भारत ने 22 अप्रैल 2025 को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले का जवाब देने के लिए 6-7 मई 2025 की रात ऑपरेशन सिंदूर शुरू किया था. इस ऑपरेशन में भारतीय सेना ने पाकिस्तान और पीओके (पाक अधिकृत कश्मीर) में आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया. इससे पाकिस्तान को भारी नुकसान हुआ, जो उसके लिए एक बड़ा झटका था. आइए, समझते हैं कि ऑपरेशन सिंदूर में पाकिस्तान को कहां और कितना नुकसान हुआ, 10 पॉइंट्स में.
ऑपरेशन सिंदूर क्या था?
पहले थोड़ा बैकग्राउंड समझ लें. 22 अप्रैल 2025 को पहलगाम में आतंकियों ने 26 पर्यटकों की हत्या की थी, जिसमें हिंदू और एक नेपाली नागरिक शामिल थे. भारत ने इस हमले के पीछे पाकिस्तान समर्थित आतंकी संगठनों (जैसे लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद) को जिम्मेदार ठहराया.
यह भी पढ़ें: वेपन डील, डिफेंस साझेदारी और हाइपसोनिक मिसाइल-बॉम्बर पर बहुत कुछ... गेमचेंजर होगा इस बार पुतिन का इंडिया दौरा
इसका जवाब देने के लिए भारतीय वायु सेना ने 6-7 मई की रात को पाकिस्तान और पीओके में 9 आतंकी ठिकानों पर हवाई हमले किए, जिसे ऑपरेशन सिंदूर नाम दिया गया. ये ऑपरेशन सिर्फ 23 मिनट में पूरा हुआ, लेकिन इसका असर लंबा रहा.
पाकिस्तान को कहां और कितना नुकसान हुआ? 10 पॉइंट्स
आतंकी ठिकाने तबाह
भारत ने पाकिस्तान के 9 आतंकी ठिकानों को नष्ट किया, जिनमें मुरीदके, बहावलपुर और लाहौर के पास के इलाके शामिल थे. ये ठिकाने जैश-ए-मोहम्मद और लश्कर-ए-तैयबा के ट्रेनिंग कैंप थे.

100 से ज्यादा आतंकी मारे गए
ऑपरेशन में 100 से ज्यादा आतंकी मारे गए, जिनमें हाई-वैल्यू टारगेट्स (जैसे मसूद अजहर के परिवार के सदस्य) भी शामिल थे. ये आतंकी IC-814 अपहरण और पुलवामा जैसे हमलों में शामिल थे.
11 एयरबेस को नुकसान
पाकिस्तान के 11 एयरबेस (जैसे नूरखान, मुसाफ और भोलारी) को भारी नुकसान पहुंचा. इनमें रनवे और रडार सिस्टम को निशाना बनाया गया.
यह भी पढ़ें: धरातल पर ALH ध्रुव... आखिर क्यों उड़ान नहीं भर रहे 330 चॉपर, पोरबंदर क्रैश से क्या है लिंक

6 फाइटर जेट और AWACS नष्ट
6 पाकिस्तानी फाइटर जेट और 2 AWACS (एयरबोर्न वॉर्निंग सिस्टम) मारे गए. एक C-130 ट्रांसपोर्ट विमान भी तबाह हुआ.
40 नागरिकों की मौत
पाकिस्तान का दावा है कि 40 नागरिक (7 महिलाएं और 15 बच्चे) मारे गए, लेकिन भारत कहता है कि ये नुकसान आतंकी ठिकानों के पास हुआ. जांच में पाया गया कि कई मस्जिदें आतंकियों के छिपने की जगह थीं.
यह भी पढ़ें: सरहद पर कांप उठेगी दुश्मन की रूह, जब सामने आएंगे भारतीय सेना के 'रुद्र' और 'भैरव'
11 सैनिक हताहत
पाकिस्तानी सेना ने स्वीकार किया कि 11 सैनिक (6 सेना, 5 वायुसेना) मारे गए और 78 घायल हुए. ये नुकसान जवाबी कार्रवाई में हुआ.
रडार और डिफेंस सिस्टम ध्वस्त
लाहौर, गुजरांवाला और अरीफवाला के रडार सिस्टम नष्ट हुए. इससे पाकिस्तान की हवाई निगरानी कमजोर हो गई.
आर्थिक नुकसान
कराची स्टॉक एक्सचेंज में 6400 अंक की गिरावट हुई. 2.85 अरब डॉलर का नुकसान हुआ. रोजाना 3.2 मिलियन डॉलर का घाटा होने का अनुमान है.
यह भी पढ़ें: नौसेना और कोस्टगार्ड को मिलेगा C-295 विमान, सीमाओं पर बढ़ेगी सुरक्षा... जानिए क्या खास है इसमें
परमाणु ठिकानों पर सवाल
10 मई को चगाई हिल्स में हलचल के बाद शक हुआ कि नूरखान एयरबेस पर परमाणु हथियारों को नुकसान पहुंचा. अमेरिकी विमानों ने रेडिएशन चेक किया, लेकिन पुख्ता सबूत नहीं मिले.
मनोबल और बुनियादी ढांचे का नुकसान
पाकिस्तान के एयरबेस और कैंप्स तबाह होने से उसका मनोबल टूटा. मरम्मत और सामान्य स्थिति बहाल करने में सालों लग सकते हैं.

क्या हुआ था ऑपरेशन में?
भारतीय वायु सेना ने रात 1:05 बजे ऑपरेशन शुरू किया. राफेल, Su-30 और सुदर्शन क्रूज मिसाइलों का इस्तेमाल हुआ. भारत का दावा है कि ये हमले सिर्फ आतंकी ठिकानों पर थे, सिविल या सैन्य ठिकानों को निशाना नहीं बनाया गया. लेकिन पाकिस्तान ने इसे "युद्ध की कार्रवाई" कहकर जवाबी हमले किए, जिसमें भारत ने S-400 और हार्पी ड्रोन से जवाब दिया. 10 मई को सीजफायर हुआ, लेकिन नुकसान का असर लंबा चला.
पाकिस्तान का जवाब और असर
पाकिस्तान ने दावा किया कि उसने 5 भारतीय विमान (3 राफेल) मार गिराए, लेकिन भारत ने इसे खारिज किया. जवाबी हमलों में उसने ड्रोन और तोपखाने का इस्तेमाल किया, लेकिन भारत के S-400 ने इन्हें नाकाम कर दिया. आर्थिक संकट के बाद पाकिस्तान ने IMF से 2.4 बिलियन डॉलर की मदद मांगी.