परमाणु मिसाइल
परमाणु हथियार से हमला करने के कई तरीकों में मिसाइल से परमाणु बम या हथियार को लक्ष्य तक ले जाकर विस्फोट कराना सबसे आसान और सटीक तरीका है. भारत, चीन, अमेरिका, रूस जैसे देशों के पास परमाणु हथियार से हमला करने में सक्षम मिसाइलों का एक बड़ा जखीरा है (Atomic Missile). ऐसे मिसाइल खास विस्फोटक उपकरण से लैस होते हैं जिसमें परमाणु के विखंडन और संलयन प्रतिक्रियाओं के कारण विनाशकारी विस्फोट होता है (Destructive explosion from fission and fusion reactions). विश्व में हुए पहले परमाणु बम परीक्षण से लगभग 20,000 टन टीएनटी के बराबर ऊर्जा रिलीज हुई थी (First Atom Bomb Test Energy). अब तक कोई भी न्यूक्लियर अटैक मिसाइल के माध्यम से नहीं किया गया है.
एक पारंपरिक बम की साइज का परमाणु बम पूरे शहर को विस्फोट, आग और विकिरण से तबाह कर सकता है (Conventional Atom Bomb can Devastate Entire City by Blast, Fire, and Radiation). चूंकि ये सामूहिक विनाश के हथियार हैं (Mass Destruction Weapon), इसलिए परमाणु हथियारों के प्रसार को लेकर कई तरह की अंतरराष्ट्रीय नीतियां बनाई गई हैं (Treaty on the Non-Proliferation of Nuclear Weapons). परमाणु हथियारों के अप्रसार पर संधि का उद्देश्य परमाणु हथियारों के प्रसार को कम करना है, लेकिन इस संधि के बावजूद परमाणु हथियारों का आधुनिकीकरण आज भी जारी है.
दुनिया में सर्वाधिक परमाणु मिसाइल वाले देशों में पहले नंबर पर रूस है. रूस के पास 5977 परमाणु हथियार हैं. दूसरे नंबर पर मौजूद संयुक्त राज्य अमेरिका के पास 5428 परमाणु बम हैं. चीन 350 परमाणु हथियार के साथ तीसरे स्थान पर है. चौथे पायदान पर आने वाले फ्रांस के पास 290, पांचवें पर खड़े यूके के पास 225, छठे स्थान पर पाकिस्तान के पास 165, भारत 160 परमाणु हथियारों के साथ सातवें स्थान पर और उत्तर कोरिया के पास 20 परमाणु बम हैं (List of Nuclear Power Countries).
परमाणु बमों का स्टोरेज अत्यंत गोपनीय और सुरक्षित होता है. नौ देशों (अमेरिका, रूस आदि) के पास कुल 1 हजार से अधिक बम हैं, जो भूमिगत बंकरों, सैन्य ठिकानों और पनडुब्बियों में रखे जाते हैं. अमेरिका के बम यूरोप के कुछ विकासशील देशों (जैसे तुर्की) में भी तैनात हैं, जिस पर गरीब देशों में हथियार रखने के आरोप लगते हैं.
ब्रिटेन और जर्मनी ने रूस के सैटेलाइट्स को लेकर वॉर्निंग दी है. इन दोनों देशों का कहना है कि रूस की अंतरिक्ष गतिविधियां अब सीधे उनकी सुरक्षा के लिए खतरा बनती जा रही हैं.
ट्रंप का गुप्त न्यूक्लियर हथियार अब सामने आ गया है. कैलिफोर्निया में इसकी पहली झलक मिली. ये 2500 किमी रेंज वाली क्रूज मिसाइल B-52 और B-21 बॉम्बर से छोड़ी जाती है. 150 किलोटन यील्ड, GPS गाइडेंस और रडार-डॉजिंग डिजाइन है. रूस-चीन को चेतावनी के लिए बनाई गई है. 2030 तक पुरानी मिसाइलें बदलेंगी. ये मिसाइल तैनात की जाएगी.
सीआईए के पूर्व अधिकारी रिचर्ड बार्लो ने यह भी कहा कि 1980 के दशक के अंत में अमेरिका को यह जानकारी थी कि पाकिस्तान अपने F-16 लड़ाकू विमानों पर परमाणु हथियार तैनात करने में सक्षम था, फिर भी अमेरिका ने इन विमानों की सप्लाई जारी रखी.
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा था कि हमारे पास दुनिया का सबसे बड़ा परमाणु भंडार है. रूस दूसरे और चीन तीसरे स्थान पर है. अन्य देश अपने परमाणु हथियारों का परीक्षण कर रहे हैं इसलिए डिपार्टमेंट ऑफ वॉर को तुरंत निर्देश दिया जाता है कि हम अपने परमाणु हथियारों का परीक्षण समान आधार पर शुरू करें.
परमाणु बम न्यूक्लियर हथियार हैं, जो फिशन या फ्यूजन से ऊर्जा निकालते हैं. मुख्य चार प्रकार के होते हैं. फिशन बम (हिरोशिमा जैसा धमाका), थर्मोन्यूक्लियर (हाइड्रोजन), न्यूट्रॉन (रेडिएशन) और डर्टी (प्रदूषण फैलाए). लेकिन अन्य प्रकारों को मिला लें तो 6-7 टाइप के न्यूक्लियर बम हो जाते हैं.
अमेरिकी वायुसेना ने कैलिफोर्निया के वांडेनबर्ग बेस से बिना हथियार वाली मिनटमैन III आईसीबीएम का टेस्ट लॉन्च किया. यह नियमित विश्वसनीयता जांच का हिस्सा था. मिसाइल 7,500 किमी दूर मार्शल द्वीप के पास सटीक उतरी. ट्रंप के न्यूक्लियर बयानों के बाद यह टेस्ट हुआ. अमेरिका 2030 तक नई मिसाइलों की योजना बना रहा है.
दुनिया का सबसे ताकतवर परमाणु बम अमेरिका का बी83 है, 1.2 मेगाटन ताकत वाला, जो हिरोशिमा से 80 गुना ज्यादा खतरनाक है. ये किसी शहर के चारों तरफ 15 किमी का इलाका तबाह कर सकता है. रूस का आरएस-28 सरमत 5-10 मेगाटन का, पूरे देश को नष्ट कर सकता है. अमेरिका के पास 3700 वॉरहेड्स हैं, जो दुनिया को 150 बार मिटाने की क्षमता रखते हैं.
ट्रंप के परमाणु बयान के बाद USAF ने मिनटमैन-3 ICBM टेस्ट की तैयारी कर ली है. 5-6 नवंबर को कैलिफोर्निया के वांडेनबर्ग बेस से बिना हथियार वाली मिसाइल लॉन्च करेगा. मार्शल द्वीपों पर निशाना लगेगा. अमेरिका का कहना है कि रूटीन चेक है. मिसाइल की ताकत जांच की जा रही है. CTBT के तहत कोई विस्फोट नहीं होगा.
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने हाल ही में एक टीवी इंटरव्यू में बड़ा दावा किया है. उन्होंने कहा कि पाकिस्तान रूस, चीन और उत्तर कोरिया की तरह गुप्त रूप से न्यूक्लियर टेस्टिंग कर रहा है....अब ऐसे में सवाल उठता है कि आखिर पाकिस्तान के पास कितने न्यूक्लियर हथियार हैं.
पाकिस्तान के परमाणु हथियार भारत के अधिकांश हिस्सों तक पहुंच सकते हैं, लेकिन भारत की मल्टी-लेयर्ड डिफेंस सिस्टम उन्हें आसमान में ही नष्ट करने की क्षमता रखते हैं. पाकिस्तान फाइटर जेट के जरिए भारत में घुसकर बम गिराने की हिम्मत नहीं कर सकता. मिसाइलें ही आखिरी रास्ता बचेगा, उसे रोकने के लिए भारत में बीएमडी सिस्टम (फेज I/II), एस-400, आकाश और रडार नेटवर्क है.
अमेरिका ने 1992 में डिवाइडर नामक आखिरी परमाणु परीक्षण किया, उसके बाद तीन परीक्षण रद्द हो गए. कांग्रेस ने मोरेटोरियम लगाया. CTBT समझौते से परीक्षण रुके. कुल 1054 परीक्षण हुए. चीन-रूस का हवाला देते हुए ट्रंप ने 33 साल बाद फिर न्यूक्लियर टेस्ट शुरू करने का आदेश दिया. लेकिन ऊर्जा सचिव ने विस्फोट रोका.
रूस का जंगी प्लान कुछ इस तरह का है वो यूक्रेन और नाटो के खिलाफ एसिमेट्रिक डिटरेंस का इस्तेमाल करना चाहता है. क्योंकि वो इनसे पारंपरिक युद्ध जीत नहीं पाएगा. इसलिए बुरेवेस्तनिक मिसाइल (अनलिमिटेड रेंज न्यूक्लियर), पोसाइडन अंडरवॉटर ड्रोन (100 मेगाटन सुनामी) और खबरोवस्क पनडुब्बी (पोसाइडन कैरियर) का लॉन्च किया. ताकि दुनिया में डर पैदा हो.
रूस ने खबरोवस्क नाम की नई न्यूक्लियर पनडुब्बी लॉन्च की, जो पोसाइडन न्यूक्लियर ड्रोन दागेगी. सेवमाश शिपयार्ड्स में डिफेंस मिनिस्टर आंद्रेई बेलौसोव की मौजूदगी में हुआ इस पनडुब्बी का लॉन्च हुआ. ये ड्रोन तटीय देशों को मिटाने में सक्षम है. तेज रफ्तार वाला न्यूक्लियर हथियार है. ये पनडुब्बी रूस की समुद्री सीमाओं और हितों की रक्षा मजबूत करेगी.
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के परमाणु हथियारों की टेस्टिंग वाले आदेश पर रूस का बयान आया है. रूस का कहना है कि उन्होंने नए परमाणु हथियार का परीक्षण नहीं किया है जबकि अमेरिका ने नए परमाणु हथियार के परीक्षण की तैयारी शुरू कर दी है.
रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने पोसाइडन नामक न्यूक्लियर-पावर्ड अंडरवॉटर सुपर टॉरपीडो का सफल परीक्षण किया. यह हिरोशिमा बम से 100 गुना ताकतवर 2 मेगाटन वॉरहेड ले जाता है. 185 km/hr की स्पीड और अनलिमिटेड रेंज से दुनिया के 80% तटीय शहरों को निशाना बना सकता है. रेडियोएक्टिव सुनामी पैदा कर सकता है. ये कयामत का टॉरपीडो कहलाता है.
रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने दुनिया की पहली परमाणु-चालित क्रूज मिसाइल 'बुरेवस्तनिक' के सफल परीक्षण की घोषणा कर दी है, जिससे अमेरिका और नाटो देशों में खलबली मच गई है. इसके साथ ही पुतिन ने व्यापक परमाणु परीक्षण प्रतिबंध संधि (CTBT) से रूस की भागीदारी खत्म करने वाले बिल पर भी हस्ताक्षर कर दिए हैं.
रूस ने परमाणु ऊर्जा से चलने वाली क्रूज मिसाइल बुरेवेस्तनिक (Skyfall) का सफल परीक्षण किया है. 20,000 किमी रेंज वाली ये मिसाइल रेडिएशन रिस्क के चलते “फ्लाइंग चेर्नोबिल” कही जा रही है. पुतिन का दावा – कोई डिफेंस सिस्टम नहीं रोक सकता, जिससे अमेरिका और NATO की चिंता बढ़ी.
उत्तर कोरिया ने नई परमाणु मिसाइल ह्वासॉन्ग-20 पेश किया. तीन चरण वाली सॉलिड-फ्यूल ICBM है. रेंज 15000 किमी. MIRV ले जा सकती. पूरे अमेरिका को हिट कर सकती है. नया इंजन ह्वासॉन्ग-18 से 40% ताकतवर (1,970 kN) है. किम ने सबसे शक्तिशाली न्यूक कहा है. वैश्विक तनाव बढ़ा.
रूस की किंझल मिसाइल हाइपरसोनिक स्पीड से उड़ती है. इसकी ट्रैकिंग मुश्किल है. मिग-31 से लॉन्च, 480 किमी रेंज, एयर-टू-ग्राउंड हमलों के लिए. यूक्रेन युद्ध में मार्च 2022 से इस्तेमाल, हथियार डिपो-एयरबेस तबाह कर रही. यह मिसाइल दुश्मन का मनोबल तोड़ती है. पैट्रियट ने कुछ रोकीं, लेकिन ज्यादातर सफल रहीं. युद्ध को और खतरनाक बना रही हैं.
भारत ने अपनी मिसाइल शक्ति में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल की है. पहली बार मध्यम दूरी की परमाणु क्षमता वाली अग्नि प्राइम मिसाइल का रेल आधारित लॉन्चर से सफल परीक्षण किया गया है. इस कामयाबी के साथ भारत दुनिया का चौथा ऐसा देश बन गया है जो रेल आधारित मोबाइल लॉन्चर से मिसाइल दाग सकता है.