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हार्वर्ड यूनिवर्सिटी में एडमिशन के लिए होता है नस्लीय भेदभाव!

एक गैर लाभकारी संस्था ने सोमवार को हार्वर्ड यूनिवर्सिटी के खिलाफ याचिका दायर की. इस याचिका में विश्वप्रसिद्ध यूनिवर्सिटी की एडमिशन प्रक्रिया को दोषपूर्ण बताया गया है.

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एक गैर लाभकारी संस्था ने सोमवार को हार्वर्ड यूनिवर्सिटी के खिलाफ याचिका दायर की. इस याचिका में विश्वप्रसिद्ध यूनिवर्सिटी की एडमिशन प्रक्रिया को दोषपूर्ण बताया गया है.

स्टूडेंट्स फॉर फेयर एडमिशन (एसएफएफए) का कहना है कि हार्वर्ड एशियन अमेरिकनों की सीटें तो सीमित कर देता है लेकिन एडमिशन प्रक्रिया के दौरान यह दूसरे नस्ल के लोगों को एडमिशन दे देता है. संस्थान सिर्फ बराबरी का दिखावा करता है. इस संस्था का आरोप है कि हार्वर्ड भेदभावपूर्ण नीति अपनाता है. संस्था ने हार्वर्ड के खिलाफ याचिका दायर की ही है इसके साथ ही एक और संस्था प्रोजेक्ट ऑन फेयर रिप्रजेंटेशन ने भी हार्वर्ड के खिलाफ कुछ इसी तरह की याचिका दायर की है .

एसएफएफए के मुताबिक हार्वर्ड में अफ्रीकन और अमेरिकी मूल के लोगों को तरजीह दी जाती है. अपनी याचिका में संस्था ने यूनिवर्सिटी पर सुप्रीम कोर्ट द्वारा बराबरी के लिए लाए गए कानूनों के उल्लंघन का भी आरोप लगाया है. प्रोजेक्ट ऑन फेयर रिप्रजेंटेशन के अध्यक्ष का कहना है कि हम इस तरह की याचिका अमेरिका की अन्य यूनिवर्सिटियों के खिलाफ भी डालेंगे.

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एसएफएफए का कहना है कि उसके सदस्यों में ज्यादातर वो लोग शामिल हैं जिनके पास बहुत शानदार डिग्रियां हैं लेकिन उन्हें हार्वर्ड में एडमिशन नहीं मिला.

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