कोल्ड्रिफ कफ सिरप (Coldrif Cough Syrup) एक ऐसा दवा है जो खांसी और सर्दी-जुकाम के इलाज में उपयोग किया जाता है, लेकिन यह सिरप अब विवादों में आ गया है क्योंकि इसमें एक बेहद खतरनाक केमिकल डाइएथिलीन ग्लाइकॉल (DEG) पाया गया. यह केमिकल सामान्यतया पेंट, स्याही और रंग बनाने में इस्तेमाल होता है. स्वास्थ्य मानकों के मुताबिक, इस सिरप में इस केमिकल की मात्रा 0.1 प्रतिशत से अधिक नहीं होनी चाहिए, लेकिन जांच में इसकी मात्रा 48.6 प्रतिशत पाई गई, जो लगभग 500 गुना अधिक है.
इस सिरप के कारण मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा और राजस्थान में कई मासूम बच्चों की मौत हो चुकी है. बच्चों की मौत का कारण किडनी फेल्योर बताया गया है, जो इस जहरीले रसायन के कारण होता है. इस बात का पता चलने के बाद कई राज्यों में कोल्ड्रिफ कफ सिरप पर प्रतिबंध लगा दिया गया है. तमिलनाडु सरकार ने इस सिरप बनाने वाली कंपनी श्रीसन फार्मास्युटिकल्स के खिलाफ आपराधिक कार्रवाई शुरू कर दी है, और कंपनी के मालिक को भी गिरफ्तार किया गया है.
सभी राज्यों को स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा निर्देश दिए गए हैं कि वे बच्चों को इस प्रकार के कफ सिरप देने से बचें, खासकर दो साल से छोटे बच्चों को बिल्कुल न दें. विशेषज्ञ भी बच्चों की खांसी में कफ सिरप को आवश्यक नहीं समझते और बिना दवा के आराम और पानी पीने को प्राथमिकता देने की सलाह देते हैं.
संक्षेप में, कोल्ड्रिफ कफ सिरप अब एक खतरनाक और प्रतिबंधित दवा बन चुका है क्योंकि इसमें मौजूद जहरीले तत्व बच्चों की जान लेने का कारण बन रहे हैं. इससे बचाव के लिए दवा की बिक्री पर रोक लगाई गई है और जांच जारी है ताकि ऐसी त्रासदियों से बचा जा सके.
मध्यप्रदेश विधानसभा सत्र के पहले दिन कांग्रेस ने छिंदवाड़ा में कफ सिरप से हुई बच्चों की मौतों पर जोरदार विरोध प्रदर्शन किया, कांग्रेस विधायकों ने कफ सिरप की बोतलें लेकर सरकार पर आरोप लगाए और स्वास्थ्य मंत्री के इस्तीफे की मांग की. नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार भी इस प्रदर्शन में शामिल रहे. यह प्रदर्शन कफ सिरप से जुड़ी मौतों और सरकार की जवाबदेही पर केंद्रित है.
गाजियाबाद, वाराणसी, झारखंड और बिहार तक फैले शुभम जायसवाल के कोडीन मिक्स कफ सिरप तस्करी नेटवर्क का खुलासा हैरान करने वाला है. इस मामले में अब तक 5 FIR दर्ज की गई हैं. फर्जी फर्में, अंतरराज्यीय सप्लाई, और दुबई भागने वाले मुख्य आरोपी की पूरी कहानी.
टॉक्सिक कफ सिरप से जुड़ी बच्चों की मौतों के बाद देश की दवा उद्योग पर अब सरकार का शिकंजा कस गया है. सेंट्रल ड्रग्स स्टैंडर्ड कंट्रोल ऑर्गनाइजेशन (CDSCO) ने सभी दवा कंपनियों को साफ चेतावनी दी है कि एक जनवरी 2026 तक ग्लोबल स्टैंडर्ड्स के मुताबिक उत्पादन शुरू करो वरना प्लांट बंद करने की तैयारी रखो.
जहरीले 'कोल्ड्रिफ कफ सिरप' मामले में एसआईटी ने श्रीसन फार्मा कंपनी के एमआर सतीश वर्मा को छिंदवाड़ा से हिरासत में ले लिया है. अधिकारियों का मानना है कि इस जहरीले सिरप के वितरण और बिक्री के पूरे चक्र को समझने के लिए MR से पूछताछ बहुत महत्वपूर्ण है.
विश्व स्वास्थ्य संगठन ने भारत में निर्मित तीन खांसी और सर्दी-ज़ुकाम की सिरप को लेकर वैश्विक चेतावनी जारी की है. WHO के मुताबिक इन सिरप में Diethylene Glycol (DEG) नामक ज़हरीला तत्व पाया गया है, जिससे बच्चों में तीव्र बीमारी और मौत के मामले सामने आए हैं.
मध्य प्रदेश पुलिस ने जिला अदालत को बताया कि गिरफ्तार डॉक्टर प्रवीण सोनी ने कोल्ड्रिफ कफ सिरप लिखने के लिए कंपनी से 10% कमीशन लेने की बात स्वीकार की है.
Coldrif Syrup केस में बड़ा खुलासा: डॉक्टर को 10% कमीशन, गाइडलाइन की अनदेखी से बच्चों की मौत, कोर्ट ने जमानत खारिज की.
कफ सिरप कांड ने पूरे देश में स्वास्थ्य सुरक्षा पर सवाल खड़े कर दिए. इस गंभीर स्थिति के बाद एक बड़ा कदम उठाया गया है. अब फिनिश्ड प्रोडक्ट्स में DEG (Diethylene Glycol) और EG (Ethylene Glycol) की जांच अनिवार्य कर दी गई है. मध्य प्रदेश के ड्रग कंट्रोलर ने केंद्र सरकार को सुझाव दिया कि इंडियन फार्माकोपिया के जनरल मोनोग्राफ में इन जांचों को शामिल किया जाए.
मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा में कफ सिरप की वजह से कई बच्चों की मौत हो गई. इस घटना ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है. श्रीसेन फार्मा के मालिक रंगनाथन गोविंदन को एसआईटी ने चेन्नई से ट्रांजिट रिमांड पर लाकर परासिया कोर्ट में पेश किया. भारी सुरक्षा के बीच आरोपी का चश्मा गिर गया. इस दौरान कोर्ट के बाहर लोगों ने 'फांसी दो, फांसी दो' के नारे लगाए.
मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा में 22 बच्चों की मौत से पूरे देश में सनसनी फैल गई है. इस मामले में आज सुबह एसआईटी ने श्रीसन फार्मा के डायरेक्टर रंगनाथन गोविंदन को भारी सुरक्षा के बीच परासिया के एडीजे कोर्ट में पेश किया
मध्य प्रदेश की स्वास्थ्य व्यवस्था पर गंभीर सवाल उठ रहे हैं, जहां मुख्यमंत्री मोहन यादव एक तरफ दक्षता की बात करते हैं, वहीं दूसरी ओर राजधानी भोपाल में लाखों की मोबाइल ड्रग टेस्टिंग लैब कबाड़ में सड़ रही है, 5500 से ज़्यादा दवाइयों के सैंपल जांच के इंतज़ार में हैं और लैब में दर्जनों पद खाली पड़े हैं. मुख्यमंत्री मोहन यादव कहते हैं कि ‘प्रधानमंत्री के आशीर्वाद से ऐसे किसी गलत काम को हम बर्दाश्त करने वाले नहीं हैं और खास कर बच्चों के लिए तो हमारे लिए मन में संवेदना भी है.’
मध्य प्रदेश में ज़हरीले कोल्ड ड्रिफ्ट कफ सिरप से 22 बच्चों की मौत ने राज्य के स्वास्थ्य सिस्टम पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं. इस मामले में मुख्यमंत्री मोहन यादव और स्वास्थ्य मंत्री राजेंद्र शुक्ला के बयानों पर भी विवाद हुआ है. अदनान के पिता अमीन ने दिल दहला देने वाली बात बताते हुए कहा, 'वो अपनी माँ से बोला, मम्मी मेरे को बचा लो'. यह त्रासदी सिर्फ एक दवा तक सीमित नहीं है, बल्कि यह सरकारी लापरवाही की पूरी कहानी बयां करती है. सुप्रीम कोर्ट ने मामले की जांच की याचिका खारिज कर दी है.
क्या जिन राज्यों में नकली,जहरीले, मिलावटी सिरप से बच्चों की जान गई, वहां नकली दवा आगे भी बिकती रहेगी? ये खबरदार करता सवाल इसलिए आया है क्योंकि आज जब सुप्रीम कोर्ट में सिरप से बच्चों की मौत की जांच की मांग वाली याचिका आई तो सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया। जिस मध्य प्रदेश में 22 बच्चे जहरीले केमिकल वाला कफ सिरप पीकर मर गए, वहां की दवा जांचने वाली सरकारी लैब की खस्ता हालत है. देखें ख़बरदार.
मध्य प्रदेश और राजस्थान में 'कोल्ड्रिफ' कफ सिरप पीने से बीस से ज्यादा बच्चों की मौत के बाद झारखंड सरकार पूरी तरह अलर्ट मोड में आ गई है. स्वास्थ्य मंत्री डॉ. इरफान अंसारी रांची के एक बड़े दवा आउटलेट में औचक निरीक्षण के लिए पहुंचे और मौके पर सैंपल कलेक्ट करवा दिए.
ज़हरीले कफ़ सिरप से बच्चों की मौत का मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है, जहाँ आज इस पर सुनवाई हुई. सुनवाई के दौरान सर्वोच्च न्यायालय ने इस मामले की सीबीआई जांच की मांग करने वाली याचिका को खारिज कर दिया है. अदालत ने यह सवाल भी उठाया कि 'सिस्टम सोता रहा और कई बच्चों ने दम कैसे तोड़ दिया?'
जहरीले कफ सिरप से बच्चों की मौत का मामला अब सुप्रीम कोर्ट पहुँच गया है. याचिकाकर्ताओं ने न्यायिक आयोग या सीबीआई से मामले की जांच और पीड़ित परिवारों को मुआवजा देने की मांग की है. इसके साथ ही सख्त नियम बनाने की भी अपील की गई है. इस मामले में फार्मास्यूटिकल्स के मालिक जी रंगनाथन को मध्य प्रदेश पुलिस ने चेन्नई से गिरफ्तार किया है.
मध्य प्रदेश और राजस्थान में कफ सिरप से बच्चों की मौत के मामले की जांच एक्सपर्ट कमेटी से कराने की मांग को लेकर दाखिल जनहित याचिका सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दी है. सरकार ने इस याचिका का विरोध करते हुए कहा कि राज्य सरकार कार्रवाई करने में सक्षम है और उसे जांच नहीं करने देना अविश्वास होगा.
कोल्ड्रिफ सिरप बनाने वाली तमिलनाडु की फर्म के निर्माता को बच्चों की मौत के बाद गिरफ्तार कर लिया गया है. दवा विक्रेताओं के साथ 11 अक्टूबर को एक बैठक बुलाई गई है, जिससे इस सलाह को मजबूती से लागू किया जा सके.
मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा में 20 बच्चों की जान लेने वाले कोल्ड्रिफ कफ सिरप ने भारत की दवा इंडस्ट्री पर एक बार फिर से सवाल खड़े कर दिए हैं. सरकार ने दवा पर बैन लगाया, FIR दर्ज हुई और जांच शुरू हुई लेकिन ये कहानी नई नहीं है. पिछले एक दशक में हर साल तीन हजार से ज्यादा दवाएं क्वालिटी टेस्ट में फेल हो रही हैं. सवाल यही है दुनिया को दवाएं देने वाला भारत अपने ही लोगों को जहर क्यों पिला रहा है?
मध्य प्रदेश और राजस्थान में जहरीले कफ सिरप के कारण 26 बच्चों की मौत हुई है. इस मामले में सिस्टम की घोर लापरवाही सामने आई है. स्वास्थ्य विभाग की टीम ने 27 सितंबर को छिंदवाड़ा से सैंपल लिए, लेकिन उन्हें सामान्य डाक से भोपाल भेजा गया. गांधी जयंती और दशहरे की छुट्टी के कारण सैंपल 3 अक्टूबर को भोपाल पहुंचे और 4 अक्टूबर को जांच पूरी हुई.
मध्य प्रदेश और राजस्थान में जहरीले कफ सिरप के कारण 26 बच्चों की मौत हुई है. इस मामले में सिस्टम की घोर लापरवाही सामने आई है. स्वास्थ्य विभाग की टीम ने 27 सितंबर को छिंदवाड़ा से सैंपल लिए, लेकिन उन्हें सामान्य डाक से भोपाल भेजा गया. गांधी जयंती और दशहरे की छुट्टी के कारण सैंपल 3 अक्टूबर को भोपाल पहुंचे और 4 अक्टूबर को जांच पूरी हुई.