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227 एटीएम, 222 पासबुक, 18 मोबाइल और 12 लाख कैश… रामपुर के इन छह लड़कों का कारनामा

रामपुर पुलिस ने पार्ट टाइम जॉब और गेमिंग के नाम पर ठगी करने वाले अंतर्राज्यीय साइबर फ्रॉड गैंग के छह सदस्यों को नोएडा से गिरफ्तार किया. आरोपियों के पास से 227 एटीएम, 222 पासबुक, 18 मोबाइल, लैपटॉप और 12 लाख रुपये बरामद किए गए. पुलिस के अनुसार गिरोह कई राज्यों में सक्रिय था, मुख्य आरोपी अभी फरार है.

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रामपुर पुलिस ने पार्ट टाइम जॉब और गेमिंग के नाम पर ठगी करने वालो को पकड़ा (Photo ITG)
रामपुर पुलिस ने पार्ट टाइम जॉब और गेमिंग के नाम पर ठगी करने वालो को पकड़ा (Photo ITG)

रामपुर पुलिस को साइबर अपराध के खिलाफ बड़ी कामयाबी हाथ लगी है. पार्ट टाइम जॉब, गेमिंग और ऑनलाइन कमाई के नाम पर लोगों को ठगने वाले एक अंतर्राज्यीय साइबर फ्रॉड गैंग के छह सदस्यों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. इनके पास से भारी मात्रा में बैंकिंग दस्तावेज, इलेक्ट्रॉनिक उपकरण और नकदी बरामद हुई है, जिसने इस गिरोह के संगठित और बड़े नेटवर्क की ओर इशारा किया है.

यह कार्रवाई थाना सिविल लाइंस पुलिस, साइबर क्राइम सेल और क्राइम ब्रांच की संयुक्त टीम ने की है. मुखबिर से मिली सूचना के आधार पर पुलिस टीम ने नोएडा में दबिश दी, जहां एक फ्लैट से पूरे गिरोह का संचालन किया जा रहा था. जैसे ही पुलिस ने घेराबंदी की, मौके से छह अभियुक्तों को धर दबोचा गया.

भारी मात्रा में बैंकिंग दस्तावेज बरामद

पुलिस तलाशी में जो सामने आया, उसने जांच अधिकारियों को भी चौंका दिया. आरोपियों के पास से कुल 227 एटीएम कार्ड, 222 पासबुक, 47 चेकबुक, 4 लैपटॉप, 18 मोबाइल फोन, 16 सिम कार्ड और एक वाई-फाई राउटर बरामद किया गया. इसके अलावा पूछताछ के दौरान आरोपियों के बैंक खातों की जांच की गई तो करीब 12 लाख रुपये नकद फ्रॉड की रकम खाते में पाई गई, जिसे तत्काल सीज कर दिया गया. पुलिस का कहना है कि यह रकम ठगी के अलग-अलग मामलों से जुटाई गई थी और अभी और भी खातों की जांच जारी है.

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पार्ट टाइम जॉब और गेमिंग बना ठगी का हथियार

जांच में सामने आया है कि यह गिरोह खासतौर पर बेरोजगार युवाओं, छात्रों और गृहणियों को निशाना बनाता था. सोशल मीडिया, मैसेजिंग ऐप और फर्जी वेबसाइट के जरिए पार्ट टाइम जॉब, ऑनलाइन टास्क और गेमिंग से कमाई का लालच दिया जाता था. शुरुआत में पीड़ितों से छोटे-छोटे टास्क कराए जाते थे, ताकि उनका भरोसा जीता जा सके. इसके बाद जैसे ही पीड़ित बड़ी रकम लगाने या ट्रांजैक्शन करने के लिए तैयार होता, गिरोह ओटीपी, यूपीआई डिटेल्स और बैंक जानकारी हासिल कर लेता. एक बार जानकारी मिलते ही खाते से पैसे निकाल लिए जाते थे. कई मामलों में पीड़ितों को धमकाकर दोबारा ठगी भी की जाती थी.

पहले भी सामने आ चुका है नेटवर्क

सीओ सिटी रामपुर जितेंद्र कुमार ने बताया कि पुलिस पहले से इस गिरोह पर नजर बनाए हुए थी. उन्होंने बताया कि 27 अक्टूबर को सिविल लाइंस थाने में दर्ज एक मामले में इसी नेटवर्क से जुड़े सात अभियुक्तों को जेल भेजा गया था. उस केस का मुख्य आरोपी सलमान अंसारी उर्फ राजा फरार था और लगातार पुलिस की रडार पर बना हुआ था. मुखबिर से सूचना मिली कि सलमान राजा नोएडा में रहकर गिरोह का संचालन कर रहा है. इसी सूचना पर रामपुर पुलिस की टीम ने नोएडा में दबिश दी, जहां से यह बड़ी गिरफ्तारी संभव हो सकी.

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करोड़ों की संपत्ति की जांच जारी

पुलिस अधिकारियों के अनुसार, गिरफ्तार अभियुक्तों से पूछताछ में यह भी सामने आया है कि गिरोह के पास करोड़ों रुपये की अन्य संपत्तियां भी हो सकती हैं. कुछ संपत्तियां रियल एस्टेट और कुछ डिजिटल असेट के रूप में बताई जा रही हैं. फिलहाल उनकी जांच की जा रही है और विधिक प्रक्रिया के तहत उन्हें भी सीज करने की तैयारी है. सीओ सिटी ने बताया कि यह गिरोह सिर्फ उत्तर प्रदेश तक सीमित नहीं था, बल्कि आसपास के कई राज्यों में भी अपने नेटवर्क के जरिए ठगी को अंजाम देता था. अलग-अलग राज्यों में छोटे-छोटे सब-गैंग बनाकर यह लोग काम करते थे, ताकि पुलिस को चकमा दिया जा सके.

मुख्य आरोपी अब भी फरार

इस मामले में भले ही छह आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया हो, लेकिन गिरोह का सरगना सलमान अंसारी उर्फ राजा अभी भी फरार है. पुलिस का कहना है कि उसकी गिरफ्तारी के लिए अलग-अलग जगहों पर दबिश दी जा रही है और जल्द ही उसे भी पकड़ लिया जाएगा. सीओ सिटी ने भरोसा दिलाया कि इस पूरे नेटवर्क को जड़ से खत्म किया जाएगा, ताकि भविष्य में ऐसे साइबर अपराधों पर लगाम लगाई जा सके.

पुलिस टीम को इनाम

इस सफल कार्रवाई के लिए पुलिस अधीक्षक रामपुर ने जांच टीम की सराहना की है और पूरी टीम को 25 हजार रुपये का नकद इनाम देने की घोषणा की है. अधिकारियों का कहना है कि साइबर अपराध के खिलाफ अभियान आगे भी लगातार जारी रहेगा.

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आम लोगों के लिए चेतावनी

पुलिस ने इस मौके पर आम जनता से भी अपील की है कि किसी भी अनजान लिंक, कॉल या मैसेज पर भरोसा न करें. पार्ट टाइम जॉब, गेमिंग या आसान कमाई के नाम पर अगर कोई ओटीपी या बैंक डिटेल्स मांगता है, तो तुरंत सतर्क हो जाएं और इसकी सूचना पुलिस या साइबर हेल्पलाइन को दें.

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