22 अप्रैल 2025 को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए भयानक आतंकी हमले के 96 दिन बाद भारतीय सेना ने एक बड़ी कामयाबी हासिल की है. इस हमले में 26 बेकसूर पर्यटकों की जान गई थी.जवाब में शुरू हुआ ऑपरेशन महादेव अब आतंकियों के लिए "गेम ओवर" साबित हुआ है.
श्रीनगर में हाल ही में हुई मुठभेड़ में तीन आतंकियों को मार गिराया गया, जो पहलगाम हमले से जुड़े बताए जा रहे हैं. आइए, समझते हैं कि यह ऑपरेशन क्या था, कैसे चला और आतंकियों को कैसे शिकस्त दी गई.
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पहलगाम हमला: क्या हुआ था?
22 अप्रैल 2025 को पहलगाम के बाइसरन घाटी में पांच आतंकियों ने 26 पर्यटकों पर हमला किया था. ये आतंकी द रेजिस्टेंस फ्रंट (TRF) से जुड़े थे, जो पाकिस्तान स्थित लश्कर-ए-तैयबा (LeT) का मोहरा माना जाता है. हमले में हथियारों जैसे M4 कार्बाइन और AK-47 का इस्तेमाल हुआ.

आतंकियों ने हिंदू पर्यटकों को निशाना बनाया. जो लोग इस्लामिक आयतें नहीं पढ़ सके, उन्हें गोलियों से भून दिया गया. इस घटना ने पूरे देश को हिला दिया. पर्यटन पर भी बुरा असर पड़ा.
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ऑपरेशन महादेव: मिशन की शुरुआत
पहलगाम हमले के बाद 7 मई 2025 को भारत ने ऑपरेशन सिंदूर चलाया था, जिसमें पाकिस्तान और पीओके में आतंकी ठिकानों पर सटीक हवाई हमले किए गए. लेकिन आतंकियों की जड़ें खत्म करने के लिए सेना ने लंबी रणनीति बनाई, जिसका नाम पड़ा ऑपरेशन महादेव. यह ऑपरेशन 96 दिन तक चला और इसका मकसद उन आतंकियों को पकड़ना या मारना था, जो पहलगाम हमले में शामिल थे.

मिशन की कहानी: कैसे हुआ आतंकियों का सफाया?
जासूसी और तैयारी: सेना ने ड्रोन और ह्यूमिंट (मानव खुफिया) से आतंकियों की लोकेशन ट्रैक की. दाचीगाम के जंगलों में आतंकियों के होने की खबर मिली, जहां वे छिपे थे.
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मुठभेड़ शुरू: 28 जुलाई की सुबह सुरक्षाबलों ने इलाके को घेर लिया. आतंकियों ने गोलीबारी शुरू की, लेकिन सेना ने मुंहतोड़ जवाब दिया. मुठभेड़ 6 घंटे तक चली, जिसमें तीन आतंकी मारे गए.
हथियार बरामद: मुठभेड़ में AK-47, ग्रेनेड और IED (इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस) मिले. ये हथियार पहलगाम हमले में इस्तेमाल किए गए थे.
सफलता का दावा: सेना ने कहा कि पहलगाम हमले के मुख्य साजिशकर्ताओं में से एक का सफाया हो गया. बाकी बचे आतंकियों की तलाश जारी है.

क्या खास था ऑपरेशन में?
ड्रोन और थर्मल इमेजिंग से सेना ने रात में भी आतंकियों की गतिविधियां देखीं. IED को निष्क्रिय करने के लिए रोबोटिक सिस्टम का इस्तेमाल हुआ.
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भारत के लिए क्या मायने?
ऑपरेशन महादेव ने पहलगाम हमले के 96 दिन बाद आतंकियों को करारा जवाब दिया. श्रीनगर की मुठभेड़ में तीन आतंकियों का मारा जाना भारत की दृढ़ता दिखाता है. हाशिम मूसा जैसे खतरनाक आतंकियों का सफाया देश की सुरक्षा के लिए बड़ी जीत है. लेकिन आतंक की जड़ें पूरी तरह खत्म नहीं हुईं, इसलिए सेना को लगातार सतर्क रहना होगा.