भारत भले ही धूप वाला देश है लेकिन यहां के लोगों में विटामिन D की कमी सबसे ज्यादा पाई जाती है, खासकर महिलाओं में. कई रिसर्च के मुताबिक, देश की लगभग 80–90% महिलाएं विटामिन D की कमी से जूझ रही हैं. इसकी सबसे बड़ी वजह धूप में कम निकलना, शरीर ढकने वाले कपड़े पहनना और खाने में विटामिन D से भरपूर चीजों की कमी होना है.
शरीर में कितना विटामिन D का लेवल होना चाहिए
जब शरीर में विटामिन D का लेवल 20 ng/mL से कम हो जाता है तो इसे कमी माना जाता है. वहीं, 12 ng/mL से नीचे का लेवल गंभीर होता है और तुरंत इलाज की जरूरत होती है. वहीं 30 ng/mL या उससे ज्यादा लेवल को सही माना जाता है.
महिलाओं में विटामिन D की कमी का सबसे बड़ा लक्षण
हड्डियों और जोड़ों में दर्द
पीठ, कमर, कूल्हों, पैरों या पसलियों में गहरा दर्द होना विटामिन D की कमी का संकेत हो सकता है. इसकी कमी से हड्डियां कमजोर और नरम होने लगती हैं, जिसे ऑस्टियोमलेशिया कहा जाता है. मेनोपॉज के बाद महिलाओं में हड्डी टूटने का खतरा ज्यादा होता है. अक्सर इस दर्द को उम्र बढ़ने का असर मान लिया जाता है, जबकि असल वजह कैल्शियम और विटामिन D की कमी होती है.
मूड स्विंग्स और नींद की परेशानी
विटामिन D दिमाग में खुश रहने वाले हार्मोन सेरोटोनिन को बैलेंस रखता है. इसकी कमी से चिड़चिड़ापन, उदासी, घबराहट और ध्यान लगाने में दिक्कत हो सकती है. साथ ही नींद न आना या बार-बार नींद टूटना भी आम समस्या है. कम धूप, नाइट शिफ्ट और प्रदूषण इस परेशानी को और बढ़ा देते हैं.
कमजोर इम्युनिटी और देर से रिकवरी
बार-बार सर्दी, खांसी या फ्लू होना और बीमारी से देर से ठीक होना इस बात का संकेत है कि शरीर इम्यूनिटी कमजोर हो गई है. घाव भी जल्दी नहीं भरते. जिन महिलाओं में विटामिन D की कमी होती है, उनके बच्चों में भी हड्डियों से जुड़ी समस्याओं का खतरा बढ़ सकता है.
अन्य संकेत
बालों का ज्यादा झड़ना, बिना वजह वजन बढ़ना, ज्यादा पसीना आना या ब्लड प्रेशर बढ़ना, दांतों में कैविटी या मसूड़ों से खून आना, हाथ-पैरों में झनझनाहट, त्वचा का पीला पड़ना या भूख कम लगना
ये सभी लक्षण शरीर में विटामिन D की कमी की ओर इशारा करते हैं, जिन्हें इग्नोर नहीं करना चाहिए.
विटामिन D की कमी को पूरा करने के लिए महिलाएं क्या करें?
सबसे पहले शरीर में विटामिन D का लेवल जानने के लिए ब्लड टेस्ट कराएं. डॉक्टर की सलाह अनुसार विटामिन D सप्लीमेंट लें, रोजाना 10 से 30 मिनट तक दोपहर की धूप में हाथ और चेहरा खुला रखकर बैठे. इसके अलावा खाने में अंडा, मछली, फोर्टिफाइड दूध, दही और पनीर को शामिल करें.