भारत सरकार ने बंगाल की खाड़ी में एक संभावित मिसाइल परीक्षण के लिए खतरे का क्षेत्र (डेंजर जोन) बढ़ाने की अधिसूचना जारी की है. यानी नोटिस टू एयरमेन (NOTAM) जारी किया है. यह नो-फ्लाई जोन लगभग 2520 किलोमीटर तक फैला हुआ है, जो हवाई जहाजों और समुद्री यातायात के लिए अस्थाई प्रतिबंध लगाता है.
परीक्षण की तारीखें 17 से 20 दिसंबर 2025 तय हैं. रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) द्वारा आयोजित यह परीक्षण भारत की रणनीतिक क्षमताओं को मजबूत करने का हिस्सा है. संभावित रूप से K-4 सबमरीन लॉन्च्ड बैलिस्टिक मिसाइल (SLBM) का परीक्षण हो सकता है, जो परमाणु-सक्षम है और 3500 KM तक मार कर सकती है.
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यह क्षेत्र विशाखापत्तनम तट के पास बंगाल की खाड़ी में है, जहां भारत के परमाणु-सबमरीन INS अरिहंत और उसके बाद की सबमरीन तैनात हैं. पिछले परीक्षणों की तरह, यह जोन पहले से ज्यादा बड़ा है, जो मिसाइल की उन्नत रेंज और सटीकता का संकेत देता है.
वैज्ञानिक रूप से, इतना बड़ा जोन इसलिए जरूरी है क्योंकि मिसाइल परीक्षण में डेब्री (मलबा) और प्रभाव क्षेत्र बहुत दूर तक फैल सकता है. K-4 मिसाइल की रेंज 3000-3500 किमी है, जो इसे चीनी नौसेना के खिलाफ एक मजबूत हथियार बनाती है. यह मिसाइल ठोस ईंधन से चलती है. सबमरीन से लॉन्च होने पर 20-30 मीटर गहराई से फायर की जा सकती है.
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DRDO के अधिकारियों ने नाम का खुलासा नहीं किया, लेकिन सैटेलाइट विशेषज्ञ डेमियन साइमन और रक्षा विश्लेषकों के अनुसार, यह K-4 SLBM का परीक्षण लगता है.

India issues a notification extending its danger zone for a likely missile test, the range is near 2,520-km
— Damien Symon (@detresfa_) December 10, 2025
Date | 17-20 December 2025 https://t.co/HGlW90O4pG pic.twitter.com/rDzDVIIoRG
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हिंद महासागर में चीनी 'रिसर्च वेसल्स' (जैसे शेन हाई यी हाओ) की मौजूदगी बढ़ी है. ये जहाज जासूसी का काम कर सकते हैं.भारत का यह परीक्षण क्षेत्रीय संतुलन बनाए रखने का संकेत है. अमेरिका और फ्रांस जैसे सहयोगी देशों को सूचित किया गया है.
यह परीक्षण भारत को वैश्विक मिसाइल क्लब में मजबूत बनाएगा. अगले साल K-5 (5,000 किमी रेंज) का इंतजार है.