ऑपरेशन महादेव (Operation Mahadev) अभियान के तहत श्रीनगर के लिडवास इलाके में तीन आतंकियों को मार गिराया गया, जिनमें पहलगाम हमले का मास्टरमाइंड हाशिम मूसा भी शामिल था. मूसा को सुलैमान शाह के नाम से भी जाना जाता था. देश की चार प्रमुख सुरक्षा एजेंसियों- 24 राष्ट्रीय राइफल्स (24 RR), 4 पैरा (4 PARA), जम्मू-कश्मीर पुलिस (JKP) और CRPF की संयुक्त जांबाजी से ऑपरेशन महादेव को ऐतिहासिक सफलता मिली.
यह ऑपरेशन 22 अप्रैल 2025 को पहलगाम में हुए पर्यटकों पर हमले के बाद शुरू किया गया था. इस घटना में 26 निर्दोष लोगों की जान गई थी. इसके जवाब में भारत ने पहले 7 मई को ऑपरेशन सिंदूर के तहत पाकिस्तान और पीओके में आतंकी ठिकानों पर हवाई हमले किए.
लेकिन असली चुनौती थी, उन आतंकियों को पकड़ना जो घाटी में छिपे थे. इसी को ध्यान में रखकर ऑपरेशन महादेव की रणनीति बनाई गई, जो लगातार 14 दिन तक चला.
रूस से Su-57 की डील हो सकती है. पुतिन के दौरे में 120-140 स्टील्थ जेट भारत में बन सकते हैं. राफेल के साथ जुगलबंदी से वायुसेना की ताकत 50-60% तक बढ़ सकती है. चीन के J-20 और पाक के J-10C/J-35 पुराने पड़ जाएंगे. 300 किमी रेंज मिसाइल से दुश्मन दूर से खत्म होगा. भारत बनेगा एशिया का हवाई सुपरपावर.
जम्मू-कश्मीर में अभी 131 आतंकवादी सक्रिय हैं, जिनमें से 122 पाकिस्तानी और 9 स्थानीय हैं. 2025 में अब तक 31 आतंकियों को ढेर किया गया है. आतंकियों की स्थानीय भर्ती लगभग शून्य हो गई है. लेकिन नया खतरा है- पढ़े-लिखे व्हाइट कॉलर आतंकियों का नेटवर्क. ऑपरेशन सिंदूर के बाद सैकड़ों OGWs पकड़े गए.
जम्मू-कश्मीर पुलिस ने बताया कि कटारिया तक पहुंचने में रिवर्स इन्वेस्टिगेशन का सहारा लिया गया. जांच टीम ने विभिन्न सुरागों का विश्लेषण कर उसे ट्रैक किया और गिरफ्तार किया. प्रारंभिक जांच में यह भी स्पष्ट हुआ कि कटारिया ने आतंकवादियों को हथियार, राशन और अन्य जरूरी सामग्री मुहैया कराई थी.
ऑपरेशन सिंदूर (7-10 मई 2025) ने जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद को करारा जवाब दिया. भारतीय सेना ने पहलगाम हमले के बाद LoC पर आतंकी ठिकानों और पाकिस्तानी सैन्य चौकियों को नष्ट किया, जिसमें 130+ पाक सैनिक और 10 आतंकी मारे गए. ऑपरेशन महादेव में आतंकी मास्टरमाइंड सुलेमान शाह ढेर हुआ. यह आतंकवाद के खिलाफ भारत की सतत कार्रवाई का हिस्सा है, जो शांति सुनिश्चित करेगा.
गृहमंत्री अमित शाह ने दिल्ली में ऑपरेशन महादेव में शामिल जवानों से मुलाकात कर उनका स्वागत किया. सेना ने पहलगाम हमले के आतंकवादियों को खत्म करने के लिए ऑपरेशन महादेव शुरू किया था. इस ऑपरेशन में सभी आतंकवादियों को मार गिराया गया था. गृहमंत्री ने जवानों के शौर्य और समर्पण को सराहा, जिन्होंने देश की सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण भूमिका निभाई.
पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले को लगभग चार महीने हो चुके. सैलानियों के आने का पीक सीजन आकर पार भी हो चुका, लेकिन श्रीनगर के लाल चौक और डल झील से लेकर पहलगाम तक सन्नाटा है. थोड़ी-बहुत रौनक है भी तो लोकल पर्यटकों की वजह से, जो कम भीड़ देखकर घूमने आ रहे हैं. बंद पड़े ज्यादातर टूरिस्ट स्पॉट एक-एक कर खोले जा चुके, लेकिन सूनापन इससे बढ़ा ही.
भारतीय नौसेना का फायरिंग ड्रिल और पाकिस्तान का 11-12 अगस्त का वॉरगेम अरब सागर में एक-दूसरे से 111 KM की दूरी पर होने जा रहा है. यह ऑपरेशन सिंदूर के बाद भारत की मजबूत नौसैनिक स्थिति और सतर्कता को दर्शाता है. भारत अपने पश्चिमी समुद्री इलाके को सुरक्षित करने और वर्चस्व बनाए रखने की कोशिश में है, लेकिन इस नजदीकी से क्षेत्र में तनाव भी बढ़ सकता है.
असिम मुनीर कहा कि पाकिस्तान का अस्तित्व खतरे में पड़ा तो वह परमाणु हथियार का इस्तेमाल करेगा. दुनिया का आधा हिस्सा ले जाना तबाह कर देगा. लेकिन इसकी हकीकत में कमजोरी छिपी है. भारत की मजबूत परमाणु और सैन्य ताकत, साथ में अंतरराष्ट्रीय समर्थन, इसे पाकिस्तान से आगे रखता है. करगिल और हालिया ऑपरेशन सिंदूर ने साबित किया है कि भारत हर चुनौती का जवाब देने में सक्षम है.
पाकिस्तान ऑपरेशन सिंदूर के बाद भी आतंकवाद को बढ़ावा दे रहा है. 90 दिन में 15 नए कैंप बनाकर और नई तकनीक इस्तेमाल करके वह आतंकियों को फिर से संगठित कर रहा है. ISI का सपोर्ट और छोटे कैंप्स की रणनीति से वह भारतीय सेना को चुनौती दे रहा है. लेकिन भारत की सख्ती और जनता का साथ इस खतरे को कम कर सकता है.
पहलगाम में 26 लोगों की हत्या करने वाले तीन आतंकी- सुलेमान शाह, अबु हमजा और यासिर जिब्रान- को 28 जुलाई 2025 को भारतीय सेना ने मार गिराया. ये पाकिस्तानी थे और लश्कर से जुड़े थे. उनके पास से पाकिस्तानी दस्तावेज मिले, जो साबित करते हैं कि यह हमला वहां से प्लान हुआ.
विपक्ष को ऑपरेशन सिंदूर की कमियों पर बात करनी थी, सरकार की विफलताओं के किस्से लाने थे, भविष्य में पहलगाम जैसी घटना न घटे इस पर सवाल पूछने थे पर सवाल पूछा जा रहा था कि ऑपरेशन महादेव का नाम हिंदू धर्म के भगवान के नाम पर क्यों रखा गया? जाहिर है कि उत्तर भी वैसे ही मिलने थे. अमित शाह ने अपने भाषण में अपने एजेंडे पर खुलकर खेला.
संसद में सरकार ने कश्मीर में आतंकवाद और देश की रक्षा तैयारियों पर विस्तृत बयान दिया. पिछली सरकारों पर निशाना साधते हुए कहा गया, "चीन की लड़ाई के बाद हमारे पास बंदूक छोड़िये, कारतूस छोड़िये, नमक, चीनी और माचिस भी उपलब्ध नहीं थी." इसके मुकाबले, आज सेना ब्रह्मोस जैसी मिसाइलों से लैस है और रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भर बन रही है.
सुरक्षा बलों ने ऑपरेशन महादेव के तहत तीन आतंकवादियों को मार गिराया है. मारे गए आतंकवादियों की पहचान सुलेमान उर्फ फैजल, जब अफगान और जिब्रान के रूप में हुई है. ये तीनों लश्कर-ए-तैयबा के कमांडर और उच्च दर्जे के आतंकवादी थे. पहलगाम और गगन गिरी हमलों में इनकी राइफलों का इस्तेमाल हुआ था.
संसद में गृहमंत्री अमित शाह ने आतंकवाद पर भारत सरकार के रुख को स्पष्ट किया. उन्होंने पाकिस्तानी आतंकवादियों द्वारा किए गए नूसांक और उसके जवाब में भारत सरकार तथा भारतीय सेनाओं द्वारा दिए गए मजबूत जवाब पर चर्चा की. गृहमंत्री ने 'ऑपरेशन सिंदूर' और 'ऑपरेशन महादेव' का उल्लेख किया, जिनके माध्यम से आतंकवादियों और उनके समूहों को जवाब दिया गया.
सुरक्षाबलों ने पहलगाम में 26 सैलानियों की हत्या का बदला लेते हुए 'ऑपरेशन महादेव' में तीन और पुंछ में 'ऑपरेशन शिव शक्ति' के तहत दो आतंकियों को मार गिराया है. इन ऑपरेशनों के धार्मिक नामों को लेकर अब सियासत शुरू हो गई है. विपक्ष यह सवाल उठा रहा है कि सैन्य अभियानों को 'ऑपरेशन महादेव' और 'ऑपरेशन शिव शक्ति' जैसे धार्मिक नाम क्यों दिए जा रहे हैं.
पहले ऑपरेशन महादेव और अब ऑपरेशन शिवशक्ति, आतंकवाद के खिलाफ सुरक्षा एजेंसियों का बड़ा ऑपरेशन लगातार जारी है. पहलगाम में 26 सैलानियों की नृशंस हत्या का बदला सुरक्षा एजेंसियों ने ले लिया. आज पुंछ में सुरक्षा एजेंसियों ने घेरकर दो और आतंकियों को मार गिराया.
ब्लैक एंड व्हाइट कार्यक्रम में ऑपरेशन सिंदूर और ऑपरेशन महादेव का विश्लेषण करते हुए बताया गया कि पहलगाम हमले में शामिल तीन पाकिस्तानी आतंकियों को मार गिराया गया. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने संसद में इन आतंकियों के खात्मे की पुष्टि की. इसके अलावा, PM मोदी ने ऑपरेशन सिंदूर पर विपक्ष के सवालों के जवाब दिए.
दस्तक में संसद में 'ऑपरेशन सिंदूर' पर हुई चर्चा को विस्तार से दिखाया गया. लोकसभा में 'ऑपरेशन सिंदूर' पर चर्चा समाप्त होने के बाद सरकार ने इस ऑपरेशन पर अपना पक्ष रखा और विपक्ष ने सरकार की नीति व नीयत पर सवाल उठाए. इसके अलावा, ऑपरेशन महादेव की इनसाइड स्टोरी भी देखिए.
गृहमंत्री ने पहलगाम आतंकी हमले के मास्टरमाइंड और दो अन्य आतंकियों के मारे जाने की पुष्टि की है. यह पुष्टि आजतक की खबर पर मुहर लगाती है, जिसने सबसे पहले इस जानकारी को साझा किया था. ऑपरेशन महादेव के तहत इन आतंकियों को ढेर किया गया.
संसद में ऑपरेशन महादेव को लेकर सरकार और विपक्ष के बीच चर्चा हुई. गृहमंत्री ने संसद को बताया कि पहलगाम हमले में शामिल तीनों आतंकी मारे गए हैं. विपक्ष ने इस एनकाउंटर के समय पर सवाल उठाए, पूछा कि संसद में बहस के दौरान ही यह क्यों हुआ.
22 अप्रैल 2025 को पहलगाम में हुए आतंकी हमले के 97 दिन बाद सुरक्षा एजेंसियों ने गुनहगारों का खात्मा कर दिया है. इस हमले में 26 बेगुनाह मारे गए थे. 28 जुलाई 2025 को कश्मीर के लिजवास इलाके में चले 'ऑपरेशन महादेव' में तीनों आतंकवादी ढेर कर दिए गए. जांच एजेंसियों ने पाकिस्तान से आए इन आतंकियों की पहचान सुलेमान उर्फ मूसा, हमजा उर्फ फैसला बान और जिब्रान उर्फ छोटु अफगानी के रूप में की थी.पहलगाम आतंकी हमले का बदला लेने में क्यों लगे 97 दिन, देखें 'ऑपरेशन महादेव' की पूरी इनसाइड स्टोरी.