दरौंदा विधानसभा क्षेत्र बिहार के सीवान जिले में स्थित है और यह सीवान लोकसभा क्षेत्र का हिस्सा है. यह विधानसभा क्षेत्र दरौंदा और सिसवन प्रखंडों के साथ-साथ हसनपुरा प्रखंड के 10 ग्राम पंचायतों को मिलाकर बना है. इसका गठन 2008 में परिसीमन आयोग की सिफारिशों के आधार पर किया गया था.
लगभग 40 किलोमीटर दूर बहने वाली गंडक नदी की सिंचाई सुविधा का भरपूर लाभ मिलता है. कृषि यहां की प्रमुख आर्थिक गतिविधि है, जिसमें धान, गेहूं और गन्ना मुख्य फसलें हैं. इसके अलावा, चावल मिल और ईंट भट्ठों जैसी लघु उद्योगों से भी स्थानीय लोगों को रोजगार मिलता है.
सड़क और रेलमार्ग के माध्यम से दरौंदा क्षेत्र अच्छी तरह जुड़ा हुआ है. जिला मुख्यालय सीवान यहां से लगभग 18 किलोमीटर की दूरी पर है, जबकि छपरा 55 किलोमीटर दक्षिण-पूर्व में और गोपालगंज लगभग 42 किलोमीटर उत्तर में स्थित है. राज्य की राजधानी पटना दरौंदा से लगभग 140 किलोमीटर दूर है.
दरौंदा विधानसभा क्षेत्र में अब तक पांच विधानसभा चुनाव हो चुके हैं, जिनमें 2011 और 2019 में दो उपचुनाव भी शामिल हैं. 2010 में हुए पहले चुनाव में जनता दल (यूनाइटेड) की उम्मीदवार जगमतो देवी ने जीत दर्ज की थी. उनके निधन के बाद 2011 में उपचुनाव हुआ, जिसमें उनकी बहू कविता सिंह ने जीत हासिल की. 2015 के चुनाव में भी उन्होंने अपनी सीट बरकरार रखी. 2019 के लोकसभा चुनाव में कविता सिंह ने सीवान संसदीय सीट से जीत हासिल की, जिससे दरौंदा में दूसरा उपचुनाव हुआ. इसमें जेडीयू ने कविता सिंह के पति अजय कुमार सिंह को उम्मीदवार बनाया, लेकिन उन्हें निर्दलीय उम्मीदवार करणजीत सिंह उर्फ व्यास सिंह ने 27,279 वोटों के बड़े अंतर से हराया. बाद में करणजीत सिंह भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो गए और 2020 के विधानसभा चुनाव में उन्होंने भाकपा (माले) के अमरनाथ यादव को 11,320 वोटों से पराजित किया.
दरौंदा का पूरा मतदाता आधार ग्रामीण है. 2011 की जनगणना के अनुसार यहां कोई भी शहरी मतदाता नहीं था. 2020 के विधानसभा चुनाव में यहां कुल 3,19,225 पंजीकृत मतदाता थे, जिनमें से लगभग 11.78% (37,605) अनुसूचित जाति के और 11.70% (37,349) मुस्लिम मतदाता थे. 2024 के लोकसभा चुनाव तक मतदाताओं की संख्या बढ़कर 3,29,715 हो गई थी. निर्वाचन आयोग के आंकड़ों के अनुसार 2020 के बाद से 4,288 मतदाता क्षेत्र से बाहर पलायन कर चुके हैं. यहां के युवाओं में रोजगार के लिए पलायन आम है, जो बिहार के औद्योगिक ठहराव को दर्शाता है.
2024 के लोकसभा चुनाव में जेडीयू की विजयलक्ष्मी देवी ने दरौंदा विधानसभा क्षेत्र में 27,462 वोटों की बढ़त हासिल की, जिससे यह स्पष्ट होता है कि आगामी बिहार विधानसभा चुनावों में राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के नेतृत्व वाले विपक्षी गठबंधन के लिए इस सीट को एनडीए से छीनना एक बड़ी चुनौती होगी.
(अजय झा)