मुहम्मद यूनुस (Muhammad Yunus) एक बांग्लादेशी (Bangladesh) राजनीतिज्ञ हैं, वह उद्यमी, बैंकर, अर्थशास्त्री भी हैं. 6 अगस्त 2024 को संसद को भंग करने के बाद, बांग्लादेशी राष्ट्रपति मोहम्मद शहाबुद्दीन ने पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना (Former PM Sheikh Hasina) के इस्तीफे के बाद छात्रों की मांगों के अनुसार बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के प्रमुख के रूप में कार्य करने के लिए यूनुस को नामित किया. उन्होंने 8 अगस्त 2024 को पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के मुख्य सलाहकार के रूप में पदभार ग्रहण किया.
उनको ग्रामीण बैंक की स्थापना और माइक्रोक्रेडिट और माइक्रोफाइनेंस की अवधारणाओं को आगे बढ़ाने के लिए 2006 में नोबेल शांति पुरस्कार से सम्मानित किया गया था.
यूनुस को अमेरिका सहित कई अन्य राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय सम्मान मिले हैं. उन्हें 2009 में यूनाइटेड स्टेट्स प्रेसिडेंशियल मेडल ऑफ फ्रीडम और 2010 में कांग्रेसनल गोल्ड मेडल मिल चुका है. यूनुस उन सात व्यक्तियों में से एक हैं जिन्हें नोबेल शांति पुरस्कार, यूनाइटेड स्टेट्स प्रेसिडेंशियल मेडल ऑफ फ्रीडम और यूनाइटेड स्टेट्स कांग्रेसनल गोल्ड मेडल से सम्मानित किया गया है.2012 में, वे स्कॉटलैंड में ग्लासगो कैलेडोनियन विश्वविद्यालय के चांसलर बने, इस पद पर वे 2018 तक रहे. इससे पहले, वे बांग्लादेश के चटगांव विश्वविद्यालय में अर्थशास्त्र के प्रोफेसर थे. उन्होंने अपने वित्त कार्य से संबंधित कई पुस्तकें प्रकाशित कीं. वे ग्रामीण अमेरिका और ग्रामीण फाउंडेशन के संस्थापक बोर्ड सदस्य हैं, जो माइक्रोक्रेडिट का समर्थन करते हैं.
बांग्लादेश के पूर्व राष्ट्रपति राष्ट्रपति अब्दुल हामिद रातो-रात लुंगी पहनकर देश छोड़कर भाग गए. हालांकि, उनके परिवार का दावा है कि वे अपने भाई और साले के साथ इलाज के लिए गए हैं. वहीं, अंतरिम सरकार ने मामले की जांच के लिए एक कमेटी गठित कर दी है.
बांग्लादेश सरकार ने शेख हसीना की पार्टी आवामी लीग पर बैन लगाया. आतंकवाद विरोधी कानून के तहत पार्टी की गतिविधियां अवैध घोषित की गईं.
यूनुस की अंतरिम सरकार ने शुक्रवार को मेजर जनरल (सेवानिवृत्त) ए.एल.एम. फजलुर रहमान की इस टिप्पणी से दूरी बना ली है. रहमान ने मंगलवार को बांग्ला भाषा में अपने फेसबुक पोस्ट में लिखा, 'अगर भारत पाकिस्तान पर हमला करता है, तो बांग्लादेश को भारत के सात पूर्वोत्तर राज्यों पर कब्जा कर लेना चाहिए.'
बांग्लादेश की इस्लामिक पार्टियों का आरोप है कि यूनुस सरकार महिला आयोग और अन्य सुधार आयोगों की कुछ सिफारिशों को लागू कर रही है, जो उनके अनुसार इस्लाम विरोधी हैं. इन सिफारिशों में कथित तौर पर महिलाओं के अधिकारों, लैंगिक समानता और धर्मनिरपेक्ष नीतियों को बढ़ावा देने वाली नीतियां शामिल हैं.
भारत सरकार की कार्रवाई के साथ-साथ पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई और पाकिस्तानी सैन्य अधिकारियों की बांग्लादेश में बढ़ती मौजूदगी को देखते हुए यह फैसला लिया गया है. पाकिस्तान तनाव के बीच बांग्लादेश के कट्टरपंथियों को मोहरा बनाकर बड़ी साजिश को अंजाम दे सकता है.
हाल में बांग्लादेशी नेता मोहम्मद यूनुस ने भारत के पूर्वोत्तर को लैंडलॉक्ड बताते हुए एक तरह से धमकी ही दे डाली. ये राज्य पश्चिम बंगाल के एक संकरे गलियारे के जरिए भारत से जुड़े हुए हैं, जिसे चिकन नेक भी कहते हैं. गलियारा तीन देशों, बांग्लादेश, नेपाल और भूटान से सटता है. aajtak.in इन मुल्कों की सीमाओं तक पहुंचा. दो के बॉर्डर भी पार किए और समझा कि 22 किलोमीटर चौड़े कॉरिडोर के हालात कैसे हैं और एक देश से दूसरे या तीसरे देश चले जाना कितना आसान या मुश्किल है.
बांग्लादेश के विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि बांग्लादेश भारत के जम्मू-कश्मीर में हुए आतंकवादी हमले की कड़ी निंदा करता है. इसके बाद बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के मुख्य सलाहकार प्रोफेसर मुहम्मद यूनुस ने भी आतंकवादी हमले को लेकर अपनी संवेदना जताई है.
एक कहावत है हम तो खुद डूबेंगे, तुमको भी ले डूबेंगे. यही हाल पाकिस्तान से गलबहियां कर रहे बांग्लादेश का है. इस समय बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था चरमरा रही है. और कंगाली में आटा गीला इस तरह हुआ है कि IMF से लोन को लेकर बांग्लादेश की बातचीत में दो हफ्ते बाद भी कोई प्रगति नहीं हुई है. IMF ने बांग्लादेश को दी जाने वाली ऋण की अगली किश्त रोक दी है. देखें रणभूमि.
करीब 15 सालों के बाद बांग्लादेश और पाकिस्तान के बीच द्विपक्षीय बातचीत हुई इस बैठक में बांग्लादेश ने 1971 के मुक्ति संग्राम के दौरान पाकिस्तान से उसकी सेना द्वारा बांग्लादेशियों के नरसंहार के लिए सार्वजनिक माफी की मांग की है
बांग्लादेश ने 1971 से पूर्व संयुक्त पाकिस्तानी परिसंपत्तियों में से अपने हिस्से के रूप में 4.52 बिलियन डॉलर का दावा किया, जिसमें विदेशी सहायता, बकाया भविष्य निधि और बचत योजनाएं शामिल थीं. बता दें कि 1971 में पाकिस्तान से अलग होकर बांग्लादेश (तत्कालीन पूर्वी पाकिस्तान) एक स्वतंत्र राष्ट्र बना था.
शफीकुल आलम ने कहा कि हम मुर्शिदाबाद में हुई साम्प्रदायिक हिंसा में बांग्लादेश को घसीटने के किसी भी प्रयास को दृढ़ता से खारिज करते हैं. हम मुसलमानों पर हुए हमलों की कड़ी निंदा करते हैं, जिनमें जान-माल का नुकसान हुआ है.
'अगर आप आग से खेलते हैं तो...', शेख हसीना ने मोहम्मद यूनुस को दी चेतावनी
बांग्लादेश की ब्यूटी क्वीन 30 वर्षीय मेघना के पिता बदरूल आलम ने कहा कि उनकी बेटी की गिरफ्तारी ढाका में एक खाड़ी देश के राजदूत के साथ संबंधों के कारण हुई थी. मेघना के पिता बदरूल आलम ने कहा कि, 'राजदूत और मेघना के बीच संबंध थे और मेरी बेटी ने उनके विवाह प्रस्ताव को अस्वीकार कर दिया, क्योंकि उनकी पहले से ही पत्नी और बच्चे हैं.
बांग्लेदश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना ने कहा, "देश के स्वतंत्रता संग्राम के सभी चिह्न मिटाए जा रहे हैं. स्वतंत्रता सेनानियों का अपमान किया जा रहा है. हमने उनकी यादों को जिंदा रखने के लिए सभी जिलों में मेमोरियल बनाए थे, लेकिन उन्हें जला दिया जा रहा है.
शेख हसीना सरकार का तख्तापलट करके बनी बांग्लादेश की केयरटेकर सरकार के मुखिया मोहम्मद युनूस को अपना बड़बोलापन भारी पड़ गया है. पिछले दिनों एक के बाद एक उन्होंने कुछ ऐसे बयान और फैसले लिये जो भारत की अस्मिता और सुरक्षा के खिलाफ थे. नतीजा ये हुआ कि भारत की एक चोट ने उसकी आर्थिक रीढ़ पर गहरा घाव किया है.
बांग्लादेश की दिक्कत है कि उसे अब निर्यात के लिए चटगांव या मोंगला जैसे बंदरगाहों पर पूरी तरह निर्भर रहना होगा. लेकिन ये पोर्ट पहले से ही भीड़भाड़ और सीमित क्षमता से जूझ रहे हैं. भारतीय बंदरगाहों की तुलना में इनकी अंतरराष्ट्रीय कनेक्टिविटी कम है, जिससे शिपिंग में समय और लागत बढ़ेगी. बांग्लादेश को अपने यहां से निर्यात करने में भारत की तुलना में लगभग 3 गुना खर्च करना पड़ता है.
बांग्लादेश के एक्सपोर्ट कार्गो को भारतीय भूमि सीमा शुल्क स्टेशनों, पोर्ट और एयरपोर्ट के जरिए तीसरे देशों तक ले जाने की इजाजत मिली हुई थी. लेकिन अब भारत की ओर से यह सुविधा रद्द होने के बाद नेपाल, भूटान और म्यांमार के साथ होने वाले बांग्लादेश के कारोबार पर असर पड़ सकता है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बांग्लादेश सरकार के अंतरिम सलाहकार मोहम्मद यूनुस के बीच चार अप्रैल को थाईलैंड में BIMSTEC समिट से इतर द्विपक्षीय वार्ता हुई थी. भारत सरकार के विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने बताया था कि बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों के जो हालात हैं, उस मुद्दे को इस मीटिंग में उठाया गया था.
बिम्सटेक शिखर सम्मेलन के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बांग्लादेश के मुख्य सलाहकार मोहम्मद यूनुस की मुलाकात हुई. इस मुलाकात में भारत ने बांग्लादेश में हिंदुओं समेत सभी अल्पसंख्यकों की सुरक्षा का मुद्दा उठाया. भारत ने बांग्लादेश से कहा कि वह स्थिर, शांतिप्रिय और समावेशी प्रजातंत्र के पक्ष में है.
बिम्स्टेक शिखर सम्मेलन के दौरान पीएम नरेंद्र मोदी और बांग्लादेश के मुख्य सलाहकार मोहम्मद यूनुस की मुलाकात हुई. पीएम मोदी ने बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचार का मुद्दा उठाया और उनकी सुरक्षा पर चिंता व्यक्त की. मुलाकात की पहल बांग्लादेश की ओर से हुई, जो यूनुस के चीन दौरे के बाद हुई.
बैंकॉक में आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के मुखिया मोहम्मद यूनुस की मुलाकात हुई इस मुलाकात के दौरान यूनुस ने शेख हसीना के प्रत्यर्पण का मुद्दा उठाया है