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जस्टिस सूर्यकांत

जस्टिस सूर्यकांत

जस्टिस सूर्यकांत

जस्टिस सूर्यकांत (Justice Suryakant) भारतीय न्यायपालिका के वरिष्ठ और प्रतिष्ठित न्यायाधीश हैं. उन्हें 24 नवंबर 2025 को भारत का 53वां मुख्य न्यायाधीश (CJI) नियुक्त किया गया है. सुप्रीम कोर्ट के मुख्य CJI बीआर गवई 23 नवंबर को रिटायर हो गए.

जस्टिस सूर्यकांत का यह शपथ ग्रहण बेहद खास है. शपथ ग्रहण आयोजन में 6 देशों के चीफ जस्टिस शामिल होंगे. भारत में किसी CJI का ऐसा शपथ ग्रहण पहली बार होने जा रहा है.

गेस्ट के नामों में भूटान के मुख्य जस्टिस ल्योंपो नॉर्बू शेरिंग, केन्या के मुख्य न्यायाधीश जस्टिस मार्था कूमे और केन्या सुप्रीम कोर्ट की जज जस्टिस सुसान नजोकी, मलेशिया के संघीय न्यायालय के जज जस्टिस श्री दातुक नलिनी पद्मनाथन, मॉरीशस की मुख्य न्यायाधीश बीबी रेहाना मुंगली गुलबुल, नेपाल के मुख्य न्यायाधीश प्रकाश मान सिंह राउत के साथ नेपाल सुप्रीम कोर्ट की जज सपना प्रधान मल्ल और नेपाल सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज अनिल कुमार सिन्हा, श्रीलंका के मुख्य न्यायाधीश पी पद्मन सुरेसन के साथ श्रीलंका सुप्रीम कोर्ट के जज जस्टिस एस तुरैराजा पीसी और जस्टिस ए एच एम डी नवाज भी शामिल होंगे.

जस्टिस सूर्यकांत का जन्म 10 फरवरी 1962 को हरियाणा के हिसार जिले में हुआ था. उन्होंने महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय, रोहतक से LLB की पढ़ाई की और बाद में कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय से LLM किया.

वकील के रूप में उनका करियर शुरुआत से ही खास रहा है. 2000 में वे हरियाणा के महाधिवक्ता (Advocate General) नियुक्त किए गए, जो उस उम्र में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि थी. बाद में, जनवरी 2004 में उन्हें पंजाब-हरियाणा हाई कोर्ट का जज बनाया गया और अक्टूबर 2018 में वे हिमाचल प्रदेश हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस बने. मई 2019 में उन्हें सुप्रीम कोर्ट का जज बनाया गया. 

न्यायाधीश के तौर पर उन्होंने संवैधानिक और सामाजिक न्याय से जुड़े कई महत्वपूर्ण मामलों में हिस्सा लिया है. इनमें अनुच्छेद 370 (जम्मू-काश्मीर का विशेष दर्जा), पेगासस जासूसी मामले, राजद्रोह कानून पर समीक्षा आदि शामिल हैं.

उनकी न्यायशैली निष्पक्ष, ईमानदार और समाज के कमजोर वर्गों के प्रति संवेदनशील मानी जाती है.

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