अरविंद केजरीवाल ने आधा इशारा कर दिया है. आधा जो बाकी है, वो औपचारिकता भर बचा है. विडंबना ये है कि अरविंद केजरीवाल ने अपने राजनीतिक विरोधियों के आरोपों को ही सही साबित कर रहे हैं.
जब आम आदमी पार्टी ने अपने राज्यसभा सांसद संजीव अरोड़ा को लुधियाना वेस्ट सीट के लिए उम्मीदवार बनाया तभी से ऐसा किये जाने के पीछे के मकसद पर चर्चा होती आ रही है.
ऐसे आरोपों में अरविंद केजरीवाल की रणनीति के साथ साथ संजीव अरोड़ा के बारे में भी भविष्यवाणी पहले ही की जा चुकी है. जैसे बीजेपी और कांग्रेस ने संजीव अरोड़ा की सीट से अरविंद केजरीवाल के राज्यसभा जाने का दावा किया था, ऐन उसी वक्त ये भी खबर आई थी कि संजीव अरोड़ा से मंत्री पद दिये जाने का वादा किया गया है.
अब जबकि अरविंद केजरीवाल ने संजीव अरोड़ा को लेकर एक भविष्यवाणी कर दी है, आम आदमी पार्टी नेता के भी राज्यसभा जाने के इरादे के संकेत मिलने लगे हैं.
पंजाब सरकार में मंत्री बनेंगे संजीव अरोड़ा?
लुधियाना वेस्ट उपचुनाव में संजीव अरोड़ा के लिए अरविंद केजरीवाल बिल्कुल वैसे ही वोट मांग रहे हैं, जैसे दिल्ली विधानसभा चुनाव में मनीष सिसोदिया के पक्ष में रैली कर रहे थे.
तब मनीष सिसोदिया की सीट बदल दी गई थी. पटपड़गंज से अवध ओझा को टिकट देने के बाद मनीष सिसोदिया को जंगपुरा भेज दिया गया था. मनीष सिसोदिया जेल से रिहा होने के बाद फिर से चुनाव मैदान में थे.
जंगपुरा में अरविंद केजरीवाल लोगों को समझा रहे थे कि वो कोई विधायक नहीं, अपने इलाके से डिप्टी सीएम चुनने जा रहे हैं. जब मनीष सिसोदिया डिप्टी सीएम बन जाएंगे तो उनके इलाके में कोई भी काम तेजी से होगा. किसी अफसर की हिम्मत नहीं होगी कि वो डिप्टी सीएम के इलाके के लोगों के काम में देर लगाये.
लुधियाना के लोगों से अरविंद केजरीवाल कह रहे हैं, आज मैं ऐलान करके जा रहा हूं… अगर आपने 19 तारीख को संजीव अरोड़ा को वोट देकर विजयी बनाया, तो हम 20 तारीख को इन्हें मंत्री बना देंगे.
मंत्री कौन बनेगा कौन नहीं, ये मुख्यमंत्री का विशेषाधिकार होता है, लेकिन चुनावों में जुमले तो चलते ही हैं. अगर ये बात पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान बोले होते तो और बात होती, लेकिन अरविंद केजरीवाल के मुंह से सुनकर तो ये जुमला ही लगता है.
यूपी में 2022 के विधानसभा चुनाव से पहले ऐसी कोई घोषणा तो नहीं की गई थी, लेकिन जैसे संजीव अरोड़ा और अरविंद केजरीवाल के बारे में चर्चा चल रही है, तब ये माना जा रहा था कि पूर्व नौकरशाह अरविंद शर्मा को विधान परिषद सदस्य बनाये जाने के बाद मंत्री भी बनाया जाएगा - लेकिन मुख्यमंत्री तो योगी आदित्यनाथ हैं, सूत्रों की खबर को जुमला ही बने रहने दिया. हां, चुनाव बाद अरविंद शर्मा मंत्री जरूर बना दिये गये.
बहरहाल, अगर चुनावी जुमले को एक बार सही भी मान लिया जाये, तो अरविंद केजरीवाल ने बहाने से ये भी बता दिया है कि अब उनकी अपनी अगली मंजिल राज्यसभा ही है.
अरविंद केजरीवाल अब संसद की तैयारी में हैं
2024 के लोकसभा चुनावों के पहले से ही आम आदमी पार्टी के नेता दावा करते रहे कि अरविंद केजरीवाल ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चैलेंज करने जा रहे हैं - लेकिन, लोकसभा में खाता भी नहीं खुल सका.
राज्यसभा सीट को लेकर एक चर्चा तब भी सुनी गई थी, जब स्वाति मालीवाल केस हुआ था. स्वाति मालीवाल ने अरविंद केजरीवाल के सहयोगी बिभव कुमार पर मारपीट का आरोप लगाया था. मामला कोर्ट में है, और इसी आरोप में बिभव कुमार जेल भी जा चुके हैं. फिलहाल वो पंजाब के मुख्यमंत्री के सलाहकार हैं.
तब एक चर्चा रही कि स्वाति मालीवाल पर राज्यसभा की सदस्यता से इस्तीफा देने का दबाव डाला जा रहा था, लेकिन अलग ही विवाद हो गया. ये भी सुनने में आया था कि राज्यसभा की वो सीट किसी बड़े वकील को दिये जाने की तैयारी थी. हालांकि, बाद में अभिषेक मनु सिंघवी ने बता दिया था कि उनकी ऐसी कोई दिलचस्पी नहीं है. सीनियर वकील अभिषेक मनु सिंघवी ही दिल्ली शराब नीति केस में अरविंद केजरीवाल और मनीष सिसोदिया की पैरवी कर रहे हैं. अब तो कांग्रेस ने ही तेलंगाना से उनको राज्यसभा भेज दिया है.
अरविंद केजरीवाल भले ही संजीव अरोड़ा को मंत्री बनाये जाने की गारंटी दे रहे हों, लेकिन उनका भी राज्यसभा जाने की योजना पर लुधियाना उपचुनाव के नतीजे ही मुहर लगाएंगे - और तब तक सब हवा हवाई है.