पुलवामा हमले के बाद भारतीय वायुसेना की स्ट्राइक राजनीतिक बयानबाजी के केंद्र में आ गई है. वायुसेना के इस शौर्य ने बालाकोट में कितने आतंकियों का सर्वनाश किया, इसे लेकर सत्ता पक्ष और विपक्ष में जमकर बयानबाजी हो रही है. विपक्षी दलों के नेता जहां एयर स्ट्राइक के सबूत मांग रहे हैं तो सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी की तरफ से आतंकियों के अंत का आंकड़ा भी दिया जाने लगा है. हालांकि, अब तक सरकार के आधिकारिक बयानों को देखा जाए तो हकीकत बहस और बयानबाजी से कहीं दूर नजर आती है.
जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में 14 फरवरी को आत्मघाती हमलावर ने सीआरपीएफ के काफिले को निशाना बनाया और इस हमले में 40 जवान शहीद हो गए. देश में उठ रही बदले की मांग के बीच 26 फरवरी को सूरज उगने से काफी देर पहले भारत ने पाकिस्तान के बालाकोट में आतंकियों के कैंपों को निशाना बनाया. मीडिया रिपोर्ट्स में मरने वालों की संख्या का खुलासा भी कर दिया गया. हालांकि, सरकार ने जब औपचारिक बयान दिया, उसमें ऐसा कोई आंकड़ा नहीं था. आइए, देखते हैं आधिकारिक बयानों में कहा क्या गया...
26 फरवरी- विदेश सचिव वीके गोखले की प्रेस कॉन्फ्रेंस
विदेश सचिव वीके गोखले ने कहा, '14 फरवरी 2019 को पाक आधारित आतंकी संगठन जैश ए मोहम्मद ने एक आत्मघाती आतंकी हमला किया, जिसमें सीआरपीएफ के 40 जवान शहीद हो गए. जैश पिछले दो दशकों से पाकिस्तान में सक्रिय है और इसका नेतृत्व मसूद अजहर करता है. संगठन का मुख्यालय बहावलपुर में है. यूएन द्वारा प्रतिबंधित यह संगठन भारतीय संसद और पठानकोट एयरबेस पर आतंकी हमले के लिए भी जिम्मेदार है. विश्वसनीय खुफिया जानकारी मिली कि जैश भारत के अलग-अलग इलाकों में आत्मघाती हमलों की कोशिश कर रहा है और इसके लिए फिदायीन जिहादियों को प्रशिक्षण दिया जा रहा है. सामने खतरा देखते हुए एक स्ट्राइक करना बेहद जरूरी था.'
उन्होंने आगे कहा, 'आज सवेरे भारत ने बालाकोट में जैश-ए मोहम्मद के सबसे बड़े आतंकी कैंप पर आक्रमण किया है. इस ऑपरेशन में बड़ी संख्या में जैश के आतंकी, ट्रेनर, सीनियर कमांडर और फिदायीन जिहादियों के समूह को मार गिराया गया है. बालाकोट में इस कैंप का नेतृत्व मौलाना यूसुफ अजहर (उस्ताद गौरी) करता था, जो जैश प्रमुख मसूद अजहर का साला है.'
'भारत सरकार आतंक के खिलाफ लड़ने के लिए सभी जरूरी कदम उठाने के लिए प्रतिबद्ध है. इस ऑपरेशन में विशेष रूप से जैश के कैंप को निशाना बनाया गया और यह नॉन-मिलिट्री ऑपरेशन था. ऑपरेशन में नागरिकों को नुकसान न पहुंचे, इसका पूरा ख्याल रखा गया. ये कैंप नागरिकों से काफी दूर एक घने जंगल में पहाड़ी पर था. क्योंकि स्ट्राइक कुछ वक्त पहले ही की गई है, इसलिए हम आगे की जानकारी का इंतजार कर रहे हैं.'
भारतीय विदेश सचिव वीके गोखले ने इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में एयर स्ट्राइक नहीं केवल स्ट्राइक शब्द का प्रयोग किया. उन्होंने कहीं पर यह नहीं बताया कि हमले में कितने आतंकी मारे गए. उन्होंने यह भी नहीं बताया कि कितने कैंप उड़ाए गए.
27 फरवरी, एयर वाइस मार्शल के साथ विदेश मंत्रालय की प्रेस कॉन्फ्रेंस
भारत के हमले के बाद पाकिस्तान की तरफ से जवाबी कार्रवाई का प्रयास किया गया और एक भारतीय पायलट के पाकिस्तान के कब्जे में होने की बात भी सामने आई. इस पर भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर पूरी जानकारी दी. इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में एयर वाइस मार्शल आरजीके कपूर भी मौजूद थे, हालांकि, उन्होंने कुछ बोला नहीं.
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने कहा, 'कल (26 फरवरी) भारत ने पाकिस्तान में जैश-ए-मोहम्मद (JeM) के एक प्रशिक्षण शिविर के खिलाफ की गई आतंकवाद विरोधी कार्रवाई के बारे में सूचित किया था. यह कार्रवाई विश्वसनीय सबूत के आधार पर की गई थी कि JeM भारत में और हमले करने की तैयारी कर रहा था. इस आतंकवाद विरोधी कार्रवाई के जवाब में, आज सुबह (27 फरवरी) पाकिस्तान ने अपनी वायु सेना का उपयोग करके भारतीय सीमा पर सैन्य प्रतिष्ठानों को निशाना बनाया. पूर्ण रूप से सतर्कता और तत्परता बरतने के कारण, हमने पाकिस्तान के प्रयासों को सफलतापूर्वक नाकाम कर दिया.
रवीश कुमार ने आगे बताया, 'पाकिस्तानी वायु सेना की मौजूदगी की खबर मिलते ही, भारतीय वायु सेना ने उसका तुरंत जवाब दिया. इसमें, पाकिस्तान के वायु सेना के एक लड़ाकू विमान को भारतीय वायु सेना के मिग 21 Bison द्वारा मार गिराया गया. हमारे थल सेना ने पाकिस्तानी विमान को पाकिस्तान की जमीन पर गिरते देखा. इस क्रम में दुर्भाग्यवश हमने एक मिग 21 विमान खो दिया है. पायलट मिशन इन एक्शन है. पाकिस्तान ने दावा किया है कि वह उनकी हिरासत में है. हम तथ्यों का पता लगा रहे हैं.'
अगर इस प्रेस कॉन्फ्रेंस को देखें तो उन्होंने कहीं यह नहीं बताया कि हमला F-16 से हुआ. यह भी क्लियर नहीं किया कि हमारे मिग-21 ने F-16 को ही मार गिराया.
27 फरवरी की शाम विदेश मंत्रालय ने एक और बयान जारी किया. इस बयान में जानकारी दी गई कि विदेश मंत्रालय ने भारत में पाकिस्तान के कार्यवाहक उच्यायुक्त को आज दोपहर तलब किया और पाकिस्तानी वायु सेना द्वारा भारतीय वायु सीमा का उल्लंघन करते हुए सैन्य ठिकानों को निशाना बनाने वाली कार्रवाई के खिलाफ सख्त नाराजगी जताई. विदेश मंत्रालय ने पाकिस्तानी उच्चायुक्त से भारतीय वायु सेना के जख्मी जवान से अभद्रता तो प्रदर्शित करने के लिए भी पाकिस्तान से विरोध जताया. साथ ही भारतीय जवान को कोई नुकसान नहीं पहुंचने की बात कही.
तीनों सेनाओं की प्रेस कॉन्फ्रेंस
पाकिस्तान लगातार दावे कर रहा था कि 27 फरवरी को भारतीय वायु सेना ने कोई पाकिस्तानी फाइटर नहीं गिराया. पाकिस्तानी सेना के प्रवक्ता मेजर जनरल आसिफ गफूर ने कहा कि जिस विमान (F-16) को गिराने की बात भारत कर रहा है, उसका इस्तेमाल इस ऑपरेशन में किया ही नहीं गया. पाकिस्तान के इस दावे को गलत ठहराते हुए भारतीय सेना के तीनों अंगों (थल, वायु और नौसेना) के अधिकारी सामने आए और बकायदा सबूत देकर बताया कि F-16 भारत की सीमा में आया था.
प्रेस कॉन्फ्रेंस में एयर वाइस मार्शल आर.जी.के. कपूर ने बताया, 'पाकिस्तान वायुसेना (पीएफए) ने बुधवार को जम्मू-कश्मीर स्थित राजौरी के पश्चिमी इलाके में भारतीय हवाईक्षेत्र का उल्लंघन किया. पाकिस्तान भारतीय सैन्य ठिकानों को निशाना बनाने की कोशिश में था, लेकिन भारत के मिग, सुखोई और मिराज विमानों द्वारा पाकिस्तानी विमानों को वापस लौटने को मजबूर कर दिया गया. मिग-21 बाइसन ने एक एफ-16 को मार गिराया.' प्रेस कॉन्फ्रेंस में एमरॉम मिसाइल का टुकड़ा भी दिखाया गया, जो एफ-16 विमान में लगता है.
4 मार्च को वायुसेना प्रमुख की प्रेस कॉन्फ्रेंस
हमले में कितने आतंकी मारे गए, इस संख्या को लेकर पूछे जा रहे सवालों पर 4 मार्च को भारतीय वायुसेना के प्रमुख बी.एस.धनोआ ने कहा कि वायुसेना हताहतों की संख्या नहीं गिनती, बल्कि हवाई हमला लक्ष्य को निशाना बनाने के लिए था. भारतीय वायुसेना हताहतों पर स्पष्टीकरण देने की स्थिति में नहीं है. सरकार इसका स्पष्टीकरण देगी.' धनोआ ने कहा कि लक्ष्य के बारे में विदेश सचिव ने अपने बयान में विस्तार से बता दिया है.'
बालाकोट में भारत के एक्शन के बाद से अब तक ये जो आधिकारिक बयान आए हैं, उनमें सरकार से लेकर सेना तक किसी ने भी आतंकियों की मौत का आंकड़ा नहीं बताया है. जबकि भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने रविवार को अहमदाबाद में दावा किया कि हवाई हमले में 250 से ज्यादा आतंकवादी मारे गए थे.
उनके इस दावे के बाद भी सरकार अपने बयान पर कायम है और मंगलवार को रक्षामंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि बालाकोट में भारतीय वायुसेना के हमले में मारे गए आतंकवादियों की संख्या पर केंद्र सरकार का पक्ष वही है, जो विदेश सचिव ने इससे पहले अपने बयान में कहा था. उन्होंने कहा कि विदेश सचिव ने अपने बयान में हताहतों की संख्या नहीं बताई थी.