लोकसभा (Loksabha), जिसे भारत की निचली सदन या संसद का निचला सदन कहा जाता है, भारतीय लोकतंत्र का सबसे महत्वपूर्ण और प्रत्यक्ष रूप से चुना गया अंग है. यह न केवल जनता की आवाज को संसद में पहुंचाता है, बल्कि देश की नीतियों, कानूनों और बजट निर्माण की प्रक्रिया में केंद्रीय भूमिका निभाता है.
लोकसभा में कुल 545 सदस्य होते हैं- 543 सदस्य जनता द्वारा सीधे निर्वाचन के माध्यम से चुने जाते हैं. 2 सदस्य राष्ट्रपति द्वारा एंग्लो-इंडियन समुदाय के प्रतिनिधित्व के लिए नामित किए जा सकते हैं (हालांकि यह प्रावधान अब हट चुका है, लेकिन ऐतिहासिक दृष्टि से उल्लेखनीय है).
इन सदस्यों का चुनाव प्रत्येक 5 वर्ष में एक बार होता है, या यदि सदन पहले भंग कर दिया जाए तो समय से पहले भी चुनाव हो सकता है. लोकसभा सीटों का विभाजन भारत की जनसंख्या के आधार पर राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में किया गया है.
लोकसभा अध्यक्ष (Speaker)- सदन का संचालन करते हैं और निष्पक्षता का प्रतीक होते हैं.
प्रधानमंत्री- लोकसभा का नेता होता है, जिसे सबसे बड़ी पार्टी या गठबंधन का समर्थन प्राप्त होता है.
विपक्ष के नेता- वह सदस्य जो सरकार की नीतियों की आलोचना और संतुलन का कार्य करता है.
विधायी कार्य- कानून बनाना लोकसभा का मुख्य कार्य है. कोई भी विधेयक लोकसभा में प्रस्तुत होकर पारित हो सकता है और फिर राज्यसभा व राष्ट्रपति की स्वीकृति से कानून बनता है.
वित्तीय अधिकार- वित्त विधेयक केवल लोकसभा में प्रस्तुत किया जा सकता है. इसमें बजट, कर निर्धारण और सरकारी व्यय की मंजूरी शामिल है.
नियंत्रण- सरकार की कार्यप्रणाली पर निगरानी रखना, प्रश्न पूछना, बहस करना, और अविश्वास प्रस्ताव लाना – ये सभी लोकसभा के महत्वपूर्ण दायित्व हैं.
भारत में लोकसभा चुनाव भारतीय निर्वाचन आयोग की निगरानी में आयोजित किए जाते हैं. यह विश्व का सबसे बड़ा लोकतांत्रिक चुनाव होता है, जिसमें करोड़ों मतदाता भाग लेते हैं. इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (EVM) के माध्यम से मतदान होता है.
1952 में पहला आम चुनाव हुआ और पहली लोकसभा का गठन हुआ. तब से लेकर आज तक लोकसभा भारतीय राजनीति का केंद्र बनी हुई है, और इसमें कई ऐतिहासिक निर्णय लिए गए हैं– जैसे कि आपातकालीन घोषणाएं, आर्थिक सुधारों से जुड़े विधेयक, और ऐतिहासिक सामाजिक न्याय संबंधी कानून.
संसद में केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने उन नए नियमों का जिक्र किया जिनमें 36 घंटे के अंदर कंटेंट हटाने की व्यवस्था शामिल है. उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर सख्त कार्रवाई और मजबूत नियम बनाने की आवश्यकता पर बल दिया. साथ ही अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और लोकतंत्र के बीच संतुलन बनाए रखने की बात कही और डिजिटल इंडिया पहल की सफलता को स्वीकार किया.
लोकसभा में संचार साथी ऐप को अनिवार्य रूप से प्री-इंस्टॉल करने को लेकर केंद्रीय संचार मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया और कांग्रेस सांसद कार्ति चिदंबरम के बीच तीखी बहस हुई. सिंधिया ने स्पष्ट किया कि नियम 7B में यूजर पर कोई पाबंदी नहीं है और ऐप को अनइंस्टॉल किया जा सकता है, यह नियम केवल निर्माता कंपनियों के लिए है और इसका उद्देश्य जनता को साइबर फ्रॉड से बचाना है.
संसद के चालू शीतकालीन सत्र के दूसरे दिन भी दोनों सदनों एसआईआर के मुद्दे पर हंगामा जारी रहा. हंगामे के बीच ही राज्यसभा ने मणिपुर जीएसटी बिल लौटा दिया है. राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे और संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू के बीच तीखी तकरार भी नजर आई.
8th Pay Commission: आठवें वेतन आयोग को लागू करने की तैयारियां जोरों पर हैं. इसके लागू होने पर करीब 50 लाख केंद्रीय कर्मचारियों और 69 लाख पेंशनर्स को सीधा फायदा होगा.
संसद के शीतकालीन सत्र का पहला दिन हंगामेदार रहा. राज्यसभा में पहले दिन सीपी राधाकृष्णन ने सदन की कार्यवाही की कमान संभाल ली है. हंगामे के बीच लोकसभा में तीन बिल पेश किए गए, जिनमें से एक बिना चर्चा के पारित भी हो गया है.
लोकसभा में दिल्ली-एनसीआर की खराब वायु गुणवत्ता पर बहस हुई, जिसमें सांसदों ने केंद्र और दिल्ली सरकार की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए वन मंत्री भूपेंद्र यादव ने प्रदूषण की गंभीरता स्वीकार करते हुए 2025 तक सुधार के आंकड़े साझा किए. उन्होंने बताया कि केंद्र ने CAQM और GRAP के तहत सख्त नियम लागू किए हैं, लेकिन विपक्ष ने फंड के उपयोग और कार्यान्वयन में कमी पर चिंता जताई.
संसद का शीतकालीन सत्र आज से शुरू हो रहा है जो कि 19 दिसंबर तक चलेगा. देश के 12 राज्यों में चल रही SIR को लेकर विपक्ष ने संसद में सरकार को घेरने का प्लान बनाया है. दिल्ली में हुए आतंकी धमाके के सिलसिले में NIA ने कश्मीर घाटी के कई हिस्सों में बड़े पैमाने पर छापेमारी की है. वहीं, पाकिस्तान में सैन्य नेतृत्व को लेकर एक बड़ा संवैधानिक और प्रशासनिक संकट पैदा हो गया है.
समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने अमित शाह के नक्सलवाद को निकाल फेंकने वाले बयान पर अपनी प्रतिक्रिया दी है. अखिलेश ने बीजेपी पर हमला करते हुए कहा कि सरकार अपने ऊपर ही आरोप लगा रही है और यह सवाल वह लोकसभा में पूछेंगे की 11 साल से घुसपैठिये आ कैसे रहें है.
लोकसभा और विधानसभाओं में महिलाओं को 33 फीसदी आरक्षण देने वाले नारी शक्ति वंदन अधिनियम को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से जवाब मांगा है. अदालत ने पूछा है कि महिला आरक्षण कब लागू किया जाएगा और परिसीमन (delimitation) प्रक्रिया कब शुरू होगी. कांग्रेस नेता जया ठाकुर की याचिका पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने कहा कि अब वक्त आ गया है जब सरकार को इस कानून की टाइमलाइन साफ करनी चाहिए.
लोकसभा और राज्यसभा के सदस्य उपराष्ट्रपति चुनाव में वोटिंग करते हैं और संख्याबल के लिहाज से एनडीए उम्मीदवार सीपी राधाकृष्णन का पलड़ा बहुत भारी है. लेकिन INDIA ब्लॉक ने बी. सुदर्शन को वैचारिक लड़ाई लड़ने के लिए चुनाव में खड़ा किया है.
चेतेश्वर पुजारा के रिटायरमेंट के बाद कांग्रेस नेता और लोकसभा सांसद शशि थरूर ने एक इमोशनल पोस्ट शेयर किया है.
मॉनसून सत्र की शुरुआत जब हुई, राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ थे. समापन के समय कार्यवाहक सभापति हरिवंश चेयर का चेहरा बन चुके थे. राज्यसभा में जीरो ऑवर के बाद लिस्टेड बिजनेस लेने की परंपरा भी इस बार बदल गई.
Union Home Minister Amit Shah ने कहा कि अगर जेल जाने के बाद केजरीवाल ने इस्तीफा दिया होता तो प्रधानमंत्री-CM पर नए Bill की ज़रूरत नहीं पड़ती. प्रस्तावित बिल में 30 दिन से ज्यादा हिरासत में रहने वाले PM, CM और मंत्रियों को पद से हटाने का प्रावधान है.
Explainer: Online Gaming Industry में होगा बड़ा बदलाव, सरकार ऑनलाइन बेटिंग वाले गेमिंग-ऐप्स पर पूरी तरह से बैन लगाएगी
पिछले एक दशक में भारत में डिजिटल क्रांति के साथ फैंटेसी लीग, कार्ड गेम्स, ऑनलाइन लॉटरी, पोकर, रमी और सट्टेबाजी जैसे प्लेटफॉर्म्स की संख्या में इजाफा देखा गया. सरकार अब इनपर लगाम लगाने जा रही है. लोकसभा से प्रमोशन एंड रेग्युलेशन ऑफ ऑनलाइन गेमिंग बिल, 2025 पास कर गया है.
मॉनसून सत्र में लोकसभा में जिन सांसदों को 120 घंटे देश के हित में चर्चा करनी थी, वहां केवल 37 घंटे काम हुआ. 83 घंटे बर्बाद कर दिए गए. यानी 31 फीसदी काम हुआ. 69 फीसदी समय मेरी सियासत-तुम्हारी सियासत के नाम हंगामे में बहा दिया गया और यही राज्यसभा में हुआ. जहां 120 घंटे के काम के नाम पर 47 घंटे काम करके सांसदों ने अपने हित के हंगामे के कारण देशहित के 73 घंटों को बर्बाद होने दिया. यानी 38 फीसदी काम किया.
इस मानसून सत्र में लोकसभा में जहां 120 घंटे चर्चा के लिए तय किए गए थे तो वहां केवल 37 घंटे ही काम हुआदू सरी तरफ राज्यसभा में भी 120 घंटे की जगह सिर्फ 47 घंटे ही काम हुआ बाकी के घंटे सांसदों ने हंगामा करके ही गुजार दिए
मॉनसून सत्र के दौरान हंगामे के कारण दोनों सदनों का कामकाज प्रभावित हुआ. दमन-दीव के निर्दलीय सांसद उमेश पटेल ने सत्तापक्ष और विपक्ष से सदन नहीं चलने देने के लिए माफी मांगने की मांग की है.
संसद का मॉनसून सत्र काफी हंगामेदार रहा था.लोकसभा में चर्चा के लिए 120 घंटे का वक्त तय था, लेकिन सिर्फ 37 घंटे की चर्चा हो सकी.मॉनसून सत्र के आखिरी दिन सांसद ने सदन में गतिरोध के लिए सांसदों के वेतन में कटौती की मांग करते हुए संसद भवन परिसर में प्रोटेस्ट किया है.
मानसून सत्र 2025 में लोकसभा और राज्यसभा का कामकाज हंगामे के चलते प्रभावित रहा. लोकसभा की उत्पादकता केवल 31% और राज्यसभा की 33% रही. सत्र में कई महत्वपूर्ण बिल पास हुए, जैसे मणिपुर में राष्ट्रपति शासन का विस्तार, नेशनल स्पोर्ट्स गवर्नेंस बिल, ऑनलाइन गेमिंग बिल और कई अन्य. आयकर विधेयक 2025 को वापस लिया गया. स्पेस प्रोग्राम पर चर्चा अधूरी रह गई. विपक्ष के विरोध और हंगामे के कारण संसद का कामकाज बाधित हुआ, जिससे सवालों और नोटिस का जवाब सीमित रहा.
ऑनलाइन गेमिंग बिल के कानून बनने के बाद ई-स्पोर्ट्स को भारत में एक आधिकारिक खेल का दर्जा मिलेगा. खेल मंत्रालय ई-स्पोर्ट्स के लिए नियम, गाइडलाइंस जारी करेगा. साथ ही इसके लिए प्रशिक्षण अकादमी और रिसर्च सेंटर की भी स्थापना होगी.