बिहार के सीवान जिले में स्थित गोरियाकोठी विधानसभा क्षेत्र, महाराजगंज लोकसभा सीट के अंतर्गत आने वाले छह विधानसभा क्षेत्रों में से एक है. यह सामान्य श्रेणी की सीट है. वर्ष 2010 में बसंतपुर और लकड़ी नबीगंज प्रखंडों को गोरियाकोठी प्रखंड के साथ मिलाकर इसका गठन हुआ था.
ब्रिटिश शासनकाल के दौरान यह क्षेत्र बंगाल प्रेसिडेंसी का हिस्सा था. ऐसा
माना जाता है कि उस दौर में किसी अंग्रेज नील के व्यापारी, राजस्व अधिकारी या जिले के किसी वरिष्ठ अफसर का यहां एक बंगला हुआ करता था, जो समय के साथ स्थानीय पहचान बन गया. स्थानीय लोग इसे “गोरिया का कोठी” कहकर संबोधित करने लगे, जो बाद में संक्षिप्त होकर गोरियाकोठी बन गया.
यह क्षेत्र पूरी तरह ग्रामीण है और इसकी अर्थव्यवस्था मुख्यतः कृषि पर आधारित है. प्रमुख फसल धान, गेहूं और मक्का, है जबकि कुछ इलाकों में गन्ने की भी खेती होती है. क्षेत्र में कोई बड़ा उद्योग नहीं है, लेकिन छोटे स्तर का व्यापार और प्रवासी मजदूरों द्वारा भेजे गए धन से भी आर्थिक गतिविधियां संचालित होती हैं.
गोरियाकोठी प्रखंड मुख्यालय, सीवान जिला मुख्यालय से लगभग 35 किमी पूर्व में स्थित है. यह महाराजगंज (25 किमी), बसंतपुर (15 किमी) और लकड़ी नबीगंज (12 किमी) जैसे आसपास के कस्बों से सड़क मार्ग से जुड़ा है. पास का प्रमुख रेलवे स्टेशन सीवान है और निकटतम हवाई अड्डा पटना (लगभग 120 किमी) में स्थित है.
2020 के विधानसभा चुनावों में यहां कुल 3,31,015 पंजीकृत मतदाता थे, जो 2024 के लोकसभा चुनाव तक बढ़कर 3,40,332 हो गए. इनमें से 2020 की मतदाता सूची के 3,980 लोग 2024 तक प्रवास कर गए थे. जातिगत आंकड़ों के अनुसार यहां अनुसूचित जाति लगभग 10.84% (35,882), अनुसूचित जनजाति 1.3% (4,303), मुस्लिम समुदाय लगभग 16.9% (55,942) हैं. गौरतलब है कि संपूर्ण मतदाता वर्ग ग्रामीण है.
हालांकि वर्तमान स्वरूप में यह सीट 2008 में बनी और पहली बार 2010 में चुनाव हुआ, लेकिन गोरियाकोठी क्षेत्र 1967 से ही विधानसभा क्षेत्र के रूप में अस्तित्व में रहा है. पुनर्संरचना से पहले यहां 11 विधानसभा चुनाव हुए. जिसमें कांग्रेस ने चार बार, बीजेपी, जनता दल और राजद ने दो-दो बार जबकि लोकतांत्रिक कांग्रेस ने एक बार (1969 में) जीत दर्ज की.
2020 में बीजेपी के देवेश कांत सिंह ने 92,350 वोटों से जीत हासिल की, जबकि राजद की नूतन देवी को 75,990 वोट मिले. जदयू ने सीट साझा व्यवस्था के अंतर्गत चुनाव नहीं लड़ा.
2024 के लोकसभा चुनाव में महाराजगंज के बीजेपी प्रत्याशी जनार्दन सिंह सिग्रीवाल ने गोरियाकोठी विधानसभा क्षेत्र में 16,864 वोटों से बढ़त हासिल की.
2010 के बाद से यह सीट बीजेपी और राजद के बीच अदला-बदली का केंद्र रही है. 2010 में बीजेपी के भूमेंद्र नारायण सिंह ने 14,021 वोटों से जीत दर्ज की. 2015 में राजद के सत्यदेव प्रसाद सिंह ने 7,651 वोटों से जीत हासिल की. 2020 में बीजेपी के देवेश कांत सिंह ने 11,891 वोटों से वापसी की.
वर्तमान राजनीतिक परिदृश्य में, बीजेपी नेतृत्व वाले एनडीए की स्थिति गोरियाकोठी में मजबूत दिख रही है. हालांकि राजद-कांग्रेस गठबंधन अभी भी मुकाबले में है, लेकिन उसे जीत के लिए अपने वोट बैंक को मजबूत करना होगा.
वहीं, प्रशांत किशोर द्वारा शुरू की गई जन सुराज पार्टी भी चुनावी मैदान में है और यदि उसका अभियान कुछ क्षेत्रों में प्रभावशाली रहा तो वह वोट शेयर में बदलाव ला सकती है.
(अजय झा)