समाजवादी पार्टी
समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) की स्थापना 4 अक्टूबर 1992 को हुआ था (Formation of Samajwadi Party). यह भारत का एक समाजवादी राजनीतिक दल है, जिसका मुख्यालय नई दिल्ली में है (Headquarter of SP). यह मुख्य रूप से उत्तर प्रदेश राज्य में स्थित है. इस पार्टी का चुनाव चिन्ह साइकिल है (Party Symbol of SP) और सामाजिक लोकतंत्र, लोकतांत्रिक समाजवाद, वामपंथी लोकलुभावनवाद, सामाजिक रूढ़िवाद विचारधारा रखती है (Ideology Of SP).
समाजवादी पार्टी (सपा) जनता दल कई क्षेत्रीय दलों में विभाजित होने के बाद सामने आई. पार्टी की स्थापना 1992 में मुलायम सिंह यादव ने की थी. 1 जनवरी 2017 को आयोजित राष्ट्रीय सम्मेलन में समाजवादी पारटी ने अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) को अपना अध्यक्ष चुना (President of SP).
समाजवादी पार्टी ने देश भर में लोकसभा और राज्य विधानसभा चुनाव लड़े हैं, हालांकि इसकी सफलता मुख्य रूप से उत्तर प्रदेश में रही है. उत्तर प्रदेश के 2012 के विधान सभा चुनावों में, सपा ने सदन में स्पष्ट बहुमत के साथ एक शानदार जीत दर्ज की थी. सपा ने उत्तर प्रदेश को अब तक दो मुख्यमंत्री दीए हैं, मिलायम सिंह यादव और अखिलेश यादव (CM from SP).
राम मंदिर ध्वजारोहण के दौरान अखिलेश यादव ने भी हिंदुत्व की झलक पेश की थी. जिसे बिहार में INDIA गुट को मिली हार के सबक के तौर पर देखा गया. लेकिन, समाजवादी पार्टी के मुखिया ने जिस नए अंदाज में PDA की व्याख्या की है, लगता है 'मुस्लिम तुष्टिकरण' वाला कार्ड भी उनकी नजर में फीका होता नजर आ रहा है.
DoT की ओर से सभी मोबाइल फ़ोन निर्माता कंपनियों को 'संचार साथी' ऐप को प्री-इंस्टॉल करने का निर्देश दिया गया. इस निर्देश को लेकर बवाल मच गया है. विपक्षी दलों का कहना है कि ये जासूसी ऐप है और यह साफ़ तौर पर प्राइवेसी का उल्लंघन है.
बिहार चुनाव के नतीजे राजनीतिक स्टैंड और समीकरण सभी पर भारी पड़ रहे हैं. बिहार पहुंचकर राहुल गांधी और तेजस्वी यादव के साथ SIR का विरोध कर चुके अखिलेश यादव अब यूपी में समाजवादी पार्टी नेताओं को फार्म भरवाने की हिदायत दे रहे हैं, और चेतावनी दी गई है कि लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी.
बिहार विधानसभा चुनाव में महागठबंधन की हार को देखकर सपा प्रमुख अखिलेश यादव पूरी तरह अलर्ट हो गए हैं. बिहार स्टाइल के बवाली गानों से लेकर रैलियों में हुड़दंग करने वाले लोगों को अखिलेश ने सियासी संदेश देना शुरू कर दिया है. इतना ही नहीं, एसआईआर पर अपनी राजनीतिक स्टाइल बदली है.
समाजवादी पार्टी ने चेतावनी दी है कि 1 दिसंबर से शुरू हो रहे संसद के शीतकालीन सत्र में यदि एसआईआर के मुद्दे पर चर्चा नहीं हुई तो वह सदन नहीं चलने देगी. सपा नेता रामगोपाल यादव ने कहा कि चुनाव आयोग सरकार से बड़ा नहीं है, इसलिए इस मुद्दे पर चर्चा से सरकार नहीं भाग सकती.
सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने पार्टी से जुड़े कलाकारों और अपनी टीम को सख्त हिदायत दी है कि वह बिहार में बनने वाले गानों की तरह कोई गाना न बनाए, जिसमें रंगबाजी', 'दबंगई', 'जाति-जाति', 'लाठी-गोली' जैसे शब्दों का इस्तेमाल हो. उन्होंने मीडिया से अपील करते हुए कहा कि आज-कल एआई का जमाना है, गाने तुरंत बना जाते हैं तो ऐसी स्थिति में किसी भी गाने को मीडिया हमसे न जोड़े.
सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा कि बीजेपी SIR सर्वे में इतनी जल्दबाजी क्यों कर रही है? SIR के बहाने ये वोट छीनने की साजिश रच रहे हैं. बाबा साहब (डॉ. भीमराव अंबेडकर) के दिए संवैधानिक अधिकारों को छीनने की कोशिश की जा रही है. उन्होंने मलिहाबाद में मृत हुए BLO विजय वर्मा के परिवार को 2 लाख रुपये की आर्थिक सहायता दी और सरकार से 1 करोड़ रुपये मुआवजा तथा सरकारी नौकरी की मांग की.
उत्तर प्रदेश में चल रही एसआईआर की प्रक्रिया पर नजर बनाए रखने के लिए सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने अपने 44 नेताओं को लगाया है. सपा ने इन नेताओं को अलग-अलग जिले की जिम्मेदारी सौंपी है. देखना है कि एसआईआर प्रक्रिया के अंतिम दौर में सपा अपने नेताओं को उतारकर क्या सियासी दुर्ग बचा पाएगी?
समाजवादी पार्टी के नेता अवधेश प्रसाद ने सरकार पर संविधान दिवस पर निशाना साधा है. उन्होंने भारतीय जनता पार्टी पर समाजवाद और धर्मनिरपेक्षता को मानने से इनकार करने का आरोप लगाया. साथ ही, BLO कर्मचारियों पर काम के दबाव को कम करने और प्रक्रिया को तीन महीने बढ़ाने की सलाह दी ताकि वोटर लिस्ट सही तरीके से तैयार हो सके.
लोकसभा चुनाव के बाद से सपा और कांग्रेस के रिश्ते गड़बड़ाने लगे थे, लेकिन राहुल गांधी और अखिलेश यादव की सियासी केमिस्ट्री फिर से बनती दिख रही है. संसद से सड़क तक यूपी के दो लड़को की जोड़ी ने मोदी सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल रखा है. ऐसे में साफ है कि 2027 के सियासी रण में फिर दोनों एक साथ नजर आएंगे.
समाजवादी पार्टी (सपा) के नेताओं अमीक जमाई और फकरुल चांद हसन ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की नाम बदलने की राजनीति पर हमला बोला. जमई ने कहा कि इससे धार्मिक तनाव बढ़ा है और विकास रुका है, न गरीबी/भुखमरी घटी. हसन ने आरोप लगाया कि बीजेपी सिर्फ मंदिर-मस्जिद, हलाल जैसे धार्मिक मुद्दों तक सीमित है, जबकि दलितों पर अत्याचार, खाद और बेरोजगारी जैसे असल मुद्दों पर बात नहीं करती.
इटावा के सैफई में अखिलेश यादव के चचेरे भाई आर्यन यादव की भव्य शादी में समाजवादी परिवार एकजुट दिखा. लद्दाख की सेरिंग से हुई इस शादी में अपर्णा, प्रतीक, शिवपाल, रामगोपाल और डिंपल यादव मौजूद रहे. हजारों की भीड़, सांस्कृतिक संगम और नेताओं की बड़ी मौजूदगी आकर्षण रहा.
राम जन्म भूमि मंदिर का विपक्ष के नेता अब तक बॉयकॉट करते आए हैं. खुलेतौर पर न सही, लेकिन नजरंदाज तो किया ही है. हां, सभी तरफ से राम मंदिर को लेकर राजनीति जमकर हुई. लेकिन, आज मंगलवार को जिस तरह के संकेत अखिलेश के एक ट्वीट से मिले हैं, उससे लगता है कि यूपी में समाजवादी पार्टी की रणनीति बदल रही है.
समाजवादी पार्टी ने उत्तर प्रदेश में चल रही SIR प्रक्रिया पर आपत्ति जताते हुए इसकी अंतिम तिथि तीन महीने बढ़ाने की मांग की है. पार्टी ने लखनऊ पूर्वी विधानसभा के 1100 मतदाता लापता होने सहित मतदाता सूची से जुड़े मुद्दे उठाए हैं.
बलरामपुर में सुहेलदेव स्वाभिमान पार्टी की रैली में सपा कार्यकर्ता रमाकांत दुबे ने मंच से पूर्व सांसद बृजभूषण शरण सिंह (बिना नाम लिए) को खुली चुनौती दी. "दबदबा था, दबदबा रहेगा" पर पलटवार करते हुए दुबे ने उन्हें निर्दलीय चुनाव लड़ने का चैलेंज दिया. उन्होंने कहा कि सपा सरकार में समाजवादियों ने ही उनकी इज्जत बचाई थी.
बलिया से सपा सांसद सनातन पांडे ने कहा कि 2027 के विधानसभा चुनाव में ईंट का जवाब ईंट से दिया जाएगा और जान देने या जान लेने से भी नहीं हिचकेंगे. उन्होंने बीजेपी पर देश को अलोकतांत्रिक तरीके से चलाने और वादाखिलाफी का आरोप लगाया. पांडे ने याद दिलाया कि उन्होंने 2024 लोकसभा चुनाव में भी कलेक्टर को चेतावनी दी थी.
सपा नेता रविदास मेहरोत्रा का कहना है कि समाजवादी पार्टी के तमाम नेता, उत्तर प्रदेश की जनता और लाखों कार्यकर्ता चाहते हैं कि INDIA गठबंधन की अगुवाई सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव करें. उन्होंने सपा को प्रदेश में सबसे बड़ी पार्टी और देश में तीसरी सबसे बड़ी पार्टी बताया, साथ ही INDIA गठबंधन की नंबर 2 की पार्टी बताया.
समाजवादी पार्टी के नेता अखिलेश प्रसाद ने बिहार चुनाव के नतीजों पर अपनी प्रतिक्रिया दी है और बीजेपी पर निशाना साधा. उन्होनें कहा कि 'तेजस्वी यादव एक लोकप्रिय नेता हैं और जनता का उन पर विश्वास है. यदि जनता के वोटों के साथ कोई धोखाधड़ी नहीं हुई होती तो निश्चित तौर पर वे बिहार के मुख्यमंत्री होते.'
बिहार में एनडीए की जीत के बाद अब यूपी में विपक्षी गठबंधन अभी से ही एक्टिव मोड में आता नजर आ रहा है. सपा कांग्रेस को 35 से अधिक सीटें देने के मूड में नहीं नजर आ रही.
बिहार विधानसभा चुनाव में मतगणना का दौर अभी जारी है.अभी तक के रुझानों में एनडीए को बड़ा बहुमत मिलता दिख रहा है.इसी बीच समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने इन चुनाव परिणामों को SIR से जोड़ दिया है.
बिहार रुझानों के आने के बाद समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने सरकार पर वार कर ट्वीट किया है. अखिलेश ने रुझानों के तरफ इशारा करते हुए इसे SIR का कमाल बताया है. अखिलेश ने कहा कि बिहार में SIR ने खेल किया, लेकिन यूपी में SIR का खेल नहीं होने देंगे. अखिलेश ने इन रुझानों को चुनावी साजिश बताया है.