ममता बनर्जी, राजनेता
ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) एक भारतीय राजनीतिज्ञ (Indian Politician) और और 2011 से भारतीय राज्य पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री (CM of West Bengal) हैं. वह पश्चिम बंगाल में मुख्यमंत्री पद संभालने वाली पहली महिला हैं (First Woman CM of West Bengal). उन्होंने भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस से अलग होने के बाद 1998 में अखिल भारतीय तृणमूल कांग्रेस (TMC) की स्थापना की और इसकी पहली अध्यक्ष बनीं. उन्हें अक्सर लोकप्रिय नाम दीदी (Didi) कहकर संबोधित किया जाता है.
बनर्जी का जन्म जन्म 5 जनवरी 1955 (Date of Birth) को कोलकाता में एक बंगाली हिंदू ब्राह्मण परिवार (Bengali Hindu Brahmin) में हुआ था. उनके माता-पिता प्रोमिलेश्वर बनर्जी और गायत्री देवी थे (Mamata Banerjee Parents). बनर्जी के पिता, प्रोमिलेश्वर की मृत्यु चिकित्सा उपचार की कमी के कारण हुई, तब वह 17 साल की थीं. 1970 में, बनर्जी ने देशबंधु शिशु शिक्षालय से उच्च माध्यमिक बोर्ड परीक्षा पूरी की. उन्होंने जोगमाया देवी कॉलेज से इतिहास में स्नातक की डिग्री प्राप्त की. बाद में, उन्होंने कलकत्ता विश्वविद्यालय से इस्लामी इतिहास में स्नातकोत्तर की उपाधि प्राप्त की. इसके बाद, श्री शिक्षायतन कॉलेज से शिक्षा में डिग्री और जोगेश चंद्र चौधरी लॉ कॉलेज, कोलकाता से कानून की डिग्री हासिल की (Mamata Banerjee Education).
बनर्जी ने दो बार भारत सरकार के रेल मंत्री (Minister of Railways) के रूप में कार्य किया, वह ऐसा करने वाली पहली महिला हैं. वह भारत सरकार की कैबिनेट में पहली महिला कोयला मंत्री ( Minister of Coal) और मानव संसाधन विकास (Minister of Human Resource Development), युवा मामले और खेल (Youth Affairs and Sports), महिला और बाल विकास मंत्री (Women and Child Development) भी रही हैं. ममता तत्कालीन कम्यूनिस्ट सरकार के सिंगूर (Singur) को विशेष आर्थिक क्षेत्र ( Special Economic Zones) बनाने के लिए किसानों के भूमि अधिग्रहण नीतियों के फैसले का विरोध करके राज्य की राजनीति में प्रमुखता से उभरीं. 2011 में, बनर्जी ने पश्चिम बंगाल में एक शानदार जीत हासिल की और भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) (Communist Party of India) (Marxist) के नेतृत्व वाली 34 साल तक चली वाम मोर्चा सरकार को हराकर इतिहास रच दिया.
वह 2011 से 2021 तक भबानीपुर (Bhabanipur) से पश्चिम बंगाल विधान सभा की सदस्य थीं. 2021 विधानसभा चुनाव में उन्होंने नंदीग्राम (Nandigram) विधानसभा सीट से चुनाव लड़ा और भाजपा के सुवेंदु अधिकारी (Suvendu Adhikari) से हार गईं. लेकिन उनकी पार्टी ने भारी बहुमत हासिल किया.
उनका ऑफिशियल ट्विटर हैंडल @MamataOfficial है. उनके फेसबुक पेज का नाम Mamata Banerjee है और वे इंस्टाग्राम पर mamataofficial यूजरनेम से एक्टिव हैं.
चुनाव आयोग ने पश्चिम बंगाल में एसआईआर प्रक्रिया का ड्राफ्ट जारी कर दिया है, जिसमें करीब 58 लाख लोगों के नाम काट दिए हैं. बंगाल में ज्यादातर हिंदी भाषा बोलने वाले लोगों के नाम काटे हैं, जबकि मुस्लिम बहुल सीटों पर नाम कम कटे हैं. ऐसे में बीजेपी और टीएमसी के बीच सियासी बवाल छिड़ गया है.
पश्चिम बंगाल में स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (SIR) के तहत अब तक 58 लाख से ज्यादा नामों को काट दिया आया है, जिनमें डुप्लिकेट, मृतक और स्थायी रूप से स्थानांतरित मतदाता शामिल हैं. वहीं करीब 1.36 करोड़ वोटरों की तकनीकी और मैनुअल जांच जारी है. अब अगले चरण में थ लेवल ऑफिसर्स (BLO) घर-घर जाकर नोटिस देंगे.
West Bengal में SIR पर बढ़ी सियासत. ममता बनर्जी vs BJP की तकरार से 2026 चुनावों में बड़ा बदलाव संभव। क्या TMC को होगा नुकसान?
West Bengal में SIR प्रक्रिया में अब तक 14 लाख फॉर्म ‘अनकलेक्टेबल’ मिले. Election Commission का दावा– कई मतदाता गायब, duplicate या deceased. ममता बनर्जी ने BJP को कड़ी चेतावनी दी.
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के विधानसभा क्षेत्र भवानीपुर में मतदाता सूची से लगभग 45,000 नाम हटाए जाने के बाद सियासत गरमा गई है. तृणमूल कांग्रेस ने अब अपने बूथ लेवल एजेंटों को घर-घर जाकर सत्यापन करने का निर्देश दिया है ताकि किसी वैध वोटर का नाम न छूटे.
कोलकाता के सॉल्ट लेक स्टेडियम में लियोनेल मेस्सी का GOAT टूर के दौरान मची अव्यवस्था के बाद पश्चिम बंगाल के खेल मंत्री अरूप बिस्वास ने इस्तीफा दे दिया. उनका कहना है कि मामले की जांच निष्पक्षता से की जा सके, इसलिए वह अपना पद छोड़ रहे हैं.
पश्चिम बंगाल में 2026 विधानसभा चुनाव से पहले चुनाव आयोग ने राज्यव्यापी स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (SIR) पूरा कर लिया है और आज आयोग प्रारूप मतदाता सूचियां (ड्राफ्ट इलेक्टोरल रोल्स) जारी करेगा. अधिकारियों ने बताया कि अभी तक 58 लाख से अधिक नाम मृत, स्थानांतरित, डुप्लीकेट या फॉर्म न जमा करने जैसे कारणों के चलते काटने के लिए चिह्नित किए गए हैं.
पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव से पहले सियासत गरमा गई है. बीजेपी की बंगाल यूनिट ने सोशल मीडिया पोस्ट में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को तानाशाह बताते हुए हिटलर से जोड़ा है, जिससे राजनीतिक विवाद और तेज हो गया.
कोलकाता के साल्ट लेक स्टेडियम में शनिवार को हुई अव्यवस्था के बाद पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने लियोनेल मेसी और उनके फैन्स से माफी मांगी है. दरअसल, प्रीमियम टिकट खरीदकर आए हजारों फैन्स तब नाराज हो गए, जब मेसी महज 10 मिनट से भी कम समय में मैदान छोड़कर चले गए. इससे गुस्साए दर्शकों ने विरोध प्रदर्शन किया, बोतलें फेंकीं और कई होर्डिंग्स को नुकसान पहुंचाया.
कोलकाता स्टेडियम में हंगामे के बाद सीएम ममता बनर्जी का इमोशनल पोस्ट,पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने 13 दिसंबर को कोलकाता के साल्ट लेक स्टेडियम में फुटबॉलर लियोनेल मेसी से जुड़े इवेंट के दौरान हुई अव्यवस्था पर गहरी नाराजगी जताई है.
कोलकाता के सॉल्ट लेक स्टेडियम (विवेकानंद युवा भारती क्रीड़ांगन (VYBK) ) में लियोनेल मेसी के पहुंचने पर भारी अव्यवस्था नजर आई. मेसी जब सॉल्ट लेक स्टेडियम पहुंचे तो उनकी झलक ना दिखने पर फैन्स ने बोतलें फेंकी, पोस्टर फाड़ दिए और वो बेकाबू हो गए. इसके बाद मेसी स्टेडियम में 10 मिनट ही रुके.
बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने गुरुवार को बड़ा बयान देते हुए खुलासा किया कि उन्होंने अब तक SIR फॉर्म नहीं भरा है. इससे पहले एक रैली को संबोधित करते हुए उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा बंगाल चुनाव से पहले मतदाता सूची में बड़े पैमाने पर गड़बड़ी करने की कोशिश कर रही है.
बंगाल में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले मतदाता सूची के विशेष पुनरीक्षण यानि SIR को लेकर बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने 11 दिसंबर को बड़ा बयान देते हुए खुलासा किया कि उन्होंने अब तक SIR फॉर्म नहीं भरा है
एजेंडा आजतक 2025 में बीजेपी नेता डॉ सुकांत मजूमदार ने पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनावों पर अपनी रणनीति पर बात की. इस दौरान उन्होंने ममता बनर्जी की सरकार पर तीखे आरोप लगाए और कहा कि बंगाल की वर्तमान सरकार राष्ट्रवादी नहीं है. उन्होंने कहा कि बीजेपी इस बार बंगाल में सरकार बनाने के लिए पूरी कोशिश कर रही है.
संदेशखाली केस में मुख्य आरोपी रहे शाहजहां शेख के खिलाफ गवाह रहे शख्स और उसके बेटे की कार को एक खाली ट्रक ने टक्कर मारी, जिसमें बेटे की मौत हो गई. इस खबर के सार्वजनिक होते ही चर्चा का बाजार गर्म हो गया है. सियासत तेज हो गई है. जाहिर है कि इसे लोग सामान्य मौत नही मान रहे हैं.
निलंबित तृणमूल कांग्रेस विधायक हुमायूं कबीर ने पार्टी के खिलाफ एक बड़ी चाल चली है. उन्होंने ऐलान किया कि वह 22 दिसंबर को एक नई राजनीतिक पार्टी की घोषणा करेंगे. कबीर ने दावा किया कि वह ममता बनर्जी की पार्टी के खिलाफ उम्मीदवार खड़ा करेंगे.
वंदे मातरम् पर संसद में बहस हुई, और ममता बनर्जी को मजबूरी में समर्थन करना पड़ा. क्योंकि, पश्चिम बंगाल में अगले साल चुनाव होने वाले हैं. बहस के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की एक बात को ममता बनर्जी मुद्दा बनाने की कोशिश कर रही हैं, जबकि वो तत्काल प्रभाव से भूल सुधाकर कर चुके होते हैं.
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी दो दिन के दौरे पर कूच बिहार जिले में पहुंची. यहां उन्होंने अधिकारियों को दिशा निर्देश दिए. साथ ही बीजेपी और केंद्र सरकार पर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि उनके रहते हुए बंगाल में कोई भी डिटेंशन कैंप नहीं बनेगा.
ममता बनर्जी का बड़ा बयान— मेरी आखिरी सांस तक बंगाल में Detention Camp नहीं बनेगा. NRC नोटिस, BSF और BJP पर तीखा हमला.
कूचबिहार में 'एंटी-SIR' रैली के दौरान मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने केंद्र और बीजेपी पर तीखा हमला बोला. उन्होंने NRC और SIR को "षड्यंत्र" बताते हुए कहा कि बंगाल में कोई डिटेंशन सेंटर नहीं बनने देंगे. ममता ने केंद्र पर फंड रोकने, राजनीतिक साजिश रचने और बंगाल को "बाहरी दखल" से अस्थिर करने का आरोप लगाया.
हुमायूं कबीर के खिलाफ एक्शन के बाद ममता बनर्जी ने सोचा होगा, मामला शांत हो जाएगा. लेकिन अब तो लगता है बवाल बढ़ता ही जा रहा है. बीजेपी तो ममता बनर्जी पर हमलावर है ही, कांग्रेस भी पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री को कठघरे में खड़ा कर दे रही है - और ऐसे वक्त जब सिर पर विधानसभा के चुनाव हैं.