मॉनसून सत्र
भारत की संसद (Parliament of India), भारत गणराज्य का सर्वोच्च विधायी निकाय है. यह भारत के राष्ट्रपति और दो सदनों- राज्यसभा (Council of States) और लोकसभा (House of the People) से बना एक द्विसदनीय विधायिका है. राष्ट्रपति (President of India) को विधायिका के प्रमुख के रूप में अपनी भूमिका में संसद के किसी भी सदन को बुलाने और लोकसभा को भंग करने की पूरी शक्ति है. राष्ट्रपति इन शक्तियों का प्रयोग केवल प्रधानमंत्री और उनकी केंद्रीय मंत्रिपरिषद की सलाह पर ही कर सकता है.
संसद के किसी भी सदन में निर्वाचित या मनोनीत संसद सदस्य या सांसद (MP) कहलाते हैं. लोकसभा (Lok Sabha) की संसद के सदस्य एकल सदस्यीय जिलों में भारतीय जनता के मतदान द्वारा सीधे चुने जाते हैं और राज्यसभा (Rajya Sabha) के संसद सदस्यों का चुनाव आनुपातिक प्रतिनिधित्व द्वारा सभी राज्य विधानसभाओं के सदस्यों द्वारा किया जाता है. संसद में लोकसभा में 543 (Seats of Lok Sabha) और राज्यसभा में 245 (Seats of Rajya Sabha) की स्वीकृत संख्या है, जिसमें साहित्य, कला, विज्ञान और समाज सेवा के विभिन्न क्षेत्रों की विशेषज्ञता से 12 नामांकित व्यक्ति शामिल हैं. संसद नई दिल्ली में संसद भवन में मिलती है (Parliament in New Delhi).
जिस अवधि के दौरान सदन अपना कार्य करने के लिए बैठक करता है उसे सत्र (Session) कहा जाता है. संविधान राष्ट्रपति को प्रत्येक सदन को इस तरह के अंतराल पर बुलाने का अधिकार देता है कि दो सत्रों के बीच छह महीने से अधिक का अंतर नहीं होना चाहिए. इसलिए संसद को वर्ष में कम से कम दो बार अवश्य मिलना होता है. भारत में, संसद में हर साल तीन सत्र आयोजित किया जाता है, जिसमें मॉनसून सत्र जुलाई से अगस्त या सितंबर तक चलता है (Monsoon Session).
संसद में हाल में ही पेश किए गए 'भ्रष्ट नेता हटाओ बिल' को लेकर इंडिया गठबंधन और एनडीए के बीच सियासी संग्राम मच गया है. मल्लिकार्जुन खड़गे का कहना है कि सरकार इससे विपक्षी दलों के नेताओं को निशाना बना सकती है. वहीं मंत्री रिजिजू ने कहा कि किसी भी पद को कानून से छूट नहीं दी गई है.
2014 से अब तक विपक्ष के लगभग 30 मंत्री जेल जा चुके हैं, जिनमें से कई लंबे समय तक हिरासत में रहे. यदि हाल ही में केंद्र द्वारा पेश किया गया ‘भ्रष्ट नेता हटाओ बिल’ पहले ही लागू हो चुका होता, तो इन सभी को मंत्री पद से हटना पड़ता.
मॉनसून सत्र की शुरुआत जब हुई, राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ थे. समापन के समय कार्यवाहक सभापति हरिवंश चेयर का चेहरा बन चुके थे. राज्यसभा में जीरो ऑवर के बाद लिस्टेड बिजनेस लेने की परंपरा भी इस बार बदल गई.
Explainer: Online Gaming Industry में होगा बड़ा बदलाव, सरकार ऑनलाइन बेटिंग वाले गेमिंग-ऐप्स पर पूरी तरह से बैन लगाएगी
पिछले एक दशक में भारत में डिजिटल क्रांति के साथ फैंटेसी लीग, कार्ड गेम्स, ऑनलाइन लॉटरी, पोकर, रमी और सट्टेबाजी जैसे प्लेटफॉर्म्स की संख्या में इजाफा देखा गया. सरकार अब इनपर लगाम लगाने जा रही है. लोकसभा से प्रमोशन एंड रेग्युलेशन ऑफ ऑनलाइन गेमिंग बिल, 2025 पास कर गया है.
संसद का मानसून सत्र समाप्त हो गया है. इस सत्र में हुए हंगामे के बाद यह सवाल उठा है कि क्या सांसदों को इस हंगामे के लिए वेतन मिलना चाहिए. सांसद उमेश पटेल ने एक बैनर के साथ अपनी बात रखी. उन्होंने कहा कि जिन सांसदों ने सदन को चलने नहीं दिया, उन्हें उस दिन का वेतन नहीं मिलना चाहिए.
इस मानसून सत्र में लोकसभा में जहां 120 घंटे चर्चा के लिए तय किए गए थे तो वहां केवल 37 घंटे ही काम हुआदू सरी तरफ राज्यसभा में भी 120 घंटे की जगह सिर्फ 47 घंटे ही काम हुआ बाकी के घंटे सांसदों ने हंगामा करके ही गुजार दिए
मॉनसून सत्र के दौरान हंगामे के कारण दोनों सदनों का कामकाज प्रभावित हुआ. दमन-दीव के निर्दलीय सांसद उमेश पटेल ने सत्तापक्ष और विपक्ष से सदन नहीं चलने देने के लिए माफी मांगने की मांग की है.
आज संसद सत्र के दौरान पीएम नरेंद्र मोदी द्वारा बुलाई गई चाय पर बैठक में विपक्ष ने हिस्सा नहीं लिया. प्रधानमंत्री ने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि कई युवा नेताओं में प्रतिभा और उत्साह है, लेकिन उन्हें बोलने का मौका नहीं दिया जाता और यह भी कहा कि शायद एक परिवार के दबाव में कुछ युवा प्रतिभाशाली कांग्रेस सांसद बोल नहीं पाते हैं.
मॉनसून सत्र के आखिरी दिन भी संसद में तनातनी का माहौल रहा. प्रधानमंत्री की चाय पार्टी में विपक्षी दल शामिल नहीं हुए. लोकसभा में स्पीकर ने सदन की मर्यादा बनाए रखने की बात कही. प्रधानमंत्री ने कांग्रेस पर बड़ा हमला करते हुए कहा कि एक परिवार की असुरक्षा के कारण युवा नेताओं को मौका नहीं मिल रहा है. उन्होंने कहा कि अपनी पार्टी के नेताओं से घबराते हैं.
आज लोकसभा में कार्यवाही अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दी गई है, सदन में 18 अगस्त 2025 को भारत के अंतिम कार्यक्रम की उपलब्धियों पर विशेष चर्चा शुरू हुई थी. इस सत्र में कुल 419 सवाल शामिल किए गए थे, लेकिन लगातार विपक्षके हंगामें के बीच सिर्फ 55 सवालों का ही जवाब दिया जा सका.
लोकसभा में मॉनसून सत्र के दौरान कुल 14 सरकारी विधेयक पेश किए गए, जिनमें से 12 विधेयक पारित भी हुए. सदन में कुल मिलाकर 120 घंटे चर्चा होनी थी, लेकिन वोटर लिस्ट रिवीजन के मुद्दे पर गतिरोध के कारण 37 घंटे ही चर्चा हो सकी.
संसद का मॉनसून सत्र हंगामे के साथ समाप्त हुआ, जिसमें सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच तनातनी जारी रही. प्रधानमंत्री द्वारा आयोजित चाय पार्टी में विपक्ष का कोई नेता शामिल नहीं हुआ. भोपाल में ड्रग तस्करी और भू-माफिया से जुड़े 'मछली परिवार' की 22 करोड़ रुपये की आलीशान कोठी पर बुलडोजर चला.
29 जुलाई को शुरू हुए मानसून सत्र का आज आखिरी दिन है. गृहमंत्री अमित शाह द्वारा पेश किए गए तीन बिलों पर आज फिर हंगामा हो सकता है. इन बिलों में एक प्रावधान है कि यदि प्रधानमंत्री या कोई मंत्री पांच साल या उससे अधिक की सजा वाले मामले में लगातार 30 दिनों तक गिरफ्तार रहते हैं, तो उनका पद चला जाएगा।
संसद का मॉनसून सत्र हंगामे के साथ समाप्त हुआ. सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच तनातनी का असर प्रधानमंत्री द्वारा आयोजित चाय पार्टी में भी दिखा. इस बैठक में विपक्ष का कोई नेता शामिल नहीं हुआ, जबकि एनडीए के नेता मौजूद थे. प्रधानमंत्री ने कहा कि यह सत्र अच्छा रहा क्योंकि महत्वपूर्ण विधेयक पारित हुए.
सत्तापक्ष और विपक्ष के बीच गतिरोध सदन के बाहर भी जारी है. विपक्षी दलों ने लोकसभा की कार्यवाही अनिश्चितकाल के लिए स्थगित होने के बाद पीएम की टी मीटिंग का बायकॉट किया.
केंद्र सरकार ने पीएम-सीएम और मंत्रियों को जेल में 30 दिन बिताने पर पद से हटाने वाले कानून के लिए बिल पेश किया है. लेकिन इस बिल में कानूनी, राजनीतिक और कई व्यावहारिक अड़चनें भी हैं. कानून कुदरती इंसाफ के पैमानों पर भी नहीं टिकता.
लोकसभा में नया विधेयक पेश किया गया. इस विधेयक में यह प्रावधान है कि यदि प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री या किसी केंद्रीय/राज्य मंत्री पर ऐसी धाराओं में आपराधिक मुकदमा दर्ज होता है, जिनमें पांच साल या उससे अधिक की सजा का प्रावधान है, और वे लगातार 30 दिन तक जेल में रहते हैं, तो उन्हें इकतीसवें दिन पद छोड़ना होगा.
विपक्षी दल द्वारा SIR के मुद्दे पर सदन के अंदर और बाहर लगातार विरोध प्रदर्शन मॉनसून सत्र पूरी तरह से हंगामे की भेंट चढ़ गया. सरकार ने विपक्ष के इस रवैए पर निराशा जताई है तो विपक्ष ने सत्तारूढ़ दल पर बिना किसी बहस के जबरदस्ती कानून पारित करने का आरोप लगाया है.
लोकसभा में वोटर लिस्ट रिवीजन के मुद्दे पर जोरदार हंगामे के बीच एक मौका ऐसा भी आया, जब स्पीकर ने विपक्ष के एक सांसद की चुटकी लेते हुए कहा कि बहुत दिन हो गए आपको बोले हुए.
लोकसभा में जोरदार हंगामे के बीच गृह मंत्री अमित शाह ने पीएम, सीएम और मंत्रियों को 30 दिन से ज्यादा जेल में रहने पर पद से हटाने का प्रावधान करने वाले बिल पेश कर दिए हैं. ताजा अपडेट्स के लिए पेज को रिफ्रेश करते रहें...