पंजाब के संगरूर में 125 फीट गहरे बोरवेल में गिरे जिस 3 साल के फतेहवीर सिंह को निकाला गया था उसने दम तोड़ दिया है. फतेहवीर को सुबह करीब 5:12 बजे बोरवेल में से निकाला गया था, जिसके बाद उसे अस्पताल पहुंचाया गया. लेकिन वहां पर उसने दम तोड़ दिया और ज़िंदगी की जंग हार गया.
फतेहवीर के निधन से हर कोई गम में है, पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने भी इस पर दुख व्यक्त किया है. इसके अलावा मुख्यमंत्री ने राज्य में सभी बोरवेल की जांच के भी आदेश दे दिए हैं.
Very sad to hear about the tragic death of young Fatehveer. I pray that Waheguru grants his family the strength to bear this huge loss. Have sought reports from all DCs regarding any open bore well so that such terrible accidents can be prevented in the future.
— Capt.Amarinder Singh (@capt_amarinder) June 11, 2019
जब उसे अस्पताल पहुंचाया गया था तब बच्चे के शरीर पर सूजन बताई जा रही थी. बच्चे को बचाने के लिए एनडीआरएफ, पुलिस द्वारा पिछले 109 घंटे लंबा रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया गया था.
बच्चे का नाम फतेहवीर सिंह था, जो गुरुवार शाम करीब चार बचे खेलते समय बोरवेल में गिर गया था. फतेहवीर सिंह के बोरवेल में फंसे होने की सूचना मिलने के बाद से ही एनडीआरएफ की टीम ने बचाव कार्य शुरू कर दिया था.
बच्चे को आज बोरवेल के समानांतर खोदी गई टनल की मदद से बाहर निकाला गया है. फतेहवीर के बाहर आते ही उसे उपचार के लिए अस्पताल ले जाया गया और उस वक्त भी बच्चे की हालात नाजुक थी.
बोरवेल के अंदर ऑक्सीजन की सप्लाई बढ़ा दी गई थी. इसके अलावा बच्चे पर नजर रखने के लिए एक कैमरा भी लगाया गया था. बचाव दल में राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (NDRF) के 26 सदस्य थे. घटनास्थल पर चौबीसों घंटे डॉक्टरों की टीम और एंबुलेंस तैनात थे. घटना के लगभग 40 घंटे बाद शनिवार सुबह पांच बजे उसके शरीर में हलचल देखी गई. बच्चा 10 जून को 3 साल का हो गया था.
फतेहवीर सिंह के माता और परिवार के सदस्यों ने ख्वाजा पीर के दर पर माथा टेका था और उसके सुरक्षित बाहर आने की दुआ मांगी थी. आसपास के इलाके के हजारों लोग और प्रशासन फतेहवीर की जान को बचाने में पूरी ताकत से जुटे थे. भीषण गर्मी भी इन लोगों का हौसला नहीं डिगा सकी.