संभल में स्थित शाही जामा मस्जिद, उन दावों के बाद विवाद के केंद्र में रही है, जिसमें दावा किया गया है कि इसका निर्माण 16वीं शताब्दी की शुरुआत में मुगल शासक बाबर द्वारा कथित रूप से ध्वस्त किए गए श्री हरि मंदिर के खंडहरों पर किया गया था. पुजारी ऋषि राज गिरि सहित एक समूह द्वारा दायर याचिका के जवाब में, संभल सिविल कोर्ट ने मस्जिद परिसर का सर्वेक्षण करने का आदेश दिया (Shahi Jama Masjid Sambhal).
सर्वेक्षण एक अधिवक्ता आयुक्त, जिला मजिस्ट्रेट और पुलिस की देखरेख में किया जाना था. निरीक्षण के दौरान मौजूद मस्जिद समिति के सदस्यों ने कहा कि दावों का समर्थन करने वाले कोई सबूत या वस्तु नहीं मिली और कोई आपत्तिजनक प्रतीक नहीं मिले.
24 नवंबर 2024 को उत्तर प्रदेश के संभल में शाही जामा मस्जिद के न्यायालय द्वारा आदेशित सर्वेक्षण के दौरान हिंसा भड़क उठी. सर्वेक्षण के खिलाफ विरोध प्रदर्शन स्थानीय निवासियों और पुलिस के बीच हिंसक झड़पों में बदल गया, जिन्होंने आंसू गैस और अन्य भीड़-नियंत्रण उपायों के साथ जवाब दिया. इस घटना में तीन व्यक्तियों की मौत हो गई.
संभल के कल्कि धाम में जगद्गुरु रामभद्राचार्य द्वारा दुनिया की पहली कल्कि कथा शुरू होने से पहले महिलाओं ने कलश यात्रा निकाली और यज्ञशाला की परिक्रमा की. कल्कि महोत्सव में सुरक्षा व्यवस्था पुख्ता करने के लिए असमोली सर्कल के सीओ भारी पुलिस बल के साथ मौके पर तैनात हैं.
पिछले साल 24 नवंबर को संभल की शाही मस्जिद का सर्वे करने पहुंची टीम के विरोध में जबरदस्त हिंसा हुई थी. इसके बाद संभल की चर्चा पूरी दुनिया में हुई. योगी आदित्यनाथ सरकार ने फसाद की ओर बढ़ते इस शहर में कई डेवलपमेंट प्राजेक्ट शुरू किए. लेकिन, क्या ये प्रोजेक्ट संभल के उलझे हुए सवालों का जवाब बन पाएंगे?
संभल हिंसा की बरसी (24 नवंबर 2024) पर पुलिस-प्रशासन हाई अलर्ट पर है, जहां त्रिस्तरीय सुरक्षा और धारा 163 लागू है. सुरक्षा के लिए सेक्टर मजिस्ट्रेट, PAC और RRF बल तैनात हैं. सेफ सिटी प्रोजेक्ट के तहत लगे 250 से ज्यादा CCTV कैमरों से सत्यव्रत चौकी में बने कंट्रोल रूम से हर गतिविधि पर पल-पल की निगरानी की जा रही है.
संभल की विवादित जामा मस्जिद (हरिहर मंदिर) की परिक्रमा फिलहाल स्थगित कर दी गई है. यह फैसला अंतर्राष्ट्रीय हरिहर सेना ने शासन-प्रशासन से बातचीत के बाद लिया. महंत ऋषिराज गिरी ने मुख्यमंत्री के आश्वासन पर यह ऐलान करते हुए कहा कि अगली परिक्रमा 19 नवंबर 2026 को होगी.
संभल की शाही जामा मस्जिद एक बार फिर सुर्खियों में है. एएसआई टीम से दुर्व्यवहार और पथराव के आरोप में एक आरोपी की गिरफ्तारी ने इलाके में तनाव बढ़ा दिया है. पिछले साल यहां हुए बवाल में तीन लोगों की मौत और 30 पुलिसकर्मी घायल हुए थे.
संभल के डीएम डॉ. राजेंद्र पेंसिया और एसपी कृष्ण कुमार बिश्नोई ने लखनऊ में सीएम योगी आदित्यनाथ से मुलाकात की और उन्हें पंचमुखी हनुमान जी की मूर्ति भेंट की. यह मुलाकात तब हुई है जब 19 नवंबर को जामा मस्जिद के मंदिर दावे को और 24 नवंबर को संभल हिंसा को एक साल पूरा हो रहा है. पिछले साल दूसरे सर्वे के दौरान हिंसा भड़की थी, जिसमें चार लोगों की मौत हुई थी.
संभल से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है. 'उदयपुर फाइल्स' के निर्माता अमित जानी को फोन पर बम से उड़ाने की धमकी मिली है. उनको वाई कैटेगरी की सिक्योरिटी मिली हुई है. इसके बावजूद पुलिस ने उनकी सुरक्षा बढ़ा दी है. संभल में केस दर्ज करके जांच शुरू कर दी गई है.
संभल में दंगों की साजिश रचने वाला शारिक साटा अब इंटरपोल के रेड कॉर्नर नोटिस की गिरफ्त में आने वाला है. तीन दशक से अपराध की दुनिया में सक्रिय साटा पर 60 से ज्यादा केस दर्ज हैं. यूपी पुलिस, सीबीआई और इंटरपोल मिलकर इस फरार आरोपी को दुनिया के किसी भी कोने से पकड़ने की तैयारी में हैं.
संभल हिंसा (24 नवंबर 2024) के दौरान दो हत्याओं और हथियार सप्लाई के आरोपी, गैंगस्टर शारिक साठा के गुर्गे मुल्ला अफरोज पर पुलिस ने NSA लगाया है. अफरोज पिछले 9 महीने से जेल में है और उसके बाहर आने पर अपराध बढ़ने का खतरा है. पुलिस अब दुबई में बैठे शारिक साठा को भारत लाने के लिए अन्य एजेंसियों का सहयोग लेगी.
सुप्रीम कोर्ट ने संभल मस्जिद विवाद में रजिस्ट्री को निर्देश दिया कि वह जांच करे कि मस्जिद कमेटी की कौन सी एसएलपी वैध है. तब तक अंतरिम आदेश जारी रहेगा. मामला दो हफ्ते बाद लिस्ट होगा. अदालत पहले वास्तविक याचिकाकर्ता स्पष्ट करेगी, फिर आगे की सुनवाई होगी.
सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि आपने देखा होगा कैसे समाजवादी पार्टी और कांग्रेस के समय में चुन-चुन कर हिंदुओं को निशाना बनाया जाता था. कैसे हिंदुओं की डेमोग्राफी को बदलने के लिए लगातार उनपर अत्याचार करवाए जाते थे. कैसे दंगे करवा करके इलाकों को 'हिंदू विहीन' कर दिया जाता था.
न्यायिक जांच आयोग के द्वारा संभल हिंसा पर रिपोर्ट सौंपे जाने के बाद जुमे की नमाज को लेकर पुलिस प्रशासन अलर्ट है. मस्जिद के मुख्य द्वार के सामने रैपिड रिएक्शन फोर्स के जवान लगाए गए हैं. सीसीटीवी और ड्रोन से से पैनी निगरानी की जा रही है. मस्जिद की तरफ जाने वाले रास्तों पर बैरिकेडिंग करके पुलिस फोर्स की तैनाती की गई है.
आपको बता दें कि 24 नवंबर 2024 को संभल की मस्जिद में सर्वे करने के दौरान हिंसा हुई थी. इस हिंसा की जांच के लिए न्यायिक आयोग का गठन किया गया था.
पिछले साल नवंबर में संभल की मस्जिद में सर्वे करने के दौरान हिंसा हुई थी. जिसमें कई लोग मारे गए थे. इस हिंसा की जांच के लिए सरकार ने एक न्यायिक आयोग का गठन किया गया था. जिसने गुरुवार को अपनी रिपोर्ट सौंप दी है.
उत्तर प्रदेश के संभल जिले में शाही जामा मस्जिद और हरिहर मंदिर विवाद एक बार फिर चर्चा में है. गुरुवार को चंदौसी की सिविल कोर्ट में इस मामले की सुनवाई होनी थी, लेकिन जज ने अगली तारीख 28 अगस्त तय करते हुए सुनवाई टाल दी.
जामा मस्जिद के सदर जफर अली,131 दिन बाद 1 अगस्त को जमानत पर मुरादाबाद की जेल से रिहा हुए. जेल से वापस लौटने पर काफिले के साथ संभल पहुंचे थे. जफर अली को समर्थकों के द्वारा फूल मालाएं पहनाई गईं और उनका स्वागत किया गया. आरोप है कि इस दौरान आतिशबाजी भी हुई.
सपा सांसद समेत 23 लोगों को बनाया आरोपी, यूपी के संभल जिले में 24 नवंबर 2024 को शाही जामा मस्जिद के सर्वे के दौरान भड़की हिंसा के मामले में विशेष जांच दल यानी एसआईटी ने एमपी एमएलए कोर्ट में करीब 1200 पेज की चार्जशीट दाखिल की है. इस चार्जशीट में संभल से समाजवादी पार्टी के सांसद जियाउर्रहमान बर्क, जामा मस्जिद के सदर जफर अली और 21 दूसरे लोगों को आरोपी बनाया गया है.
Sambhal Violence Police Chargesheet: उत्तर प्रदेश के संभल जिले में 24 नवंबर 2024 को शाही जामा मस्जिद के सर्वे के दौरान भड़की हिंसा के मामले में विशेष जांच दल (एसआईटी) ने चंदौसी की एमपी/एमएलए कोर्ट में करीब 1200 पेज की चार्जशीट दाखिल की है.
उत्तर प्रदेश के संभल में जामा मस्जिद और हरिहर मंदिर को लेकर विवाद मामले में आज अहम दिन साबित हुआ. इस मामले में इलाहाबाद हाई कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए मुस्लिम पक्ष की पुनर्विचार की याचिका खारिज कर दी है. यह याचिका सिविल कोर्ट के आदेश को चुनौती देते हुए की गई थी. इसका मतलब यह है कि सर्वे पर रोक नहीं लगाया जाएगा. देखें...
संभल की जामा मस्जिद और हरिहर मंदिर विवाद मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट का फैसला आ गया है. HC ने रिवीजन पिटीशन खारिज कर दी है. हाईकोर्ट के फैसले से सर्वे का रास्ता साफ हो गया है. इलाहाबाद हाइकोर्ट में जस्टिस रोहित रंजन अग्रवाल की बेंच ने फैसला सुनाया है.
यूपी के संभल की जामा मस्जिद विवाद मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट का फैसला आ गया है...हाई कोर्ट ने रिवीजन पिटीशन खारिज कर दी है, जिससे मस्जिद इंतजामिया कमेटी को बड़ा झटका लगा है.