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'क्या हमें शुभ मुहूर्त की जरूरत है?', महादेव ऑपरेशन के समय पर सवाल उठने के बाद PM मोदी ने दिया जवाब

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 'ऑपरेशन महादेव' के समय पर सवाल उठाने के लिए विपक्ष पर निशाना साधा, जिसमें पहलगाम हमले में शामिल सभी तीन आतंकवादी मारे गए थे.

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पीएम मोदी ने ऑपरेशन महादेव पर उठे सवालों पर दिया जवाब (Photo: Screengrab)
पीएम मोदी ने ऑपरेशन महादेव पर उठे सवालों पर दिया जवाब (Photo: Screengrab)

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने मंगलवार को 'ऑपरेशन महादेव' के वक्त पर सवाल उठाने के लिए विपक्ष पर निशाना साधा. ऑपरेशन महादेव में पहलगाम हमले में शामिल सभी तीन आतंकवादी मारे गए थे. उन्होंने कहा कि विपक्ष हताश और निराश हो गया है. ऑपरेशन सिंदूर और पहलगाम हमले पर चर्चा के दौरान सदन में बोलते हुए, मोदी ने सवाल किया कि क्या आतंकवादियों को मारने के लिए किसी शुभ मुहूर्त की जरूरत होती है.

उन्होंने कहा, "कल हमारे सुरक्षा बलों ने ऑपरेशन महादेव को सफलतापूर्वक अंजाम दिया और उसे अंजाम तक पहुंचाया, लेकिन मुझे आश्चर्य है कि कुछ लोग (विपक्ष की ओर इशारा करते हुए) व्यंग्यात्मक लहजे में पूछ रहे थे, 'यह कल ही क्यों हुआ?' क्या यह ऑपरेशन सावन के सोमवार के शुभ मुहूर्त के आधार पर निर्धारित किया गया था? इन लोगों को क्या हो गया है?"

'कार्रवाई हो गई तो...'

पीएम मोदी ने आगे कहा, "क्या उनकी हताशा और निराशा इस चरम पर पहुंच गई है? पिछले कई हफ़्तों से वे कह रहे हैं, 'ऑपरेशन सिंदूर तो ठीक है, लेकिन पहलगाम के आतंकवादियों का क्या?' अब जब कार्रवाई हो गई है, तो वे पूछ रहे हैं, 'यह कल ही क्यों किया गया?'"

इससे पहले, मल्लिकार्जुन खड़गे और अखिलेश यादव सहित विपक्षी सांसदों ने 'ऑपरेशन महादेव' के समय पर सवाल उठाया, जो पहलगाम हमले और ऑपरेशन सिंदूर पर संसद में चर्चा के समय हुआ.

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'कल ही क्यों...'

उत्तर प्रदेश की कन्नौज सीट से सांसद और समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव ने कहा, "मुठभेड़ कल ही क्यों हुई? अगर आप तकनीक से इतने वाकिफ हैं, तो पुलवामा हमले के दौरान आरडीएक्स ले जाने वाली कार का पता क्यों नहीं लगा पाए?"

अमित शाह ने क्या बताया?

गृह मंत्री अमित शाह ने आज ही पहले कहा कि पहलगाम हमले को अंजाम देने वाले तीनों लश्कर आतंकवादियों को सुरक्षा बलों ने ऑपरेशन महादेव में मार गिराया, जिससे 22 अप्रैल को 26 पर्यटकों की हत्या का बदला लिया गया.

अमित शाह ने कहा कि पहलगाम हमले के कुछ घंटों बाद ही आतंकवादियों को पकड़ने की योजना बनाई गई थी और हमने सुरक्षा बलों को आदेश दिया था कि उन्हें देश छोड़ने न दिया जाए.

गृह मंत्री ने कहा कि तीन आतंकवादियों- लश्कर के शीर्ष कमांडर सुलेमान शाह, अफगान और जिबरान की पहचान पहलगाम के हमलावरों के रूप में उन लोगों ने की थी, जिन्होंने 22 अप्रैल के नरसंहार के बाद उन्हें शरण दी थी. पिछले महीने, दो स्थानीय लोगों- परवेज अहमद जोथर और बशीर अहमद को एनआईए ने हमलावरों को कथित तौर पर पनाह देने के आरोप में गिरफ्तार किया था.

यह भी पढ़ें: ऑपरेशन सिंदूर में भारत ने PoK क्यों वापस नहीं लिया? कांग्रेस के सवाल पर PM मोदी ने दिया दो टूक जवाब

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लोकसभा में ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा के दौरान अमित शाह ने कहा कि आतंकवादियों के ठिकानों से बरामद मतदाता पहचान पत्र और चॉकलेट उनके पाकिस्तान से जुड़े होने की पुष्टि करते हैं.

22 मई को दाचीगाम के जंगलों में आतंकवादियों की मौजूदगी की खुफिया जानकारी मिली थी.

अमित शाह ने कहा, "हमारे जवान उनके संकेतों को पकड़ने के लिए कड़ाके की ठंड में ऊंचाई पर गश्त करते रहे. 22 जुलाई को हमें सफलता मिली. सेंसर के ज़रिए हमें इलाके में आतंकवादियों की मौजूदगी की जानकारी मिली."

गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि सुरक्षा बलों ने मारे गए आतंकवादियों की पहचान पहलगाम हमले में शामिल आतंकवादियों से मिलाने के लिए काफी प्रयास किए. सत्यापन के बाद ही धीरे-धीरे मीडिया के सामने जानकारी सामने आई.

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