आकाश आनंद (Akash Anand), बहुजन समाज पार्टी (BSP) प्रमुख मायावती (Mayawati) के भतीजे हैं जिन्हें 10 दिसंबर 2023 को अपना उत्तराधिकारी नामित किया गया था. मार्च 2025 में मायावती ने आकाश आनंद को पार्टी के सभी पदों से हटा दिया. वह 2022 से राजस्थान में पार्टी के मामलों के प्रभारी रहे. वह बसपा के राष्ट्रीय समन्वयक के आधिकारिक पद पर भी थे. आकाश आनंद ने पार्टी की 14 दिवसीय 'सर्वजन हिताय, सर्वजन सुखाय संकल्प यात्रा' का भी नेतृत्व किया था.
आकाश आनंद के दुख भरे दिन जल्दी ही बीतने वाले हैं. जिस शादी तक आकाश आनंद का मामला होल्ड पर था, वो भी संपन्न हो चुकी है - और मायावती ने अपने कार्यकर्ताओं और समर्थकों से जिस तरह आकाश आनंद की हौसलाअफजाई की अपील की है, मामला पक्का हो गया है.
आकाश आनंद पर मायावती के बार-बार बदलते रुख से मायावती को जानने वाले भी हैरान हैं कि आखिर मायावती क्यों बार-बार आकाश आनंद को पार्टी से, परिवार से और उत्तराधिकार से बेदखल करती हैं और फिर सब कुछ सौंप देना चाहती हैं.
BSP सुप्रीमो मायावती ने उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के पदाधिकारियों के साथ एक अहम बैठक बुलाई है, जिसमें पार्टी संगठन की तैयारियों और जनाधार बढ़ाने के लिए किए गए कामों की समीक्षा की जाएगी। ये बैठक आकाश आनंद की वापसी के बाद पार्टी का पहला महत्वपूर्ण कदम है, और मायावती आगे के लिए जरूरी दिशा-निर्देश देने वाली हैं।
आकाश आनंद की बीएसपी में वापसी तो हो गई है, लेकिन मुश्किलें वैसे ही बरकरार हैं. सिक्योरिटी छिन जाने के बाद, सबसे ज्यादा चर्चा बीएसपी की बैठक में उनकी गैरमौजूदगी की हो रही है.
बीएसपी अध्यक्ष मायावती ने आज अहम बैठक बुलाई है. मायावती पार्टी के वरिष्ठ पदाधिकारियों और जिला अध्यक्षों के साथ चर्चा करेंगी. ये बैठक सुबह 11 बजे से BSP के प्रदेश कार्यालय में शुरू हो गई. आकाश आनंद की पार्टी में वापसी के बाद ये पहली बैठक है.
गृह मंत्रालय ने मायावती के भतीजे आकाश आनंद की VIP सुरक्षा हटा दी है. गृह मंत्रालय ने तत्काल आर्डर जारी करते हुए CISF को BSP के पूर्व को-ऑर्डिनेटर की सुरक्षा हटाने के आदेश दिए हैं.
बीएसपी सुप्रीमो मायावती ने बुधवार को लखनऊ में यूपी और उत्तराखंड के पदाधिकारियों तथा जिला अध्यक्षों के साथ एक अहम बैठक करेंगी. बैठक में पार्टी संगठन की जमीनी तैयारियों तथा पार्टी के जनाधार को बढ़ाने आदि के लिए दिए गए कामों की समीक्षा की जाएगी और आगे लिए जरूरी दिशा-निर्देश भी दिए जाएंगे.
आकाश आनंद को बीएसपी से निष्कासित किए जाने और नेशनल कोऑर्डिनेटर के पद से हटाकर एक महीना भी नहीं बीता था कि वे दोबारा पार्टी में शामिल हो गए हैं. उनकी वापसी एक सार्वजनिक माफी मांगने और मायावती द्वारा माफ करने के ऐलान के बाद हुई है. मायावती ने सार्वजनिक तौर पर उनकी माफी स्वीकार कर ली है, जो कि राजनीतिक पटल पर एक महत्वपूर्ण घटना है.
आकाश आनंद ने जो काम अब जाकर किया है, पहले भी कर सकते थे. क्या पहले वो माफी मांगना ही नहीं चाहते थे, या मायावती माफ करने को तैयार ही नहीं हो रही थीं?
पार्टी सूत्रों की मानें तो ऐसा नहीं है कि मायावती ने यह फैसला अचानक लिया है बल्कि वापसी की पटकथा लिखी गई. जब आकाश आनंद के पिता आनंद कुमार ने नेशनल कोऑर्डिनेटर का पद छोड़ा, तभी से आकाश आनंद के लिए वापसी की राह तलाशी जा रही थी. सब कुछ स्क्रिप्ट के अनुसार तय तरीके से किया गया.
बीएसपी से निकाले गए आकाश आनंद ने मायावती से सार्वजनिक रूप से माफी मांगी है. सोशल मीडिया पोस्ट में उन्होंने मायावती को अपना एकमात्र राजनैतिक गुरु बताया और पार्टी में दोबारा काम करने का मौका मांगा. आकाश ने वादा किया कि वे अब अपने राजनीतिक फैसलों के लिए रिश्तेदारों से मशविरा नहीं लेंगे.
मायावती ने कहा कि आकाश आनंद द्वारा सार्वजनिक तौर पर अपनी गलतियों को मानने और सीनियर लोगों को पूरा आदर-सम्मान देने के साथ ही अपने ससुर की बातों में आगे नहीं आकर बसपा और मूवमेन्ट के लिए जीवन समर्पित करने के मद्देनजर उन्हें (आकाश आनंद) एक और मौका दिए जाने का निर्णय लिया है.
बीएसपी से निकाले गए आकाश आनंद ने सोशल मीडिया पर पोस्ट कर मायावती से माफी मांगी है. उन्होंने मायावती को अपना एकमात्र राजनीतिक गुरु बताते हुए पार्टी में फिर से काम करने का मौका मांगा है. आकाश ने वादा किया है कि वे अब अपने किसी राजनीतिक फैसले के लिए रिश्तेदारों से राय नहीं लेंगे. VIDEO
बहुजन समाज पार्टी की सुप्रीमो मायावती के भतीजे आकाश आनंद ने माफी मांगी है. उन्होंने ये माफी अपनी बुआ यानी मायावती से मांगी है. आकाश आनंद ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर पोस्ट में कहा कि मायावती को मैं अपना एकमात्र राजनीतिक गुरु और आदर्श मानता हूं.
मायावती ने उदित राज पर आकाश आनंद को कांग्रेस में शामिल होने के प्रस्ताव देने के लिए हमला बोला. मायावती ने कार्यकर्ताओं को ऐसे नेताओं से सावधानी बरतने की सलाह देते हुए 15 मार्च को कांशीराम की जयंती पूरे भावना के साथ मनाने की अपील की. मायावती ने 2 मार्च को आकाश को पार्टी के सभी पदों से छुट्टी कर दी थी.
मायावती अब तक कांग्रेस और गांधी परिवार के खिलाफ ही हमलावर नजर आई हैं, लेकिन बड़े दिनों पर मायावती ने प्रेस कांफ्रेंस बुलाकर बीजेपी की केंद्र और यूपी सरकार को लेकर सख्त लहजे में रिएक्ट किया है - और वो भी गरीबों की दुश्मन और अमीरों की हितैषी बताते हुए.
उदित राज ने गुरुवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए कहा, 'बसपा का उदय अन्य दलों से अलग है, क्योंकि इसकी शुरुआत एक सामाजिक आंदोलन से हुई थी और बाद में यह एक राजनीतिक पार्टी बन गई. लेकिन अब इसका भाजपाकरण हो गया है.' उन्होंने मायावती से कई सवाल पूछे और कहा, आकाश आनंद ने कहा था कि आगामी विधानसभा चुनाव में कांग्रेस-सपा के साथ गठबंधन होना चाहिए, अन्यथा हम जीरो पर रह जाएंगे.
आकाश आनंद को बीएसपी से बाहर करने के बाद भी मायावती एक्शन मोड में ही हैं. ताजा शिकार आनंद कुमार हुए हैं, जो आकाश आनंद के पिता और मायावती के भाई हैं - क्या अब भी आपको लगता है कि बीएसपी में जो हो रहा है उसके पीछे आकाश आनंद ही हैं?
सवाल उठ रहा है कि बसपा में अब सेकंड-इन लाइन में कौन-कौन नेता हैं जो आने वाले दिनों में मायावती के करीबी बन सकते हैं और आज की तारीख में भरोसेमंद बनकर संगठन और बहुजन मूवमेंट को धार दे रहे हैं. जानकार कहते हैं कि बसपा में मायावती के सिपहसालार हमेशा उनकी आंख-कान रहे हैं.
मायावती ने सोशल मीडिया में पोस्ट कर बताया कि उनके भाई आनंद कुमार ने एक पद पर काम करने की इच्छा जताई थी. आनंद कुमार बसपा के उपाध्यक्ष हैं, साथ ही उन्हें मायावती ने नेशनल कॉर्डिनेटर भी बना दिया था. ऐसे में आनंद कुमार के आग्रह पर उन्हें उपाध्यक्ष रखते हुए मायावती ने उनकी जगह रणधीर बेनीवाल को नेशनल कॉर्डिनेटर बनाया है.
केंद्रीय मंत्री रामदास अठावले ने कहा, अगर वो (आकाश आनंद) बाबा साहब भीमराव अंबेडकर के मिशन को आगे बढ़ाना चाहते हैं तो उन्हें रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया में शामिल होना चाहिए.