मल्लिकार्जुन खड़गे, राजनेता
मपन्ना मल्लिकार्जुन खड़गे (Mapanna Mallikarjun Kharge) एक भारतीय राजनेता और कर्नाटक से राज्यसभा के सदस्य और 16 फरवरी, 2021 से राज्यसभा के विपक्ष के नेता हैं (Mallikarjun Kharge Leader of the Opposition in Rajya Sabha). वह भारत सरकार के पूर्व रेल मंत्री और श्रम और रोजगार मंत्री हैं (Mallikarjun Kharge MP Congress Party). खड़गे भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस (INC) के सदस्य हैं और 2009 से 2019 तक कर्नाटक के गुलबर्गा से लोकसभा सदस्य रहे हैं.
18 अक्टूबर 2022 को मल्लिकार्जुन खड़गे, कांग्रेस के नए अध्यक्ष बना गए. कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए 17 अक्टूबर को वोटिंग हुई थी जिसमें कुल 9,385 डेलिगेट्स ने वोट डाले थे. खड़गे को 7,897 वोट मिले, जबकि उनके खिलाफ चुनाव लड़ रहे शशि थरूर को 1,072 वोट मिले. कांग्रेस को 24 साल बाद गांधी परिवार से बाहर के अध्यक्ष बने. इससे पहले सीताराम केसरी गैर गांधी अध्यक्ष रहे थे (Mallikarjun Kharge, Congress President).
मल्लिकार्जुन खड़गे का जन्म 21 जुलाई 1942 को कर्नाटक के बीदर जिले के वरावट्टी में मपन्ना खड़गे और सबव्वा के घर हुआ था (Mallikarjun Kharge Age and Family). उन्होंने गुलबर्गा के नूतन विद्यालय से अपनी स्कूली शिक्षा पूरी की और गुलबर्गा के सरकारी कॉलेज से कला स्नातक की डिग्री प्राप्त की. इसके बाद, गुलबर्गा के सेठ शंकरलाल लाहोटी लॉ कॉलेज से कानून की डिग्री हासिल की (Mallikarjun Kharge Education). खड़गे ने 13 मई 1968 को राधाबाई से शादी की और उनकी दो बेटियां और तीन बेटे हैं (Mallikarjun Kharge Wife and Children). 2006 में, खड़गे ने कहा कि वह बौद्ध धर्म का पालन करते हैं (Mallikarjun Kharge Follows Buddhism).
उन्होंने पहली बार 1972 में कर्नाटक राज्य विधानसभा चुनाव के लिए चुनाव लड़ा और गुरमीतकल निर्वाचन क्षेत्र से जीत हासिल की. उन्होंने लगातार 9 बार (1972, 1978, 1983, 1985, 1989, 1994, 1999, 2004, 2008, 2009) विधानसभा चुनाव जीते. 2005 में, उन्हें कर्नाटक प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष के रूप में नियुक्त किया गया था. मल्लिकार्जुन खड़गे 2014-2019 के दौरान लोकसभा में कांग्रेस पार्टी के नेता थे. 12 जून 2020 को खड़गे 78 वर्ष की आयु में कर्नाटक से राज्यसभा के लिए निर्विरोध चुने गए. 12 फरवरी 2021 को, खड़गे को राज्यसभा में विपक्ष के नेता के रूप में नियुक्त किया गया (Mallikarjun Kharge Political Career).
उनका ऑफिशियल ट्विटर हैंडल @kharge है.
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपये की लगातार गिरावट पर केंद्र सरकार की आलोचना की है. उन्होंने स्पष्ट किया कि यह गिरावट सरकार की गलत नीतियों के कारण हो रही है. खड़गे ने कहा कि यदि सरकार की नीतियां सही होतीं तो रुपया मजबूत होता और उसकी वैल्यू बढ़ जाती.
कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने संसद में पुष्पांजलि कार्यक्रम के दौरान अचानक मल्लिकार्जुन खड़गे के कंधे दबाने शुरू कर दिए. दोनों नेता पूर्व राष्ट्रपति राजेंद्र प्रसाद को श्रद्धांजलि देने पहुंचे थे.
संसद के चालू शीतकालीन सत्र के दूसरे दिन भी दोनों सदनों एसआईआर के मुद्दे पर हंगामा जारी रहा. हंगामे के बीच ही राज्यसभा ने मणिपुर जीएसटी बिल लौटा दिया है. राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे और संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू के बीच तीखी तकरार भी नजर आई.
राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने नियम 267 के तहत 'SIR' (संभवतः किसी गंभीर विषय)/ पर तत्काल चर्चा शुरू करने की मांग की. खड़गे ने कहा कि 12-13 लोगों की जान जा चुकी है. इस पर सत्ता पक्ष के नेता किरेन रिजिजू ने जवाब दिया और कहा कि टाइमलाइन की शर्त लाना सही तरीका नहीं है.
संसद के शीतकालीन सत्र का पहला दिन हंगामेदार रहा. राज्यसभा में पहले दिन सीपी राधाकृष्णन ने सदन की कार्यवाही की कमान संभाल ली है. हंगामे के बीच लोकसभा में तीन बिल पेश किए गए, जिनमें से एक बिना चर्चा के पारित भी हो गया है.
प्रधानमंत्री मोदी के डिलिवरी और ड्रामा वाले बयान को लेकर राज्यसभा में नेता विपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कड़ी प्रतिक्रिया दी. उन्होंने कहा कि पीएम ने जो बाहर तकरीर दी है, उसका जवाब वे जोरदार देंगे. पूर्व वाइस प्रेसिडेंट जगदीप धंगड़ की विदाई न देने वाला संबंधी विवाद भी इससे जुड़ा है. सदन में भाषा और गरिमा को लेकर भी तीखी बहस हुई.
राज्यसभा में मल्लिकार्जुन खड़गे ने नए सभापति सीपी राधाकृष्णन को बधाई दी और उन्हें दोनों पक्षों के बीच संतुलन बनाए रखने की सलाह दी. इस दौरान, उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी के बयानों पर पलटवार करते हुए कहा कि विपक्ष सदन में मुद्दों के साथ जवाब देगा.
विपक्षी दल मल्लिकार्जुन खड़गे के आवास पर मिलकर शीतकालीन सत्र को लेकर अपनी रणनीति तैयार कर रहे हैं. इस बैठक में यह तय किया जाएगा कि सरकार को किस तरह से घेरा जाए और किन प्रमुख मुद्दों पर जोर दिया जाए. इसमें दिल्ली बम ब्लास्ट, राष्ट्रीय सुरक्षा और प्रदूषण जैसे विषयों पर विस्तार से चर्चा होने की संभावना है.
संसद के शीतकालीन सत्र से पहले सरकार द्वारा बुलाई सर्वदलीय बैठक खत्म हो गई है. बैठक में सभी दलों के नेताओं ने सरकार के सामने अपना पक्ष रखा और SIR के मुद्दे पर चर्चा की बात कही. बैठक के बाद केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने मीडिया को बताया कि हम विपक्ष की बात सुनने के लिए तैयार हैं. बता दें कि सोमवार से शुरू होने वाला ये सत्र 19 दिसंबर तक चलेगा.
कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री शिवकुमार का संविधान दिवस के दिन दिया गया बयान बीते दिनों काफी चर्चा में रहा. माना जा रहा था कि उनका बयान 'शब्द की ताकत ही दुनिया की ताकत है', प्रदेश में परिवर्तन की ओर इशारा कर रही है. हालांकि, अब उन्होंने अपने इस बयान का पूरा मतलब साफ़ किया है. साथ ही उन्होंने बताया कि वो मुंबई क्यों आए हैं.
कर्नाटक की सियासी घमासान अब दिल्ली तक पहुंच गई है. कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने साफ कर दिया कि राज्य में उठे सियासी बवंडर को हाईकमान यानी सोनिया गांधी, राहुल गांधी और वे खुद मिलकर सुलझाएंगे. सिद्धारमैया, शिवकुमार के बीच कथित डेढ़-दो साल के फॉर्मूले पर उठी नाराजगी ने फिर से सत्ता-साझेदारी के सवाल को हवा दी है, और पार्टी अब सीधे दखल देने की तैयारी में है.
संविधान दिवस पर संसद से सड़क तक सियासी भिड़ंत तेज हो गई. पीएम मोदी ने देशवासियों को चिट्ठी लिखकर संविधान के प्रति अपनी प्रतिबद्धता दोहराई, तो कांग्रेस अध्यक्ष खड़गे, ममता बनर्जी और दिग्विजय सिंह ने RSS, संस्थागत निष्पक्षता और मतदाता सूची पुनरीक्षण को लेकर सरकार पर सवाल उठाए. सरकार ने पलटवार किया और विपक्ष की आलोचना को राजनीतिक एजेंडा बताया.
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कर्नाटक के विधायकों से बिना पूर्व सुरक्षा सूचना के मुलाकात की. डीके शिवकुमार ने विधायकों के दिल्ली जाने के बारे में कहा कि उन्हें कोई जानकारी नहीं है. दस विधायकों का दौरा कर्नाटक में पावर-शेयरिंग को लेकर दबाव बढ़ाने के संकेत देता है.
बेंगलुरु से दिल्ली तक सियासी हलचल के बीच कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे 21 नवंबर को कर्नाटक पहुंच रहे हैं. कांग्रेस सूत्रों ने विधायकों के दिल्ली दौरे पर कहा है कि वह सभी बिना किसी अपॉइंटमेंट के पहुंचे हैं.
कर्नाटक सीएम सिद्धारमैया ने शनिवार शाम को बेंगलुरु में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे से मुलाकात की. जानकारी के मुताबिक खड़गे ने सीएम सिद्धारमैया को दिल्ली तलब किया है. मुलाकात के बाद सीएम सिद्धारमैया ने कहा कि कैबिनेट पर कोई बात नहीं हुई.
कर्नाटक कांग्रेस में नेतृत्व को लेकर खींचतान अब खुली बगावत में बदलती दिख रही है. डीके शिवकुमार के समर्थन में विधायकों का तीसरा बैच भी दिल्ली पहुंच चुका है, जिससे पार्टी हाईकमान पर दबाव और बढ़ गया है. वहीं बेंगलुरु में मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने तड़के अपने करीबी मंत्रियों के साथ बंद कमरे में बैठक कर काउंटर रणनीति का संकेत दे दिया है.
कर्नाटक में चला आ रहा सिद्धारमैया और डीके शिवकुमार के बीच सत्ता संघर्ष चरम पर पहुंच गया है. पहले दौर में दोनों ओर से जो दबाव डाला गया, उसके आगे कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने तो हथियार डाल दिए. और वे बॉल 'हाईकमान' के पाले में डालकर आगे बढ़ गए. अब सबकी नजर राहुल गांधी पर हैं. लेकिन क्या वे कोई फैसला लेंगे?
संसद के शीतकालीन सत्र से पहले कांग्रेस ने 14 दिसंबर को दिल्ली के रामलीला मैदान में बड़ी रैली की घोषणा की है. रैली का मुख्य मुद्दा मतदाता सूची में कथित गड़बड़ी और स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन होगा.
कांग्रेस ने जनाधार बढ़ाने और संगठन को मज़बूत करने के लिए ‘नेशनल मीडिया टैलेंट हंट प्रोग्राम’ लॉन्च किया है. झारखंड में इसका पोस्टर जारी किया गया, जिसके तहत प्रदेश को 7 ज़ोन्स में बांटकर नए प्रवक्ताओं का चयन किया जाएगा. चयन में वैचारिक प्रतिबद्धता, राजनीतिक समझ, भाषा कौशल और मीडिया प्रेज़ेंस को प्राथमिकता दी जाएगी. कांग्रेस का यह कदम पार्टी की विचारधारा को सीधे जनता तक पहुंचाने की दिशा में बड़ा प्रयास माना जा रहा है.
बिहार के चुनावी माहौल में घुसपैठियों का मुद्दा पूरी तरह से गरमा गया है. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने महागठबंधन पर सीधा और तीखा हमला बोलते हुए कहा है कि वे सीमांचल समेत पूरे बिहार से एक-एक घुसपैठिए को निकाल बाहर करेंगे. अमित शाह ने कहा, 'न केवल सीमांचल पूरे बिहार से एक-एक घुसपैठियों को हम चुन चुनकर निकालने का काम करेंगे'. कांग्रेस ने कहा है कि अगर घुसपैठ हो रही है तो यह केंद्र और राज्य की 'डबल इंजन' सरकार की विफलता है.
बिहार चुनाव में दूसरे चरण के प्रचार के दौरान घुसपैठ का मुद्दा पूरी तरह से गरमा गया है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे इस विषय पर आमने-सामने हैं. खड़गे ने एनडीए की 'डबल इंजन' सरकार की विफलता पर सवाल उठाते हुए कहा, 'अगर आप दोनों घुसपैठियों को संभाल नहीं सकते तो आप उस खुर्ची पर बैठने के लायक नहीं.' यह बयान प्रधानमंत्री मोदी के सीतामढ़ी में दिए गए उस भाषण के जवाब में आया जिसमें उन्होंने आरजेडी और कांग्रेस पर वोट बैंक के तुष्टीकरण के लिए घुसपैठियों को बचाने का आरोप लगाया था.