विटामिन D (Vitamin D), जिसे आमतौर पर "सनशाइन विटामिन" कहा जाता है, आज के दौर में एक ऐसी स्वास्थ्य समस्या बनती जा रही है, जिसकी ओर अधिकतर लोग ध्यान नहीं देते. लेकिन विशेषज्ञों की मानें तो यह विटामिन हमारे शरीर की हड्डियों से लेकर मानसिक स्वास्थ्य तक में अहम भूमिका निभाता है.
विटामिन D कैल्शियम के अवशोषण में मदद करता है, जिससे हड्डियां मजबूत बनी रहती हैं. यह इम्यून सिस्टम को दुरुस्त रखने, मांसपेशियों की कार्यक्षमता बढ़ाने और डिप्रेशन जैसी मानसिक समस्याओं से लड़ने में भी कारगर है. इसके अलावा, यह शरीर को कई गंभीर बीमारियों से भी बचा सकता है, जैसे हृदय रोग, डायबिटीज और कुछ प्रकार के कैंसर.
भारतीय आबादी का एक बड़ा हिस्सा, खासतौर पर शहरी क्षेत्रों में रहने वाले लोग, विटामिन D की कमी से जूझ रहे हैं. इसके पीछे मुख्य कारण है सूरज की रोशनी से दूरी, इनडोर लाइफस्टाइल, प्रदूषण और पोषण की कमी. एक सर्वे के अनुसार, भारत में लगभग 70% से अधिक लोगों में विटामिन D की कमी पाई गई है.
विटामिन D का सबसे प्रमुख स्रोत सूरज की रोशनी है. सुबह 8 से 10 बजे तक की धूप शरीर के लिए सबसे उपयुक्त मानी जाती है. इसके अलावा कुछ खाद्य पदार्थों में भी यह विटामिन पाया जाता है, जैसे- अंडे की जर्दी, फैटी फिश (जैसे सैल्मन, टूना), फोर्टिफाइड दूध और अनाज, मशरूम.
यदि किसी को गंभीर कमी हो तो डॉक्टर की सलाह से सप्लीमेंट्स लेना भी जरूरी हो सकता है.
विटामिन D की कमी शरीर को धीरे-धीरे कमजोर कर देती है. हड्डियों में दर्द, कमजोर इम्यूनिटी और मूड खराब रहना इसके आम संकेत हैं, जिन्हें लोग नजरअंदाज कर देते हैं. जानिए विटामिन D की कमी के लक्षण और समय रहते पहचानने का सही तरीका.
Vitamin D: हड्डियों और इम्यूनिटी के लिए विटामिन D लेते हैं, लेकिन क्या आप इसे सही समय और सही चीजों के साथ ले रहे हैं? जानिए कौन से फूड्स और दवाएं विटामिन D का असर कम कर देती हैं और इसे लेने का सही तरीका क्या है.
Vitamin D: सप्लीमेंट लेने के बावजूद भी विटामिन डी का लेवल कम क्यों रहता है? कई लोग सही डोज, टाइमिंग और अब्सॉर्प्शन ना समझ पाने के कारण कमी से जूझते रहते हैं. ऐसे जानें सही लेवल, लक्षण और कैसे बढ़ाएं विटामिन डी.
Fatty Liver & Vitamin D Deficiency: आज के दौर में अनहेल्दी लाइफस्टाइल और गलत खान-पान की वजह से फैटी लिवर की समस्या काफी तेजी से बढ़ रही है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि शरीर में विटामिन D की कमी भी फैटी लिवर की समस्या को बढ़ाने में मदद कर सकती है.
Vitamin D Rich Foods: विटामिन डी की कमी होने पर कैल्शियम भी शरीर में सही तरह काम नहीं कर पाता, जिससे हड्डियां कमजोर हो जाती हैं. जानें कौन से सस्ते और आसानी से मिलने वाले फूड्स शरीर में नेचुरल तरीके से विटामिन डी की कमी पूरी कर सकते हैं.
शरीर में मिनरल्स की कमी पूरे होने करने के लिए सप्लीमेंट्स पर निर्भर रहने की जरूरत नहीं है. इसकी बजाय आप देसी चीजों से इनकी कमी दूर कर सकते हैं.
Right Time To Get Vitamin D From Sunlight: धूप से विटामिन डी मिलता है, लेकिन हर समय की धूप असरदार नहीं होती. रिसर्च के मुताबिक, विटामिन डी बनाने का सबसे अच्छा समय कौन सा ,है ये जानना बहुत जरूरी है. गलत समय पर धूप लेने से फायदा नहीं होता और सनबर्न का खतरा बढ़ जाता है. जानिए कितनी देर धूप में रहना चाहिए, कौन-सी धूप विटामिन डी बनाती है और सनस्क्रीन लगाने से विटामिन डी क्यों कम नहीं होता.
दिल्ली में इस समय धुंध और प्रदूषण की एक चादर बनी हुई है, जिसकी वजह से लोगों को धूप देखने को भी नसीब नहीं हो रही है. मगर क्या आप जानते हैं कि शरीर के लिए धूप कितनी जरूरी होती है. विटामिन डी की कमी को दूर करने के लिए धूप सबसे जरूरी सोर्स है.
Vitamin Deficiencies That Cause Constipation: कब्ज सिर्फ कम फाइबर या कम पानी से नहीं होती कुछ विटामिंस की कमी भी इसकी बड़ी वजह है. विटामिन डी, बी1, बी12 और विटामिन सी की कमी आंतों की गति धीमी कर देती है, जिससे पेट साफ होने में दिक्कत होती है.
विटामिन D के सप्लीमेंट्स का गलत या ज्यादा इस्तेमाल खून में कैल्शियम बुरी तरह से बढ़ा सकता है, जिससे किडनी स्टोन, डैमेज और यहां तक कि किडनी फेलियर का खतरा बढ़ जाता है.
Vitamin D Supplements: क्या आप भी बिना सोचे-समझे विटामिन D सप्लीमेंट ले रहे हैं? अगर हां, तो थोड़ा सावधान हो जाइए. हेल्थ एक्सपर्ट्स का कहना है कि बिना डॉक्टर की सलाह के विटामिन D सप्लीमेंट लेना, फायदे से ज्यादा नुकसान पहुंचा सकता है.
Vitamin D Supplements पर डॉक्टरों की चेतावनी! ये गलती हार्ट-किडनी को कर रही खराब
सोशल मीडिया पर डॉक्टर अंशुमन कौशल का एक वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है, जिसमें वे लोगों को विटामिन-डी के बारे में अब तक की सबसे चौंकाने वाली सच्चाई बताते नजर आ रहे हैं. डॉक्टर का कहना है कि विटामिन-डी असल में कोई विटामिन नहीं, बल्कि एक स्टेरॉइड हार्मोन है, जिसे हम खाते नहीं बल्कि अपनी स्किन और धूप की मदद से खुद बनाते हैं.
डायग्नोस्टिक फर्म मेट्रोपोलिस हेल्थकेयर लिमिटेड द्वारा 6 साल तक भारत में स्टडी की गई जिसका उद्देश्य भारतीयों में विटामिन डी की कमी का पता लगाना था. रिसर्च में क्या सामने आया है, इस स्टडी में जानेंगे.
Metropolis Healthcare की 6 साल की स्टडी में खुलासा — भारत के करीब 46.5% लोगों में Vitamin D deficiency. शहरी लाइफस्टाइल, धूप की कमी और गलत खानपान बने बड़े कारण.
आज कल की लाइफस्टाइल में ज्यादातर लोग घर या ऑफिस में रहते हैं, जिससे शरीर में विटामिन डी की कमी आम हो गई है. इसे पूरा करने के लिए लोग सप्लीमेंट्स लेते हैं, लेकिन गलत समय या गलत तरीके से लेने पर ये बेअसर हो सकते हैं. जानिए विटामिन डी लेने का सही तरीका, सही डोज और किन फूड्स के साथ लेना सबसे फायदेमंद है.
विटामिन डी ना केवल आपकी हड्डियों की मजबूती के लिए बल्कि आपकी ओवरऑल हेल्थ के लिए भी बहुत जरूरी है. लेकिन कुछ फूड्स ऐसे हैं, जो शरीर में विटामिन डी को ढंग से अब्सॉर्ब नहीं होने देती हैं.
भारत में अब 30 की उम्र पार करते ही कई महिलाएं हार्मोनल बदलाव महसूस करने लगी हैं. ये बदलाव उन्हें मेनोपॉज के उस स्टेज पर ले जा रहे होते हैं जिसमें शरीर मासिक चक्र से निवृत्त होता है. भारत में पेरी मेनोपॉज यानि तय उम्र से पहले मेनोपॉज के केसेज बढ़े हैं. ये सिम्प्टम्स बहुत अच्छे नहीं हैं. आइए यहां जानते हैं कि अपनी लाइफ में कौन से बदलाव लाकर हार्मोन चेंज की इस साइकल की रफ्तार धीमी कर सकते हैं.
विटामिन डी आपके शरीर के लिए हड्डियों को मजबूत करने से कहीं ज्यादा काम करता है. डॉ. सौरभ सेठी ने विटामिन डी के फायदे, इसके सोर्स और इम्यून सिस्टम और ओवरऑल हेल्थ के लिए इसके महत्व के बारे में 5 चौंकाने वाले फैक्ट्स बताए हैं.
Vitamin D supplements: शरीर में विटामिन D की कमी को पूरा करने के लिए कुछ लोग सप्लीमेंट्स तो लेते हैं, लेकिन उन्हें इसे लेने का सही तरीका नहीं पता होता. जिससे यह फायदा कम और नुकसान ज्यादा कर सकता है. ऐसे में इस खबर में हम जानेंगे कि विटामिन D सप्लीमेंट्स को कैसे और कब लेना चाहिए, ताकि हड्डियां मजबूत रहें और सेहत बनी रहे.
अमेरिका की ऑगस्टा यूनिवर्सिटी की नई स्टडी में खुलासा हुआ है कि विटामिन डी बुढ़ापे को धीमा कर सकता है. रोज 2000 IU विटामिन डी लेने से टेलोमियर्स बचे रहते हैं. ये डीएनए की रक्षा करते हैं. यह कैंसर और दिल की बीमारियों से बचा सकता है. संतुलित खाना, व्यायाम और नींद स्वस्थ बुढ़ापे के लिए जरूरी हैं.