अशोक चौधरी, राजनेता
अशोक चौधरी (Ashok Choudhary) बिहार के एक भारतीय राजनेता हैं. वह जनता दल यूनाइटेड के सदस्य हैं (Member of JDU) और शेखपुरा के बरबीघा क्षेत्र से राजनीति करते हैं (Ashok Choudhary constituency). 2020 में जब नीतीश कुमार के मंत्रिमंडल में उन्हें बतौर कैबिनेट मंत्री शामिल किया गया था तब वह विधानमंडल के किसी भी सदन के सदस्य नहीं थे. वह 2020 से बिहार सरकार में भवन निर्माण विभाग के मंत्री के रूप में कार्य कर रहे हैं (Ashok Choudhary ministry). वह मंत्री नियुक्त होने के बाद बिहार विधान परिषद के सदस्य बने (Ashok Choudhary MLC).
अशोक चौधरी का जन्म 25 फरवरी 1968 को बिहार के शेखपुरा जिले के बरबीघा प्रखंड में हुआ था (Ashok Choudhary age). उनके पिता का नाम महावीर चौधरी हैं (Ashok Choudhary father). जदयू में आने से पहले उन्होंने अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस से की थी. वह 2000 में पहली बार बरबीघा निर्वाचन क्षेत्र से जीतकर बिहार विधानसभा के सदस्य बने. उन्हें तत्कालीन राबड़ी देवी मंत्रिमंडल में कारा राज्य मंत्री बनाया गया था. अशोक चौधरी 2013 में बिहार प्रदेश कांग्रेस कमिटी का अध्यक्ष भी बनाए गए थे. उन्होंने 2018 में कांग्रेस पार्टी छोड़कर जनता दल (यूनाइटेड) का दामन थाम लिया (Ashok Choudhary political career).
बिहार पहले जंगलराज की स्थिति में था जहाँ लगभग पंद्रह साल तक विकास दर केवल साढ़े तीन से चार प्रतिशत के बीच थी. उस समय यहाँ व्यापारी सुरक्षित नहीं थे, अपहरण और रंगदारी का व्यवसाय खूब फल-फूल रहा था.
बिहार सरकार के मंत्री अशोक चौधरी ने प्रशांत किशोर के आरोप पर काउंटर चैलेंज किया है. उन्होंने जन सुराज के सूत्रधार को चुनौती दी है कि घोषित संपत्ति के अलावा एक भी जमीन का कागज दिखा दें, तो गुलाम करने को तैयार हूं.
बिहार चुनाव से पहले नीतीश कुमार पर उनके साथियों पर लगे भ्रष्टाचार के आरोपों का दबाव बढ़ गया है. प्रशांत किशोर ने अशोक चौधरी समेत कई नेताओं पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए हैं. सवाल ये है कि नीतीश कुमार क्या अपने साथियों को बचा पाएंगे?
जनता दल यू के प्रवक्ता नीरज कुमार अपनी ही पार्टी और गठबंधन के नेताओं को जिस तरह से टार्गेट कर रहे हैं वो सामान्य नहीं है. नीरज कुमार अगर अशोक चौधरी और सम्राट चौधरी पर लग रहे आरोपों पर जिस तरह का सवाल उठा रहे हैं वो बिना किसी ताकतवर की शह के नहीं हो सकता है.
बिहार के सत्ताधीशों के भ्रष्टाचार को जनता के बीच ला रहे प्रशांत किशोर के सामने अजीब स्थिति बन गई है. जदयू नेता अशोक चौधरी ने प्रशांत किशोर के भ्रष्टाचार आरोपों के खिलाफ कानूनी लड़ाई छोड़कर जनता की अदालत में जाने का फैसला किया है. पहले 100 करोड़ का नोटिस भेजने वाले चौधरी ने अचानक यू-टर्न ले लिया है. अब सवाल ये है कि क्या प्रशांत किशोर खुलासे करना बंद कर देंगे?
बिहार की सियासत में किस्मत आजमाने उतरे प्रशांत किशोर विपक्ष के कई दिग्गज नेताओं की किस्मत बिगाड़ते नजर आ रहे हैं. पीके ने निशाने पर उन नेताओं को ले रखा है, जिनके चेहरे के इर्द-गिर्द विपक्ष चुनावी बिसात बिछा रहा था. पीके ने हर रोज एक नया आरोप लगाकर सियासी माहौल गर्मा दिया है.
प्रशांत किशोर ने देश में करीब सभी प्रमुख पार्टियों की चुनाव रणनीति बनाने का काम किया है. जाहिर है कि अपनी पार्टी के लिए वो अपना सर्वश्रेष्ठ दे रहे होंगे. जिस तरह अपना फोकस पर बीजेपी की ओर शिफ्ट कर रहे हैं उससे तो यही लगता है चुनावों के नजदीक आने तक वो मोदी और शाह को भी टार्गेट करेंगे.
प्रशांत किशोर ने अपनी आय और जन सुराज पार्टी की फंडिंग का ब्योरा देकर लगता है, नई मुसीबत मोल ले ली है. पेशेवर फीस की बात अलग है, लेकिन जो कंपनी एक सलाह के लिए भारी भरकम रकम दे सकती है, सवालों के घेरे में तो वो भी आती है - और प्रशांत किशोर के लिए भी पल्ला झाड़ पाना आसान नहीं होगा.
प्रशांत किशोर ने बिहार के डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी को 1995 के एक मर्डर केस में आरोपी बताते हुए गिरफ्तारी की मांग की है, और अशोक चौधरी को चेताया है कि अगर मानहानि का नोटिस वापस नहीं लिया तो 500 करोड़ रुपये का मामला सामने लाएंगे - क्या प्रशांत किशोर बिहार में राहुल गांधी से दो कदम आगे चल रहे हैं?
प्रशांत किशोर बिहार की राजनीति में भ्रष्टाचार को बड़ा मुद्दा बनाने की कोशिश कर रहे हैं, जैसे दिल्ली में अरविंद केजरीवाल ने किया था. लेकिन दिल्ली की तरह बिहार में न तो माहौल है, न ही प्रशांत किशोर के सपोर्ट में अन्ना हजारे जैसा कोई चेहरा है, और यही उनके लिए सबसे बड़ी चुनौती है.
बिहार की राजनीति में भ्रष्टाचार के आरोपों पर गरमागरम बहस छिड़ गई है. जनसुराज के संस्थापक प्रशांत किशोर ने कई प्रमुख नेताओं पर गंभीर आरोप लगाए हैं. उन्होंने नीतीश कुमार के करीबी मंत्री अशोक चौधरी पर दो साल में 200 करोड़ रुपये की संपत्ति खरीदने का आरोप लगाया है.
बिहार के मंत्री अशोक चौधरी ने जन सुराज प्रमुख प्रशांत किशोर को 100 करोड़ रुपये का मानहानि नोटिस भेजा है. चौधरी ने कहा कि किशोर के आरोप निराधार और भ्रामक हैं. उनकी बेटी और सांसद शाम्भवी चौधरी की संपत्ति को लेकर लगाए गए बेनामी आरोपों को उन्होंने खारिज किया. कोर्ट ने किशोर को 17 अक्टूबर को पेश होने के लिए समन जारी किया है.
बिहार सरकार में मंत्री अशोक चौधरी पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाकर प्रशांत किशोर ने नीतीश कुमार की सुशासन वाली छवि पर सवाल खड़ा किया है. अशोक चौधरी और उनकी सांसद बेटी शांभवी चौधरी ने जवाब जरूर दे दिया है, लेकिन फजीहत तो बिहार चुनाव से पहले मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के हिस्से में ही आ रही है.
पूर्व केंद्रीय मंत्री आरके सिंह ने बिहार बीजेपी के बड़े नेताओं पर सवाल उठाए हैं. उन्होंने उप मुख्यमंत्री सम्राट चौधरी और बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष दिलीप जायसवाल से प्रशांत किशोर के गंभीर आरोपों पर सफाई देने की मांग की है. आरके सिंह ने कहा कि वह पार्टी के हित में ही बातें कह रहे हैं.
वैसे तो अशोक चौधरी बिहार सरकार में ग्रामीण कार्य विभाग के मंत्री हैं लेकिन अब वह नेतागिरी के साथ-साथ विश्वविद्यालय में छात्रों को पढ़ाते हुए भी नजर आ सकते हैं. जानकारी के मुताबिक बिहार में विभिन्न कॉलेजों में प्रोफेसर का पद काफी वक्त से खाली पड़ा था जिसको लेकर बिहार राज्य विश्वविद्यालय सेवा आयोग ने योग्य उम्मीदवारों से आवेदन मांगे थे.
तेज प्रताप यादव आगे क्या करने जा रहे हैं, ये अभी साफ नहीं है. लेकिन, उनकी बातों से जाहिर है कि वो अपने हक की लड़ाई लड़ने के लिए तैयार हैं. परिवार और पार्टी से दूर हो जाने के बाद अब वो जनता, अदालत और अखिलेश यादव जैसे नेताओं से मदद और समर्थन तलाश रहे हैं.
बिहार में जमाई पॉलिटिक्स का दौर चल रहा है. तेजस्वी यादव ने आयोगों के पुनर्गठन में एनडीए नेताओं के रिश्तेदारों को जगह दिए जाने के मुद्दे पर सरकार को कठघरे में खड़ा करते हुए जमाई आयोग के गठन की मांग कर दी है. आयोगों के पुनर्गठन के पीछे कौन सी राजनीति है?
लालू यादव के परिवार पर ईडी ने लैंड फॉर जॉब केस में कार्रवाई की है. इस मामले में कोर्ट से राहत न मिलने के कारण परिवार को जांच का सामना करना पड़ रहा है. हालांकि, लालू परिवार ने आरोप लगाए हैं कि उनके साथ अन्याय हो रहा है. इसपर, मंत्री अशोक चौधरी ने तंज कसा है.
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के 74वें जन्मदिन पर मंत्री अशोक चौधरी ने पटना के महावीर मंदिर में 75 किलो लड्डू का भोग चढ़ाया और 75 कबूतर उड़ाकर शुभकामनाएं दीं. उन्होंने नीतीश कुमार की उपलब्धियों की सराहना करते हुए कहा कि बिहार विकास की नई ऊंचाइयों पर पहुंचा है और सरकार बेरोजगारी खत्म करने पर काम कर रही है.
बिहार विधानसभा में विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव ने नीतीश कुमार को पकड़ौआ सीएम बताया है. विपक्ष के नेता के इस बयान पर भड़की जेडीयू ने पलटवार किया है. अशोक चौधरी ने तेजस्वी के बयान पर कहा कि उनके पास कोई मुद्दा नहीं है.
नीतीश कुमार कुछ न कुछ ऐसा कर देते हैं, जिससे सोशल मीडिया पर वायरल हो जाते हैं. पहले पीएम मोदी के पैर छूने की कोशिश, फिर विधानसभा के अंदर तेजस्वी से इशारों-इशारों में हाल पूछने के बाद अब फिर सीएम नीतीश चर्चा में हैं. इस बार विधानसभा की कार्यवाही के दौरान सीएम नीतीश अचानक अपने मंत्री अशोक चौधरी की ब्रेसलेट छूकर मुस्कुराने लगे.