बिहार के सारण जिले के पश्चिमी हिस्से में स्थित बनियापुर विधानसभा क्षेत्र एक सामान्य श्रेणी की सीट है और यह महाराजगंज लोकसभा क्षेत्र का हिस्सा है. 2008 के परिसीमन आदेश के अनुसार, यह बनियापुर (कारही, मणिकपुरा और लौवा कला ग्राम पंचायतों को छोड़कर) और मसरख प्रखंडों को सम्मिलित करता है. यह पूरी तरह ग्रामीण क्षेत्र है, जिसमें शहरी मतदाता नहीं
हैं.
बनियापुर का भू-भाग समतल और उपजाऊ है, जो गंडक नहर प्रणाली और मौसमी धाराओं द्वारा आकार लेता है. यह क्षेत्र गंगा के मैदानी इलाके में आता है और यहां की अर्थव्यवस्था मुख्यतः कृषि पर आधारित है. धान, गेहूं, मक्का और दालें प्रमुख फसलें हैं, जबकि कुछ हिस्सों में गन्ना और सब्जियों की भी खेती की जाती है. क्षेत्र में बड़े उद्योगों का अभाव है, लेकिन छोटे चावल मिल, ईंट भट्ठे और कृषि व्यापार केंद्र सीमित रोजगार के अवसर प्रदान करते हैं. साप्ताहिक हाट (बाजार)- विशेषकर बनियापुर और मसरख- स्थानीय व्यापार के प्रमुख केंद्र हैं.
बनियापुर कस्बा जिला मुख्यालय छपरा से लगभग 35 किमी पश्चिम में स्थित है. इसके निकटवर्ती नगरों में मसरख (12 किमी), मढ़ौरा (25 किमी), सिवान (40 किमी) और गोपालगंज (55 किमी) शामिल हैं. राज्य की राजधानी पटना यहां से सड़क मार्ग द्वारा लगभग 100 किमी दक्षिण-पूर्व में स्थित है, जबकि सबसे नजदीकी रेलवे स्टेशन एकमा है, जो लगभग 10 किमी दूर है. राष्ट्रीय राजमार्ग 85 और 101 इस क्षेत्र से होकर गुजरते हैं, जो सारण तथा आस-पास के जिलों से सड़क संपर्क प्रदान करते हैं.
1951 में स्थापित यह सीट अब तक 17 विधानसभा चुनाव देख चुकी है. कांग्रेस ने इसे सात बार, राष्ट्रीय जनता दल (राजद) ने तीन बार, जनता पार्टी ने दो बार तथा जनता दल, जनता दल (यूनाइटेड), संयुक्त समाजवादी पार्टी, लोक जनशक्ति पार्टी और एक स्वतंत्र उम्मीदवार ने एक-एक बार जीत हासिल की है. हालांकि समय के साथ सत्ता परिवर्तन होता रहा है, फिर भी यह सीट मुख्यतः समाजवादी और कांग्रेस विचारधाराओं के बीच सिमटी रही है. वामपंथी दलों और भाजपा को अब तक यहां मजबूत आधार नहीं मिल पाया है.
हाल के वर्षों में यह सीट राजद के केदार नाथ सिंह के पास रही है, जिन्होंने 2010, 2015 और 2020 के चुनावों में जीत हासिल की. 2020 के विधानसभा चुनाव में उन्हें 38.7% वोट प्राप्त हुए और उन्होंने विकासशील इंसान पार्टी (VIP) के उम्मीदवार को 27,789 मतों के अंतर से हराया. लोजपा उम्मीदवार तीसरे स्थान पर रहे, लेकिन उन्होंने एनडीए के वोट बैंक को नुकसान पहुंचाया. कुल मतदान प्रतिशत 52.88% रहा, जो 2015 की तुलना में थोड़ा अधिक था.
2020 की मतदाता सूची के अनुसार, बनियापुर में कुल 3,18,503 पंजीकृत मतदाता थे. इनमें अनुसूचित जातियों के 37,520 मतदाता (11.78%), अनुसूचित जनजातियों के 3,217 मतदाता (1.01%) और मुस्लिम समुदाय के 38,220 मतदाता (12%) शामिल थे. क्षेत्र की सामाजिक संरचना काफी विविध है, जिसमें सिंह (18.4%), राय (11.3%), शाह (9.5%) और महतो (6.7%) जैसे ऊंची जातियों के साथ-साथ पासवान, यादव और अन्य पिछड़ा एवं अति पिछड़ा वर्ग शामिल हैं.
बनियापुर अभी भी कई बुनियादी समस्याओं से जूझ रहा है- जैसे खराब सड़क ढांचा, गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाओं की कमी और सिंचाई व्यवस्था का अभाव. हाल के वर्षों में बिजलीकरण और विद्यालयों में नामांकन में सुधार हुआ है, लेकिन विशेषकर मसरख प्रखंड से युवाओं का रोजगार के लिए पलायन अब भी एक बड़ी चुनौती बना हुआ है.
2024 के लोकसभा चुनावों में भाजपा ने बनियापुर विधानसभा क्षेत्र में 53.56% मतों के साथ बढ़त बनाई, जबकि कांग्रेस को 40.26% वोट मिले. भाजपा की जीत का अंतर 23,400 वोट रहा. इससे यह संकेत मिलता है कि आगामी विधानसभा चुनावों में मुकाबला बेहद रोचक और कड़ा हो सकता है. बनियापुर के मतदाताओं ने आमतौर पर लोकसभा में भाजपा और विधानसभा में राजद को वोट देने की प्रवृत्ति दिखाई है, जिससे दोनों गठबंधनों- एनडीए और विपक्षी महागठबंधन- के लिए यह सीट विशेष महत्व रखती है.
(अजय झा)