राजपुर, बिहार के रोहतास जिले में स्थित एक गांव और सामुदायिक विकास खंड है. यह एक विधानसभा क्षेत्र भी है, जिसमें राजपुर (रोहतास जिला) और इटाढ़ी (बक्सर जिला) के ब्लॉक शामिल हैं, साथ ही बक्सर जिले के डुमरांव ब्लॉक के कुछ पंचायतें भी इसमें आती हैं.
यह क्षेत्र मुख्यतः समतल और उपजाऊ मैदानी भागों वाला है, जो कृषि के लिए अनुकूल है. राजपुर सोन
नदी के पास स्थित है, जबकि इटाढ़ी गंगा नदी के नजदीक है, जो बक्सर के पास बहती है. निकटवर्ती शहरों में सासाराम, बक्सर, डेहरी-ऑन-सोन, बिक्रमगंज और उत्तर प्रदेश का बलिया शामिल हैं.
2011 की जनगणना के अनुसार, राजपुर ब्लॉक की कुल जनसंख्या 75,213 थी, जिसमें लिंगानुपात 1,000 पुरुषों पर 915 महिलाएं था. साक्षरता दर 75.99% थी, जिसमें पुरुषों की साक्षरता 85.89% और महिलाओं की 65.16% थी. वहीं, इटाढ़ी ब्लॉक की जनसंख्या 1,70,629 थी, जिसमें लिंगानुपात 1,000 पुरुषों पर 937 महिलाएं और साक्षरता दर 68.77% जिसमें पुरुष 79.65% और महिलाएं 57.14% साक्षर हैं.
राजपुर विधानसभा क्षेत्र अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित है और इसकी स्थापना 1977 में हुई थी. यह बक्सर लोकसभा सीट के छह विधानसभा क्षेत्रों में से एक है. 2020 के विधानसभा चुनाव में इस क्षेत्र में 3,24,038 पंजीकृत मतदाता थे, जो 2024 के लोकसभा चुनाव तक बढ़कर 3,40,961 हो गए. 2020 में यहां अनुसूचित जाति के मतदाताओं की हिस्सेदारी 18.9% थी, जबकि मुस्लिम मतदाता 5.4% थे. यह क्षेत्र पूर्णतः ग्रामीण है, शहरी मतदाता बिल्कुल नहीं हैं. उस वर्ष मतदान प्रतिशत 57.02% था.
1977 से अब तक इस क्षेत्र में 11 बार विधानसभा चुनाव हुए हैं, और मतदाताओं ने किसी भी पार्टी को यह क्षेत्र अपनी मजबूत पकड़ मानने का मौका नहीं दिया. 2005 से शुरू होकर जनता दल (यूनाइटेड) ने इस सीट पर लगातार चार बार जीत दर्ज की. भाजपा और कांग्रेस ने इसे दो-दो बार जीता, जबकि जनता पार्टी, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (CPI) और बहुजन समाज पार्टी ने एक-एक बार जीत हासिल की. 2020 में कांग्रेस के विश्वनाथ राम ने जेडीयू के मौजूदा विधायक संतोष कुमार निराला को 21,204 वोटों से हराया. यह जीत कांग्रेस के लिए ऐतिहासिक रही, क्योंकि पार्टी ने 1980 के बाद पहली बार इस सीट पर विजय पाई थी.
ऐसा माना जा रहा है कि कांग्रेस महागठबंधन की ओर से एक बार फिर इस सीट पर चुनाव लड़ेगी. वहीं, सत्ताधारी एनडीए को इस बार रणनीति पर विशेष ध्यान देना होगा. जेडीयू के निराला, जिन्होंने 2010 और 2015 में जीत दर्ज की थी, को 2020 में भारी पराजय का सामना करना पड़ा. अब एनडीए को यह मूल्यांकन करना होगा कि यह हार विधायक निराला के खिलाफ जनमत था या मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के प्रति नाराजगी, जिनकी लोकप्रियता में उस समय भारी गिरावट आई थी.
बीजेपी ने यह संकेत दिया है कि इस बार वह जेडीयू से अधिक सीटों पर चुनाव लड़ सकती है, और राजपुर उन सीटों में शामिल हो सकता है. हालांकि 2024 के लोकसभा चुनाव में राजद ने बक्सर सीट जीती, और बीजेपी, जिसने बक्सर सीट से चुनाव लड़ा था, राजपुर में राजद से पीछे रही.
(अजय झा)