केरल के 140 सीट के लिए मई 2026 को विधानसभा चुनाव होना है (Kerala Assembly Election 2026). केरल, जिसे भारत का शिक्षित और जागरूक राज्य माना जाता है, वहां की राजनीति हमेशा विचारधाराओं की टकराहट और मतदाताओं की स्पष्ट सोच के लिए जानी जाती है. अगले साल होने वाले केरल विधानसभा चुनाव को लेकर अभी से राजनीतिक हलचल तेज हो गई है. यह चुनाव सिर्फ सत्ता परिवर्तन का नहीं, बल्कि राज्य के सामाजिक, आर्थिक और सांस्कृतिक दिशा को तय करने वाला एक अहम पड़ाव होगा.
केरल की राजनीति पारंपरिक रूप से दो मुख्य गठबंधनों के बीच घूमती रही है-
लेफ्ट डेमोक्रेटिक फ्रंट (LDF) – जिसका नेतृत्व CPI(M) करती है. वर्तमान में यह सत्ता में है. मुख्यमंत्री पिनराई विजयन के नेतृत्व में LDF ने शिक्षा, स्वास्थ्य और बुनियादी ढांचे में कई योजनाएं लागू की हैं. हालांकि सरकार को आर्थिक चुनौतियों और कुछ घोटालों को लेकर आलोचना भी झेलनी पड़ी है.
यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (UDF) – कांग्रेस के नेतृत्व वाला यह गठबंधन हर बार एक मजबूत विकल्प के रूप में सामने आता है. 2026 के लिए कांग्रेस और सहयोगी दल राज्य के विभिन्न क्षेत्रों में जनसंपर्क अभियान चला रहे हैं.
भारतीय जनता पार्टी (BJP) – हालांकि केरल में अब तक BJP को बड़ी सफलता नहीं मिली है, परंतु पार्टी राज्य में अपना जनाधार बढ़ाने के लिए आक्रामक प्रचार में जुटी है. केंद्र सरकार की योजनाओं और विकास कार्यों को राज्य में प्रचारित किया जा रहा है.
ठीक सौ साल पहले देश में दो विपरीत विचारधारा वाले संगठनों की नींव पड़ी थी. कम्युनिस्ट पार्टी और इंडिया (CPI) और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS). एक लेफ्ट, तो दूसरा राइट. सत्ताधारी पार्टी बीजेपी का मातृ संगठन होने के नाते RSS साल भर से अलग अलग राजनीतिक गतिविधियों में छाया हुआ है, जबकि सीपीआई के समर्थकों की रस्मअदायगी भर महसूस होती है.
बीजेपी के राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष नितिन नबीन ने मिशन बंगाल की शुरुआत की घोषणा की है. उन्होंने बिहार में मिली शानदार जीत का हवाला देते हुए सभी पार्टी कार्यकर्ताओं को एक बड़ा संदेश दिया है. नबीन ने कहा है कि बीजेपी की पार्टी बंगाल से केरल तक अपने प्रभाव को बढ़ाएगी और भगवा झंडा लहराएगी. वे पटना में हुई पार्टी की बैठक में इस बात पर बल दे रहे हैं कि बिहार के नेता और कार्यकर्ता आने वाले चुनाव में पूरी लगन के साथ मिशन बंगाल पर काम करें.
केरल में एसआईआर प्रक्रिया के तहत वोटर लिस्ट के डिजिटलीकरण का 99.99 प्रतिशत काम पूरा हो गया है. करीब 25 लाख मृत और अनुपस्थित मतदाताओं के नाम हटाए जाएंगे. 11 जिलों में काम पूरा हो गया है.
उत्तर प्रदेश की राजनीति में बड़ा बदलाव आया है. उपचुनाव की तारीख आगे बढ़ाई गई है. पहले 13 नवंबर को होने वाले उपचुनाव की तारीख को अब 20 नवंबर कर दिया गया है. इस बदलाव का कारण अभी तक स्पष्ट नहीं किया गया है. उत्तर प्रदेश में राजनीतिक दलों की तरफ से इस बदलाव का स्वागत किया गया है. देखिए VIDEO
केरल में स्थानीय निकाय चुनावों के परिणाम 13 दिसंबर को घोषित होने के बाद कई हिंसक घटनाएं दर्ज की गईं. पुलिस ने बताया कि ये घटनाएं खासकर उत्तरी जिलों में हुईं, जहां UDF और CPI(M) के कार्यकर्ता आपस में भिड़ गए. कोझिकोड में एक कांग्रेस कार्यालय में तोड़फोड़ की गई, जिसमें इंदिरा गांधी की प्रतिमा को भी नुकसान पहुंचा.
केरल के स्थानीय निकाय चुनाव के नतीजों ने राज्य की राजनीति में हलचल मचा दी है. लेफ्ट को अपने पारंपरिक गढ़ों में हार मिली है. जबकि कांग्रेस ने जबरदस्त वापसी की है. इधर, शहरी इलाकों में BJP की मजबूत मौजूदगी ने 2026 के विधानसभा चुनाव से पहले बड़ा सियासी संकेत दे दिया है.
अमित शाह 28 दिसंबर से चुनावी राज्यों का दौरा शुरू करने जा रहे हैं. वे बारी-बारी असम, बंगाल और तमिलनाडु का दौरा कर चुनावी तैयारियों, बैठकों और संगठनात्मक रणनीति की समीक्षा करेंगे. सबसे पहले केरल जाने की तैयारी है.
Kerala Local Body Election: केरल स्थानीय निकाय चुनाव के पहले चरण की वोटिंग शुरू हो गई है. 595 निकाय के 11,168 वार्ड के लिए मतदान हो रहा है. 36000 से ज्यादा उम्मीदवारों की किस्मत दांव पर लगी है. निकाय चुनाव को 2026 का सेमीफाइनल माना जा रहा है.
केरल के स्थानीय निकाय चुनाव के पहले चरण के लिए मंगलवार को मतदान है, जिसमें सभी की निगाहें कांग्रेस सांसद शशि थरूर के संसदीय क्षेत्र तिरुवंतपुरम के इलाके पर लगी है. यहां पर कांग्रेस और लेफ्ट ही नहीं बल्कि बीजेपी भी मुकाबले में है.
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता प्रवीण चक्रवर्ती ने टीवीके प्रमुख विजय से उनके पत्तिनमपक्कम आवास पर मुलाकात की. इस बैठक को लेकर राजनीतिक गलियारों में काफी चर्चाएं हो रही हैं. माना जा रहा है कि इस मुलाकात में खासकर केरल और पुदुच्चेरी में आगामी चुनावों के लिए कांग्रेस को टीवीके का समर्थन हासिल करने पर बातचीत हुई है.
BJP ने केरल के तिरुवनंतपुरम को 2036 के ओलंपिक का वेन्यू बनाने का वादा किया है, जो स्थानीय निकाय चुनावों में राजनीतिक विवाद का विषय बन गया है. CPM ने इसे झूठ और धोखा बताया है. शिक्षा मंत्री ने कहा कि अहमदाबाद को ही ओलंपिक वेन्यू बनाया जाएगा. BJP अध्यक्ष राजीव चंद्रशेखर ने इस आलोचना का जवाब देते हुए कहा कि वे इस वादे को पूरा करने के लिए प्रतिबद्ध हैं और जनता को समझाने का मौका चाहते हैं.
केरल में अगले साल होने वाले 2026 के विधानसभा चुनाव से पहले शहरी निकाय चुनाव हो रहे हैं, जिसे 2026 का सेमीफाइनल माना जा रहा है. लेफ्ट के सामने अपने दुर्ग को बचाए रखने की चुनौती है तो कांग्रेस अपनी वापसी के बेताब है और बीजेपी अपनी जड़े जमाने की जद्दोजहद में जुटी है.
केरल में स्थानीय निकाय चुनावों के बीच सरकार ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है और SIR प्रक्रिया पर तत्काल रोक लगाने की मांग की है, ताकि चुनावी व्यवस्था प्रभावित न हो.
आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत की सलाह है कि भारत को 'इंडिया' नहीं कहना चाहिए, क्योंकि इससे देश की सांस्कृतिक पहचान कमजोर होती है. संघ असल में भारत को शक्ति संपन्न बनाकर दुनिया में एक महाशक्ति के रूप में सम्मान दिलाने का पक्षधर है.
संघ प्रमुख मोहन भागवत ने भारत की बेहद सख्त छवि गढ़ने की सिफारिश की है. मोहन भागवत का कहना है कि भारत को अब 'सोने की चिड़िया' जैसी छवि की नहीं, बल्कि शेर बनाने का प्रयास होना चाहिये - क्योंकि पूरी दुनिया ताकतवर होने पर ही अहमियत देती है.
शशि थरूर का राष्ट्रवाद और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का समर्थन कांग्रेस को भारी पड़ रहा है, लेकिन नेतृत्व की तरफ से अब तक कोई कदम नहीं उठाया गया है. कुछ कांग्रेस नेता जरूर शशि थरूर के खिलाफ बयान देते रहे हैं, लेकिन वो उनकी राजनीतिक सेहत पर बेअसर साबित हो रहा है.