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'नफरत से दुनिया नहीं चलती', AAP सांसद संजय सिंह ने रामपुर से शुरू की ‘वोट बचाओ, संविधान बचाओ’ पदयात्रा

आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने 21 दिसंबर 2025 को उत्तर प्रदेश के रामपुर से ‘वोट बचाओ, संविधान बचाओ’ नाम से अपनी दूसरी पदयात्रा शुरू की, जो 26 दिसंबर तक मुरादाबाद होते हुए अमरोहा में समाप्त होगी. पदयात्रा से पहले उन्होंने रामपुर में महात्मा गांधी की समाधि पर श्रद्धांजलि दी और कहा कि नफरत की राजनीति से देश और दुनिया नहीं चल सकती.

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सांसद संजय सिंह ने 21 दिसंबर को यूपी के रामपुर से 'वोट बचाओ, संविधान बचाओ' पदयात्रा शुरू की. (Photo: ITG)
सांसद संजय सिंह ने 21 दिसंबर को यूपी के रामपुर से 'वोट बचाओ, संविधान बचाओ' पदयात्रा शुरू की. (Photo: ITG)

आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने 21 दिसंबर 2025 को उत्तर प्रदेश के रामपुर से अपनी दूसरी पदयात्रा की शुरुआत की. इस पदयात्रा का नाम ‘वोट बचाओ, संविधान बचाओ’ रखा गया है. यह यात्रा 26 दिसंबर तक चलेगी और रामपुर से मुरादाबाद होते हुए अमरोहा में समाप्त होगी. इस अभियान का मकसद लोगों को उनके वोट, संविधान और लोकतंत्र की रक्षा को लेकर जागरूक करना है.

पदयात्रा शुरू करने से पहले संजय सिंह रामपुर में महात्मा गांधी की समाधि स्थल पर पहुंचे. उन्होंने वहां पुष्प अर्पित कर बापू को श्रद्धांजलि दी. मीडिया से बातचीत में उन्होंने कहा कि नफरत की वजह से दुनिया तबाह हो रही है और मौजूदा सरकार नफरत की राजनीति को बढ़ावा दे रही है. उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार गोडसे को अपना आदर्श मानती है.

'नफरत पर दुनिया और देश नहीं चल सकते है'

संजय सिंह ने कहा कि महात्मा गांधी ने नफरत के खिलाफ पूरी दुनिया को प्रेम और अहिंसा का रास्ता दिखाया. पदयात्रा शुरू करने से पहले उन्होंने कहा कि महात्मा गांधी से प्रार्थना की गई कि देश के लोकतंत्र को बचाने और नफरत की राजनीति को खत्म करने की ताकत दें, क्योंकि न नफरत पर दुनिया चल सकती है और न ही देश.

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'देश में वोट के अधिकार पर हमला हो रहा'

उन्होंने आरोप लगाया कि देश में वोट के अधिकार पर हमला हो रहा है. संजय सिंह ने कहा कि तमिलनाडु में 97 लाख वोट काटे गए और अब उत्तर प्रदेश में 3.5 से 4 करोड़ वोट काटने की तैयारी की जा रही है. उन्होंने कहा कि यह संविधान और लोकतंत्र पर सीधा हमला है.

AAP सांसद ने कहा कि बापू, बाबा साहेब भीमराव आंबेडकर, भगत सिंह और अशफाक उल्ला खां जैसे महापुरुषों के बलिदान से देश को जो अधिकार मिले हैं, उनकी रक्षा करना जरूरी है. उन्होंने कहा कि नफरत फैलाने वाली राजनीति के खिलाफ गांधी का रास्ता ही सबसे सही रास्ता है.

रामपुर से क्यों शुरू की पदयात्रा?

संजय सिंह ने यह भी कहा कि देश में केवल दो जगह ऐसी हैं, जहां महात्मा गांधी की अस्थियां रखी गई हैं. एक दिल्ली का राजघाट और दूसरी रामपुर. इसी वजह से रामपुर से गांधी के विचारों और लोकतंत्र की रक्षा का संकल्प लेकर इस पदयात्रा की शुरुआत की गई है.

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