स्वाति मालीवाल को INDIA ब्लॉक के नेताओं, खासकर राहुल गांधी से इंसाफ की पूरी उम्मीद है, और लगता है मालीवाल को ये उम्मीद जगी है लोकसभा चुनाव के दौरान सामने आई राहुल गांधी की न्याय गारंटी योजना से.
सोशल साइट X पर आम आदमी पार्टी की राज्यसभा सांसद स्वाति मालीवाल ने लिखा है कि उन्होंने इंडिया ब्लॉक के सभी बड़े नेताओं से मिलने का वक्त मांगा है. सोशल मीडिया पर स्वाति मालीवाल ने राहुल गांधी और शरद पवार को लिखा अपना पत्र भी शेयर किया है.
स्वाति मालीवाल लिखती हैं, 'मेरे खिलाफ फैलाए गये झूठ के कारण मुझे कई बार रेप और जान से मारने की धमकियां मिल रही हैं.'
स्वाति मालीवाल के पत्र में क्या है
2 पेज के पत्र में स्वाति मालीवाल ने दिल्ली के मुख्यमंत्री आवास पर 13 मई की घटना के जिक्र के साथ अब तक के अपने काम भी गिनाये हैं. स्वाति मालीवाल ने कहा है कि वो पिछले 18 साल से जमीन पर काम कर रही हैं - और दिल्ली महिला आयोग के अध्यक्ष रहते 9 साल में 1.7 लाख मामलों की सुनवाई की है.
स्वाति मालीवाल का दावा है कि वो बिना किसी से डरे और किसी के आगे झुके महिला आयोग को एक ऊंचे मुकाम पर खड़ा किया है. साथ ही, स्वाति मालीवाल ने अपने पत्र में अपने कार्यकाल के दौरान काउंसिलिंग और पीड़ित महिलाओं के लिए किये गये काम का ब्योरा भी विस्तार से दिया है.
अपने साथ हुई मारपीट की घटना के बारे में स्वाति मालीवाल ने लिखा है कि उस दर्दनाक घटना की शिकायत दर्ज कराने के बाद उनको समर्थन मिलने के बजाय उनको चरित्र पर हमला हुआ. उनका कहना है, मेरी पार्टी के नेताओं और वॉलंटियर्स ने मुझे शर्मसार किया... मेरी रेपुटेशन, कैरेक्टर और विश्वसनीयता को कमजोर करने के लिए इलेक्ट्रॉनिक और सोशल मीडिया पर कैंपेन चलाया गया... मेरे खिलाफ फैलाये गये झूठ के कारण मुझे रेप और जान से मारने की धमकियां मिल रही हैं.
राहुल गांधी, शरद पवार और कौन-कौन?
स्वाति मालीवाल ने विपक्षी खेमे के नेता राहुल गांधी और शरद पवार का नाम तो बताया है, लेकिन बाकी नेताओं का नाम नहीं लिया है - सवाल है कि क्या स्वाति मालीवाल ने अखिलेश यादव को भी ये पत्र लिखा होगा?
ये सवाल इसलिए उठता है क्योंकि लखनऊ की प्रेस कांफ्रेंस में मालीवाल केस को लेकर पूछे गये सवाल पर माइक अखिलेश यादव की तरफ बढ़ा दिया था - और वो ये कहते हुए सवाल टाल गये थे कि इससे भी जरूरी मुद्दे हैं.
मतलब, अखिलेश यादव के लिए मालीवाल केस कोई मायने नहीं रखता. फिर भी अगर स्वाति मालीवाल ने अखिलेश यादव को पत्र मिलने के लिए पत्र लिखा है, तो कोई उम्मीद नहीं रखनी चाहिये. जब सरेआम वो जाहिर कर चुके हैं कि ये मामला उनके लिए बिलकुल भी अहमियत नहीं रखता, तो वो क्यों स्वाति मालीवाल से मिलकर उनकी व्यथा सुनेंगे और अपना कीमती वक्त बर्बाद करेंगे?
मालीवाल केस में शरद पवार का रुख देखना बाकी है. इस मामले में वो अरविंद केजरीवाल पर तो किसी तरह का दबाव नहीं बना सकते, लेकिन उनके साथ अखिलेश यादव की तरह अगर खड़े भी नहीं होते हैं, तो स्वाति मालीवाल के लिए बड़ी बात ही होगी.
स्वाति मालीवाल की बातों से तो लगता है कि उन्होंने उद्धव ठाकरे, एमके स्टालिन और ममता बनर्जी को भी पत्र भेजा होगा और मिलकर अपनी बात रखने की कोशिश करेंगी. अगर ममता बनर्जी उनको मिलने का वक्त देती हैं, और उनकी बात सुनती हैं तो स्वाति मालीवाल के लिए ये काफी महत्वपूर्ण होगा.
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और अरविंद केजरीवाल की अच्छी दोस्ती रही है, वो लंबे समय तक विपक्षी खेमे में उनको साथ लेने के लिए कांग्रेस नेतृत्व से लड़ती भी रही हैं - और उनकी गिरफ्तारी का भी जोर शोर से विरोध किया था.
देखना स्वाति मालीवाल केस में वो क्या स्टैंड लेती हैं?
स्वाति को न्याय दिलाने की जिम्मेदारी किसकी
लोकसभा चुनाव में राहुल गांधी मणिपुर से मुंबई तक न्याय यात्रा निकाल चुके हैं - और चुनाव कैंपेन के दौरान 5 न्याय और 25 गारंटी योजना को कांग्रेस की तरफ से इंसाफ की लड़ाई के तौर पर ही पेश किया गया.
न्याय की लड़ाई में राहुल गांधी युवाओं, किसानों और महिलाओं को न्याय दिलाने का भरोसा दिलाते रहे हैं - और इस कड़ी में मालीवाल केस राहुल गांधी के सामने एक नयी चुनौती बन कर खड़ा हो गया है.
ये चुनौती इसलिए भी और बड़ी लगती है, क्योंकि कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा पहले ही स्वाति मालीवाल का सपोर्ट कर चुकी हैं. घटना के कुछ ही दिन बाद पूछे जाने पर प्रियंका गांधी ने कहा भी था कि अगर स्वााति मालीवाल उनसे बात करना चाहती हैं तो वो बिलकुल बात करेंगी - उनके साथ हर हाल में खड़ी रहेंगी.
हालांकि, स्वाति मालीवाल ने ये नहीं बताया है कि प्रियंका गांधी से वो मिलना चाहती हैं या नहीं?
क्या केजरीवाल पर दबाव बना पाएंगी?
नई मुहिम के जरिये स्वाति मालीवाल की कोशिश इंडिया गठबंधन में अरविंद केजरीवाल को अलग थलग करने की कोशिश लगती है, लेकिन सवाल यही है कि अरविंद केजरीवाल ने मालीवाल केस में जो स्टैंड लिया है, उस पर विपक्ष के नेता कैसे रिएक्ट करेंगे. अरविंद केजरीवाल का कहना है कि मालीवाल केस में दो वर्जन हैं. एक स्वाति मालीवाल का, और दूसरा बिभव कुमार का.
आधिकारिक तौर पर आम आदमी पार्टी ने स्वाति मालीवाल पर बीजेपी के हाथों में खेलने का आरोप लगाया है. वैसे आप नेता संजय सिंह की इस मामले में पहली प्रतिक्रिया से ये मेल नहीं खाता. आम आदमी पार्टी की तरह से आतिशी ने स्वाति मालीवाल पर अरविंद केजरीवाल के खिलाफ बीजेपी की साजिश में शामिल होने का इल्जाम लगाया था.
स्वाति मालीवाल की मानें तो अरविंद केजरीवाल ने अपने सहयोगी बिभव कुमार का पक्ष लिया है, और बरसों से साथ साथ काम करने के बावजूद अपने साथ खड़े नहीं होने पर दुख जताया है. ये तो साफ है कि स्वाति मालीवाल की ये कोशिश इंडिया गठबंधन में अरविंद केजरीवाल को कठघरे में खड़ा करने की कोशिश है - लेकिन क्या ये कोशिश कामयाब हो पाएगी?