शी जिनपिंग पर भड़क गए हैं. दरअसल, जिनपिंग इन दिनों वियतनाम के दौरे पर हैं और ट्रंप ने उनकी इस यात्रा पर टिप्पणी कर दी है. ट्रंप ने कहा कि वियतनाम दौरे गए जिनपिंग दक्षिण एशियाई देशों में विकल्प तैयार करने में जुटे हैं. देखें US टॉप 10.
राष्ट्रपति ट्रंप ने अमेरिकी अर्थव्यवस्था को बूस्ट देने के इरादे से टैरिफ की पैरवी कर रहे हैं. हालांकि, इसके सकारात्मक और नकारात्मक दोनों तरह के प्रभाव अमेरिकी इकोनॉमी पर पडे़ंगे. एक तरह जहां इससे घरेलू मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा मिलेगा तो वहीं अमेरिका के व्यापार घाटे में भी कमी देखने को मिलेगी.
US-China Tariff War: अमेरिका और चीन में टैरिफ वॉर थमने का नाम नहीं ले रहा है. एक ओर जहां अमेरिका ने जहां चीन पर 145% टैरिफ लगाया है, जिसके जवाब चीन ने भी अमेरिकी आयात पर 125% का हाई टैरिफ लगा दिया है.
अमेरिका ने चीन से इंपोर्ट होने वाले प्रोडक्ट्स पर 145% टैरिफ लागू किया है, लेकिन इस बात की जानकारी चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग को बहुत पहले से ही हो गई थी.
US vs China Tariff War: ट्रंप के टैरिफ वॉर चीन पर... लेकिन बर्बाद हो रहा पाकिस्तान, संकट में पड़ोसी मुल्क!
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