दिनारा बिहार के रोहतास जिले के बिक्रमगंज अनुमंडल के अंतर्गत एक विकासखंड है. यह जिला मुख्यालय सासाराम से लगभग 40 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है. यह एक विधानसभा क्षेत्र भी है और बक्सर लोकसभा सीट के छह खंडों में से एक है. पूर्व में यह डेहरी‑ऑन‑सोन से, पश्चिम में बक्सर जिले से और दक्षिण में कैमूर जिले से घिरा हुआ है.
दिनारा गंगीय मैदानों का हिस्सा है. कैमूर पर्वतमाला की ओर पहाड़ी भू‑भाग में यहां दो हेक्टेयर वन क्षेत्र भी पाया जाता है. “दिनारा” शब्द की उत्पत्ति भोजपुरी शब्द “दियारा” से हुई है, जिसका अर्थ है-नदी के धारा बदलने पर बनने वाला मौसमी टापू. ऐसा माना जाता है कि प्राचीन काल में यह क्षेत्र जल से उभरकर भूमि बना होगा.
इतिहास पर नजर डालें तो दिनारा मगध, मौर्य, गुप्त और पाल साम्राज्यों का अंग रह चुका है. बाद में यह शेरशाह सूरी और मुग़ल शासन के अधीन आया, और अंततः ब्रिटिश औपनिवेशिक प्रशासन का हिस्सा बना.
दिनारा की आबादी मुख्य रूप से ग्रामीण है, जिसमें यादव‑कुर्मी जैसे पिछड़े वर्ग (ओबीसी), दलित और सवर्ण समुदायों का मिश्रण देखने को मिलता है. आजीविका के लिए अधिकांश लोग खेती पर निर्भर हैं, क्योंकि चूना‑पत्थर खनन और स्टोन क्रशिंग जैसी लघु‑उद्योग गतिविधियां यहां बहुत सीमित हैं. रोजगार की कमी के कारण हजारों युवा हर साल कृषि‑सीजन में पंजाब और हरियाणा जैसे राज्यों का रुख करते हैं और खेतिहर मजदूर के तौर पर काम करते हैं.
इलाके का आधारभूत ढांचा और विकास अत्यंत पिछड़ा हुआ है. सभी गांवों में बिजली नहीं पहुंची है और आपस में जोड़ने वाली आंतरिक सड़कों की हालत भी खस्ताहाल है. शिक्षा और स्वास्थ्य सुविधाएं लगभग नदारद हैं. करीब 2.25 लाख आबादी वाले पूरे प्रखंड के लिए मात्र एक प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र उपलब्ध है. उच्च शिक्षा के लिए कॉलेज न होने के कारण विद्यार्थियों को सासाराम या पटना तक यात्रा करनी पड़ती है.
ग्रामीण अर्थव्यवस्था, बुनियादी सुविधाओं के अभाव, और नोकरियों की कमी—ये तीनों चुनौतियां दीनारा के समग्र विकास के सामने बड़ी बाधाएं बनी हुई हैं.
2011 की भारत की जनगणना के अनुसार, दिनारा (Dinara) की कुल जनसंख्या 2,25,468 थी, और जनसंख्या घनत्व 724 व्यक्ति प्रति वर्ग किलोमीटर दर्ज किया गया। यहाँ लगभग 33,227 परिवार निवास करते हैं.
साक्षरता दर मात्र 58.70% रही, जो अपेक्षाकृत कम मानी जाती है. इसमें भी लैंगिक असमानता स्पष्ट रूप से दिखाई देती है, पुरुष साक्षरता दर 67.10% थी, जबकि महिला साक्षरता दर 49.62% पर ही सीमित रही. दिनारा का लिंगानुपात 925 महिलाएं प्रति 1,000 पुरुष रहा, जो राष्ट्रीय औसत से थोड़ा कम है और लैंगिक संतुलन के लिए चिन्ताजनक संकेत देता है. दिनारा प्रखंड में कुल 229 गांव हैं। इनमें से 48 गांव निर्जन (अशसित) हैं. 95 गांव ऐसे हैं जहां आबादी 1,000 से कम है. और 50 गांवों की जनसंख्या 2,000 से कम है.
दिनारा विधानसभा क्षेत्र की स्थापना 1951 में हुई थी और यह बक्सर लोकसभा सीट के छह प्रमुख खंडों में से एक है. अब तक संपन्न 17 विधानसभा चुनावों में इस सीट पर विभिन्न दलों का दबदबा देखने को मिला है. कांग्रेस ने अब तक 5 बार जीत दर्ज की, जनता दल (यूनाइटेड)[JD(U)] को 4 बार सफलता मिली,
समाजवादी धारा से आने वाले प्रजा सोशलिस्ट पार्टी और संयुक्त सोशलिस्ट पार्टी ने संयुक्त रूप से 3 बार बाजी मारी है. तो वहीं जनता दल ने 2 बार इस सीट पर विजय प्राप्त की और जनता पार्टी, बहुजन समाज पार्टी और राष्ट्रीय जनता दल (राजद) ने 1‑1 बार जीत हासिल की है.
साल 2020 के विधानसभा चुनाव में राजद के विजय कुमार मंडल ने 8,228 वोटों के अंतर से जीत दर्ज की. इस परिणाम में विरोधी वोटों के विभाजन ने अहम भूमिका निभाई. भाजपा‑नीत एनडीए से बाहर निकल चुकी लोजपा ने अपना उम्मीदवार उतार कर दूसरा स्थान हासिल किया, जबकि आधिकारिक एनडीए प्रत्याशी, दो बार के विधायक और तत्कालीन राज्य मंत्री जय कुमार सिंह तीसरे स्थान पर खिसक गए.
दिनारा उन 25 सीटों में शामिल थी जहां लोजपा ने जेडी(यू) की संभावनाएं नुकसान पहुंचाईं. अविभाजित एनडीए दिनारा सीट को आसानी से बचा सकता था, जैसा कि 2024 के लोकसभा चुनाव में साबित हुआ, जब भाजपा के बक्सर उम्मीदवार ने दिनारा में 4,671 वोटों से बढ़त हासिल की. अंततः राष्ट्रीय जनता दल ने बक्सर संसदीय सीट जीत ली.
दिनारा में अनुमानतः 45 फीसदी OBC मतदाता हैं. जहां यादव RJD की ओर झुकाव रखते हैं, वहीं कुर्मी और कोइरी समुदाय BJP तथा JDU को प्राथमिकता देते हैं. ऊंची जातियों के मतदाता, जिनमें भूमिहारों का वर्चस्व है, करीब 25 फीसदी हैं और ये सामान्यतः BJP के समर्थक हैं. दलित (अनुसूचित जाति) मतदाता लगभग 20 फीसदी हैं और ये ज्यादातर NDA का समर्थन करते हैं. दलितों के भीतर रविदास उप‑जाति JDU को पसंद करती है, जबकि पासवान समुदाय LJP और BJP को. मुस्लिम मतदाता करीब 6.8 फीसदी हैं.
2020 की विधानसभा चुनाव मतदाता सूची में दिनारा के कुल 3,01,575 पंजीकृत मतदाताओं में केवल 4.83 फीसदी शहरी श्रेणी में थे. 2024 के लोकसभा चुनावों में पंजीकृत मतदाताओं की संख्या थोड़े से बढ़कर 3,07,795 हो गई.
हालांकि दिनारा सीट पर वर्तमान विधायक RJD का है, यह अब भी NDA के हाथ से फिसल सकती है, लेकिन तभी, जब गठबंधन एकजुट न रहे, चाहे उम्मीदवार किसी भी NDA सहयोगी दल का हो.
(अजय झा)