रामपुर
रामपुर (Rampur) भारत के राज्य उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) का जिला है और इस जिले का मुख्यालय रामपुर शहर है. यह मुरादाबाद मंडल का एक हिस्सा है. इस जिले का क्षेत्रफल 2,367 वर्ग किलोमीटर है (Rampur Geographical Area).
रामपुर जिले में एक लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र (Lok Sabha Constituency) और कुल पांच विधान सभा निर्वाचन क्षेत्र शामिल हैं (Assembly Constituency).
2011 की जनगणना के आंकड़ों के मुताबिक रामपुर की जनसंख्या (Population) 23 लाख से ज्यादा है और यहां प्रति वर्ग किलोमीटर 987 लोग रहते हैं (Density). यहां का लिंग अनुपात (Sex Ratio) 909 है. रामपुर की 53.34 फीसदी जनसंख्या साक्षर है, इनमें पुरुष 61.40 फीसदी और महिलाओं की साक्षरता दर 44.44 फीसदी है (Rampur Literacy).
रामपुर जिला उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद और बरेली के बीच में पड़ता है. यह चाकू उद्योग (Rampuri knife) के लिए विश्व प्रसिद्ध है. इसके अलावा यहां पर चीनी वस्त्र तथा चीनी मिट्टी के उद्योग हैं. रामपुर जिले में कुल 6 तहसीलें आती हैं. इनमें रामपुर सदर, शाहाबाद, बिलासपुर, मिलक, स्वार और टांडा हैं (Rampur Economy).
रामपुर की स्थापना नवाब फैज उल्ला खान ने की थी. उन्होंने यहां 1774 से 1794 तक शासन किया था. इसके पुस्तकालय में 12,000 से अधिक दुर्लभ पांडुलिपियां और मुगल लघु चित्रों का एक अच्छा संग्रह है (History).
रामपुर के पर्यटक स्थलों में रामपुर किला, रामपुर रजा पुस्तकालय और कोठी खास बाग यहां के प्रमुख पर्यटन स्थल हैं (Tourist Place).
रामपुर जेल में बंद आजम खान और उनके बेटे अब्दुल्लाह आजम से मिलने पहुंचे परिजन लौट आए. पत्नी तंजीन फातिमा, बहन निखत अखलाक और बड़ा बेटा अदीब करीब एक घंटे जेल में रहे, लेकिन मुलाकात नहीं हो सकी. बाहर निकलते हुए तंजीन फातिमा ने कहा कि अब्दुल्लाह ने मिलने से इनकार कर दिया और आजम खान से भी मुलाकात नहीं हुई.
समाजवादी पार्टी के नेता मोहम्मद आजम खान को बड़ी राहत मिली है. सजा के बाद अदालत ने आदेश दिया है कि आजम खान और उनके बेटे अब्दुल्लाह आजम को रामपुर जिला जेल में ही रखा जाए. साथ ही आजम खान को क्लास-1 जेल की सुविधाएं और आवश्यक मेडिकल केयर देने के निर्देश भी दिए गए हैं.
समाजवादी पार्टी नेता आजम खान के खिलाफ दर्ज 12 मुकदमों में फैसला आ गया है. उन्हें 7 मामलों में सजा और 5 में बरी किया गया है. दो पैन कार्ड मामले में पिता-पुत्र को 7-7 साल कैद हुई. दोनों को रामपुर जेल की बैरक नंबर-1 में रखा गया, जहां उन्होंने सामान्य भोजन लिया और पहली रात बिना किसी विशेष मांग के गुजारी.
सपा के राष्ट्रीय महासचिव आजम खान दोबारा से जेल पहुंच गए हैं. उन्हें अपने बेटे अब्दुल्ला आजम के पैन कार्ड मामले में सात साल की सजा हुई है. इस तरह आजम खान सिर्फ 55 दिन तक ही जेल से बाहर रह सके और उनकी सियासत पटरी पर आने से पहले ही फिसल गई.
सपा के कद्दावर नेता और पूर्व मंत्री आजम खान दो पैन कार्ड से जुड़े केस में सजा सुनाए जाने के बाद फिर से जेल चले गए हैं. अभी पासपोर्ट बनवाने के लिए फर्जी दस्तावेजों के इस्तेमाल का केस भी लंबित है.
रामपुर में पैन कार्ड मामले पर बड़ा फैसला आया है, जिसमें सपा नेता आजम खान और उनके बेटे अब्दुल्ला आजम खान को अदालत ने दोषी करार दिया है. आरोप था कि अब्दुल्ला ने चुनाव लड़ने की न्यूनतम आयु पूरी न होने पर अपनी उम्र अधिक दिखाने के लिए दूसरा पैन कार्ड बनवाया और इस कूटरचना में आजम खान की भूमिका भी सामने आई.
यूपी के रामपुर में एक लड़की को गिरफ्तार किया गया है, जो शादी के नाम पर लोगों से ठगी करती थी. आरोपी युवती शिवन्या पहले शादी की बातों में फंसाती, फिर रिश्ता पक्का होते ही परिवार से लाखों रुपये वसूलती और फरार हो जाती थी. पुलिस ने शिवन्या को उसके साथी नितिन उर्फ अनिकेत के साथ पकड़ा है. आखिर कौन है ये शिवन्या?
रामपुर में शादी के नाम पर ठगी करने वाली युवती और उसके साथी को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. पीड़ित युवक ने शिकायत की थी कि गोद भराई और शादी की तैयारियों के नाम पर 1 लाख 77 हजार रुपये ले लिए गए और युवती गायब हो गई. कई महीने की तलाश के बाद आरोपी युवती शिवन्या और उसका साथी नितिन पकड़े गए हैं.
रामपुर जिले के बिलासपुर थाना क्षेत्र के मुंडिया खुर्द गांव में एक पत्नी ने अपने पति की गला घोंटकर हत्या कर दी. पति अक्सर पत्नी और बेटियों को रोक-टोक करता था. पुलिस ने आरोपी पत्नी को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है, जबकि बेटियों की भूमिका की जांच जारी है.
'आई लव मोहम्मद' विवाद पर सपा नेता आजम खान ने कहा कि यह भाईचारा खत्म करने की साजिश थी, जिसे प्रशासन ने बढ़ने दिया. उन्होंने सवाल किया, "छोटी सी बात इतनी बड़ी आग कैसे बन गई?" खान ने जोर देकर कहा कि अगर प्रशासन चाहता तो बातचीत से मामला सुलझाया जा सकता था, क्योंकि किसी से प्यार करना जन्मसिद्ध अधिकार है.
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने रामपुर के सपा सांसद मोहिबुल्लाह नदवी को अपनी चौथी पत्नी रूमाना नदवी को अंतरिम रूप से हर महीने ₹30,000 गुजारा भत्ता देने का आदेश दिया है. रूमाना ने भरण-पोषण की याचिका दायर की थी. कोर्ट ने मामले को मध्यस्थता एवं सुलह केंद्र भेजते हुए दोनों पक्षों को तीन महीने में विवाद सुलझाने का समय दिया है, तब तक यह राशि देनी होगी.
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सपा सांसद मोहिबुल्ला नदवी को उनकी चौथी पत्नी रुमाना नदवी को अंतरिम तौर पर ₹30 हजार प्रति माह गुजारा भत्ता देने का आदेश दिया है. जस्टिस जेजे मुनीर की पीठ ने पारिवारिक विवाद को सौहार्दपूर्ण ढंग से निपटाने के लिए मामले को तीन महीने के लिए मध्यस्थता केंद्र भेजा है. सांसद ने आगरा फैमिली कोर्ट के आदेश को रद्द करने की मांग की थी.
अखिलेश यादव ने अकेले मुलाकात कर आजम खान की बात मान ली, लेकिन रामपुर के सांसद मोहिबुल्लाह नदवी से उनकी अदावत बढ़ती ही जा रही है. और, आखिलेश यादव बस रस्म निभा रहे हैं. अब आजम खान के इलाके में सपा सांसद मोहिबुल्लाह नदवी काबिज होते नजर आ रहे हैं.
आजम खान की जेल से रिहाई के दो हफ्ते बाद आखिर उनकी अखिलेश यादव से मुलाकात आज रामपुर में हो ही गई. दोनों तरफ सियासी मजबूर स्पष्ट दिखाई दी. जिस तरह अखिलेश यादव ने मिलने में इतना समय लिया और जिस तरह आजम खान ने मिलने की शर्त रखी, उससे तो यही लग रहा था कि कहीं यह मिलन समारोह खटाई में न पड़ जाए.
समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने बुधवार को पार्टी के वरिष्ठ नेता आजम खान से मुलाकात की. लंबे वक्त बाद हुई इस मुलाकात को सपा खेमे में बेहद अहम माना जा रहा है. मुलाकात के बाद मीडिया से बातचीत में अखिलेश यादव ने कहा, 'मैं जेल में आज़म साहब से मिलने नहीं जा पाया था, लेकिन अब आया हूं. आजम खान हमारी पार्टी की धड़कन हैं. पुराने लोगों की बात ही अलग होती है.'
समाजवादी पार्टी (एसपी) के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव बुधवार को रामपुर पहुंचकार पार्टी के वरिष्ठ नेता आजम खान से मुलाकात की. आजम खान के जेल से बाहर आने के बाद ये दोनों नेताओं की पहली मुलाकात है जो कि 23 महीने बाद हो रही है.
अखिलेश यादव आजम खान से मिलने बुधवार को रामपुर जा रहे हैं. पहले उनका सड़क मार्ग से जाने का कार्यक्रम था, लेकिन अब वे हेलिकॉप्टर से जाएंगे. बरेली एयरपोर्ट को छावनी में बदल दिया गया है और चारों तरफ बैरिकेडिंग की गई है. पुलिसबल तैनात है और किसी भी कार्यकर्ता या नेता को एयरपोर्ट के पास आने की इजाजत नहीं है. कार्यकर्ताओं ने अखिलेश यादव के स्वागत के लिए बड़े-बड़े पोस्टर और बैनर लगाए थे, लेकिन उन्हें एयरपोर्ट के बाहर ही रोक दिया गया.
अखिलेश यादव आजम खान से मुलाकात करने रामपुर जा रहे हैं। पहले उनका सड़क मार्ग से जाने का कार्यक्रम था, लेकिन प्रशासन ने बरेली में सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी। बरेली को छावनी में बदल दिया गया है और अखिलेश यादव को सड़क मार्ग से जाने की अनुमति नहीं दी गई। अब वह बरेली एयरपोर्ट से हेलिकॉप्टर के जरिए सीधे रामपुर पहुंचेंगे। समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ता जो उनसे मिलने बरेली पहुंचे थे, उन्हें भी रोक दिया गया है। यह मुलाकात राजनीतिक रूप से महत्वपूर्ण मानी जा रही है, खासकर आजम खान के जेल से बाहर आने और पार्टी नेतृत्व से कथित नाराजगी के बाद। आजम खान ने इस मुलाकात पर कहा, "मैं छोटा नेता हूँ। वो मुझसे मिलने आ रहे हैं। सौभाग्य हमारे, लेकिन मैं उनसे अकेले ही मिलूंगा।" यह बयान कई राजनीतिक समीकरणों की ओर इशारा करता है। यह मुलाकात 2027 के चुनावों और समाजवादी पार्टी के भीतर की गतिशीलता के लिए अहम हो सकती है। प्रशासन किसी भी तरह की अप्रिय घटना से बचने के लिए सतर्क है।
समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव 23 महीने बाद रामपुर में आज़म खान से मिले. दोनों नेताओं की इस मुलाकात को सपा की नई राजनीतिक रणनीति और एकता की कोशिश से जोड़ा जा रहा है.
समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव आज पूर्व मंत्री आजम खान से मिलने रामपुर जाएंगे. आजम खान करीब 23 महीने बाद सीतापुर की जेल से रिहा हुए हैं. उनके खिलाफ जमीन हड़पने, आपराधिक साजिश, धोखाधड़ी और नफरत फैलाने वाले भाषण देने के आरोप हैं. रिहाई के बाद समाजवादी पार्टी का कोई बड़ा नेता आजम खान से मिलने नहीं पहुंचा था. अखिलेश के रामपुर दौरे को लेकर प्रदेश में सियासी हलचल बढ़ गई है. अखिलेश के यात्रा मार्ग को लेकर भी तनातनी है, प्रशासन उन्हें मुरादाबाद उतरने को कह रहा है जबकि अखिलेश बरेली से रामपुर पहुंचने की तैयारी में हैं.
अखिलेश यादव और आजम खान की मुलाकात को लेकर बड़ी खबर है. अटकलें तेज हैं कि अखिलेश यादव को लखनऊ में ही रोका जा सकता है. अखिलेश यादव बरेली रूट से रामपुर जाना चाहते हैं, जबकि प्रशासन ने उन्हें मुरादाबाद रूट से जाने के लिए कहा है. प्रशासन अखिलेश यादव को मनाने में जुटा है. प्रशासन की तरफ से कहा गया है कि अखिलेश यादव नहीं माने तो लखनऊ में रोके जा सकते हैं. लॉ एंड ऑर्डर की स्थिति को देखते हुए अखिलेश यादव को लखनऊ में ही रोका जा सकता.