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रामजी के कतरे पर, भतीजे आकाश की फिर उड़ान... बसपा की नई टीम के पीछे मायावती का समझें गेम

बसपा को दोबारा से सियासी संजीवनी देने के लिए मायावती ने अपने संगठन में बड़ा बदलाव किया है. आकाश आनंद का सियासी कद बढ़ाने के साथ-साथ छह राष्ट्रीय कोऑर्डिनेटर बना दिए हैं और विश्वनाथ पाल पर अपना भरोसा कायम रखा है, लेकिन रामजी गौतम के सियासी पर जरूर कतर दिए हैं?

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मायावती के भतीजे आकाश आनंद का बढ़ा कद (Photo-PTI)
मायावती के भतीजे आकाश आनंद का बढ़ा कद (Photo-PTI)

बसपा के संस्थापक कांशीराम ने दलित समुदाय के बीच राजनीतिक चेतना जगाकर सियासत की तस्वीर बदल दी थी. मायावती ने एक नहीं, चार बार सरकार बनाई, लेकिन उसके बाद से बसपा की सियासी जमीन लगातार दरकती जा रही है. पिछले डेढ़ दशक में बसपा काफी कमजोर हुई और मौजूदा समय में पार्टी के पास एक भी लोकसभा सांसद नहीं है और यूपी में सिर्फ एक विधायक है. ऐसे में मायावती 2027 के चुनाव से पहले बसपा को दोबारा से खड़ा करने के लिए सियासी कवायद शुरू कर दी है.

बसपा के सियासी वजूद को बचाए रखने की चुनौतियों के बीच मायावती ने गुरुवार को पार्टी संगठन में बड़ा फेरबदल किया है. बसपा के बदलाव से एक बात साफ है कि मायावती ने अपने भतीजे आकाश आनंद को नंबर-2 की पोजिशन दी है और साथ ही पार्टी में तीन से बढ़ाकर छह राष्ट्रीय कोऑर्डिनेटर बना दिए हैं.

मायावती ने आकाश आनंद का प्रमोशन करते हुए मुख्य राष्ट्रीय कोऑर्डिनेटर बनाया है. इसके अलावा छह राष्ट्रीय कोऑर्डिनेटर बनाने के साथ-साथ यूपी सहित करीब डेढ़ दर्जन प्रदेश अध्यक्षों के नाम का भी ऐलान किया है. मायावती ने यूपी प्रदेश अध्यक्ष की कुर्सी पर विश्वनाथ पाल को बनाए रखा, तो बसपा में काफी पावरफुल माने जाने वाले रामजी गौतम के पर कतर दिए हैं.

मायावती ने किया नई टीम का ऐलान

बसपा प्रमुख मायावती ने गुरुवार को पार्टी संगठन में बदलाव किए हैं, जिसमें आकाश आनंद को मुख्य राष्ट्रीय कोऑर्डिनेटर बनाया है. साथ ही रामजी गौतम, राजाराम, रणधीर सिंह बेनीवाल, लालजी मेधांकर, अतर सिंह राव और धर्मवीर सिंह अशोक को राष्ट्रीय कोऑर्डिनेटर बनाया है. पार्टी में अभी तक तीन राष्ट्रीय कोऑर्डिनेटर हुआ करते थे, जिसे बढ़ाकर अब छह कर दिया गया है.

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मायावती ने लालजी मेधांकर, अतर सिंह राव और धर्मवीर सिंह अशोक को पहली बार राष्ट्रीय कोऑर्डिनेटर के तौर पर संगठन में कमान सौंपी है, जबकि राजाराम, रामजी और बेनीवाल पहले से ही इस भूमिका में काम कर रहे थे. इसके साथ ही मायावती ने राजाराम के साथ मोहित आनंद, अतर सिंह राव के साथ सुरेश आर्या और धर्मवीर अशोक के साथ दयाचंद को सह-प्रभारी के तौर पर लगाया है.

बसपा में फिर आकाश ने भरी उड़ान

मायावती ने भतीजे आकाश आनंद को मुख्य भूमिका में रखा है. आकाश को चीफ राष्ट्रीय कोऑर्डिनेटर बनाया गया है. यह पद बसपा संगठन में राष्ट्रीय अध्यक्ष यानी मायावती के बाद आता है. मायावती ने भले ही अपने सियासी उत्तराधिकारी का औपचारिक ऐलान न किया हो, लेकिन आकाश आनंद को बसपा में नंबर दो की कुर्सी सौंपकर उनका सियासी कद बढ़ा दिया है. बसपा में नई जिम्मेदारी मिलने के बाद अब आकाश आनंद राष्ट्रीय अध्यक्ष यानी मायावती की देख-रेख में काम करेंगे.

आकाश आनंद की जिम्मेदारी सभी सेक्टर, केंद्रीय और स्टेट कोऑर्डिनेटरों और प्रदेश अध्यक्षों के काम की समीक्षा करना है. इसके साथ ही वह सीधे मायावती को रिपोर्ट करेंगे. माना जा रहा है कि आकाश आनंद अब पार्टी की रणनीति, टिकट वितरण और चुनावी प्रचार से लेकर संगठनात्मक गतिविधियों तक में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे. यह कदम 2027 के विधानसभा चुनावों में बसपा की स्थिति को मजबूत करने की रणनीति का हिस्सा है. अब मायावती इस फेरबदल के जरिए बसपा में माहौल बनाने की रणनीति अपना रही हैं.

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रामजी गौतम के पर कतरे गए?

बसपा में किए गए बदलाव में राष्ट्रीय कोऑर्डिनेटर रामजी गौतम को दिल्ली, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और बिहार का प्रभारी नियुक्त किया गया है. इस तरह से अब उनके पास चार राज्यों की कमान होगी, जबकि अभी तक देश के आधे से ज्यादा राज्यों के प्रभारी थे. राजस्थान जैसे अहम राज्य की कमान मायावती ने उनसे ले ली है, जो रामजी गौतम के लिए एक बड़ा झटका माना जा रहा है, क्योंकि वह राजस्थान की बागडोर अपने हाथों में रखना चाहते थे.

दिलचस्प बात यह है कि पिछले दिनों जब मायावती ने आकाश आनंद और अशोक सिद्धार्थ को पार्टी से निकाला था, तो रामजी गौतम का राजनीतिक कद बढ़ाया था. चार महीने के बाद अब मायावती ने जिस तरह रामजी गौतम से एक-एक कर कई राज्यों की जिम्मेदारी वापस ले ली है और अब सिर्फ चार ही राज्यों की जिम्मेदारी है. इतना ही नहीं, रामजी गौतम के अलावा जो राष्ट्रीय कोऑर्डिनेटर बनाए गए हैं, उनके पास भी तीन-तीन राज्यों का जिम्मा है. यूपी में रामजी गौतम को पूरी तरह से दूर रखा गया है तो आकाश आनंद को देशभर की जिम्मेदारी सौंप दी है.

विश्वनाथ पाल पर भरोसा कायम रखा

मायावती ने विश्वनाथ पाल पर अपना भरोसा कायम रखा है. बसपा के प्रदेश अध्यक्ष की कमान विश्वनाथ पाल को लगातार दूसरी बार मिली है. बसपा में यह पहली बार है, जब मायावती ने किसी को दोहराया हो. मायावती का यह कदम 2027 के विधानसभा चुनावों में बसपा की स्थिति को मजबूत करने की रणनीति का हिस्सा माना जा रहा है. विश्वनाथ पाल गैर-यादव ओबीसी समुदाय से आते हैं. पाल-गड़रिया समाज एक समय बसपा का कोर वोटबैंक माना जाता था.

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बसपा प्रमुख ने राजेश तंवर को दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष, रमाकांत पिप्पल को मध्य प्रदेश अध्यक्ष, श्याम टंडन को छत्तीसगढ़ प्रदेश अध्यक्ष बनाया है. बिहार का प्रदेश अध्यक्ष शंकर महतो और महाराष्ट्र का प्रदेश अध्यक्ष डॉ. सुनील डोंगरे को बनाया है. इसके अलावा, कर्नाटक की एम कृष्णा मूर्ति, तमिलनाडु की पी आनंद, केरल की ज्वाय आर थामस, हरियाणा की कृष्ण जमारपुर, पंजाब की अवतार सिंह करीपुरी, राजस्थान की प्रेम बारुपाल, झारखंड की शिव पूजन मेहता, पश्चिम बंगाल की मनोज हवलदार, ओडिशा की सरोज कुमार नायक, आंध्र प्रदेश की बंदेला गौतम, तेलंगाना की इब्राम शेखर, गुजरात की भगूभाई परमार, हिमाचल प्रदेश की विक्रम सिंह नायर, जम्मू-कश्मीर की दर्शन राणा, चंडीगढ़ की बृजपाल और उत्तराखंड की अमरजीत सिंह को कमान सौंपी है.

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