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ऑपरेशन सिंदूर के जरिए भारत ने पाकिस्तान सहित पूरी दुनिया को दिए 5 बड़े संदेश

बेशक ऑपरेशन सिंदूर पाकिस्तान के खिलाफ है, लेकिन इसके जरिये पूरी दुनिया को मैसेज देने की कोशिश है. विशेष रूप से चीन को - भारत क्या चाहता है? क्या कर सकता है - और किस हद तक जा सकता है!

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पाकिस्तान के बहाने चीन और पूरी दुनिया को भारत ने ऑपरेशन सिंदूर का संदेश भेज दिया है.
पाकिस्तान के बहाने चीन और पूरी दुनिया को भारत ने ऑपरेशन सिंदूर का संदेश भेज दिया है.

ऑपरेशन सिंदूर की शुरुआत निश्चित तौर पर महिलाओं के सुहाग के बदले की कार्रवाई से हुई है, लेकिन उसमें सिर्फ पाकिस्तान और चीन ही नहीं पूरी दुनिया के लिए स्पष्ट और व्यापक संदेश है. 

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संदेश देने की शुरुआत ऑपरेशन सिंदूर की पहली प्रेस ब्रीफिंग से ही हो गई थी, और दूसरी बार उसका और भी मैच्योर स्वरूप सामने आया. सेना की दोनो महिला अफसर, दूसरी बार भी, नारी शक्ति की नुमाइंदगी तो कर ही रही थीं - सेना के शौर्य का प्रतीक भी नजर आ रही थीं. 

दूसरी प्रेस ब्रीफिंग में कर्नल सोफिया कुरैशी और विंग कमांडर व्योमिका सिंह कॉम्बैट यूनिफॉर्म में आईं, और बताने के साथ साथ जताने की कोशिश की कि ऑपरेशन सिंदूर का मतलब, मकसद और मैसेज क्या है - ताकि, सनद रहे और वक्त पर काम आये. 

1. पाकिस्तान को संदेश, सुधरने का ये आखिरी मौका है

भारत ने साफ शब्दों में दुनिया को बता दिया है कि पहलगाम हमले में धर्म पूछकर सैलानियों की हत्या के बावजूद पाकिस्तान के खिलाफ सोच समझकर सटीक कार्रवाई ही की गई, और वो न तो सेना के खिलाफ थी, न पड़ोसी मुल्क के आम अवाम के खिलाफ - लेकिन उसके बाद पाकिस्तान की तरफ से जो कुछ हो रहा है, वो वास्तव में एक्ट ऑफ वार है. 

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पाकिस्तान जिस तरीके से सरहद से लगे इलाकों को निशाना बना रहा है, उसको माकूल जवाब मिल चुका है, लेकिन बस इतना ही नहीं है. अभी तक ये सिर्फ जवाबी कार्रवाई है, उकसाये जाने पर कोई हद नहीं रह जाएगी. और, वो बहुत खतरनाक भी हो सकता है. 

इंडियन एक्सप्रेस ने ऑपरेशन सिंदूर से जुड़े एक बड़े अधिकारी के हवाले से लिखा है, अगर वे (पाकिस्तान) आगे बढ़ेंगे, तो हम नहीं रुकने वाले हैं... हम आखिरी स्तर तक जाएंगे.

अधिकारी ने अखबार को बताया है, हम सर्वोत्तम नतीजों के लिए तैयार हैं, लेकिन जो भी होगा उसके लिए भी पूरी तरह तैयार हैं.

संदेश साफ है. पाकिस्तान के लिए सुधर जाने का ये आखिरी मौका है. आगे न तो मौका रहेगा, न सुधार की गुंजाइश बचेगी. 

2. पाकिस्तान के साथ सलूक ही चीन को संदेश है

सरहद पर जो कुछ भी चल रहा है, फिलहाल भारत और पाकिस्तान के खिलाफ चल रहा है. दुनिया के ज्यादातर देश भारत के सपोर्ट में खड़े हैं, लेकिन चीन खुल कर पाकिस्तान के साथ है. 

आतंकवाद के मुद्दे पर जब भी पाकिस्तान घिरा है, चीन हमेशा ही उसे समर्थन देता रहा है - और भारत के खिलाफ भी पाकिस्तान चीन के ही एयर डिफेंस सिस्टम का इस्तेमाल कर रहा है. 

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लेकिन, चीन के HQ-9 एयर डिफेंस सिस्टम का भारतीय सेना ने क्या हाल किया है, ये पाकिस्तान से बड़ी चोट चीन पर हो रही है. चीन को लगता होगा कि पाकिस्तान का साथ देकर वो अपनी खुन्नस निकाल लेगा, लेकिन एक्शन जब बोलता है तो बहुत जोर से बोलता है - ये बात चीन भी समझ रहा होगा.  

ऐसे में पाकिस्तान को दिये जाने वाले जवाब में ही चीन के लिए भी मैसेज है, और ये गंभीर चेतावनी भी है.

3. सभी पड़ोसियों को भारत स्पष्ट संदेश दे रहा है

जो मैसेज पाकिस्तान और चीन के लिए है, बिल्कुल वही बांग्लादेश और श्रीलंका ले लिए भी है - और उसमें भी खास संदेश ये है कि कोई किसी के बहकावे में न आये. 

हाल फिलहाल, बांग्लादेश भी बीती बातें भुलाकर पाकिस्तान के साथ नये सिरे से रिश्ता निभाने की कोशिश कर रहा था - लेकिन ऑपरेशन सिंदूर के व्यापक स्वरूप को देखकर उसे भी अक्ल आ जानी चाहिये. 

4. भारत का संदेश दुनिया को भी मिल रहा है

एयर स्ट्राइक में पाकिस्तान के 100 अंदर तक निशाना साधा गया, लेकिन सिर्फ आतंकवादियों के ठिकानों को टार्गेट किया गया. न पाकिस्तानी फौज को, न वहां के आम नागरिकों को. 

पाकिस्तान भले दावा करता रहा है कि हमले मस्जिदों पर किये गये हैं, सिविलियंस को निशाना बनाया जा रहा है, लेकिन भारत को ऐसा करना ही नहीं था, शुरू से ही - और ये दुनिया के लिए सबसे बड़ा संदेश था.

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प्रेस ब्रीफिंग में भी विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने बार बार साफ करने की कोशिश की कि भारत ने सिर्फ रिस्पॉन्ड किया है, एस्केलेट नहीं. एस्केलेशन पाकिस्तान की तरफ से हुआ है, भारत की तरफ से नहीं. 

भारत पहले ही साफ कर चुका है कि हमारा मकसद आतंकवाद का सफाया है, लेकिन ये भी नहीं भूलना चाहिये कि हमे हर भाषा में जवाब देना भी आता है.

5. एक संदेश अपने लिए भी

पाकिस्‍तान में पैदा होने वाले आतंकवाद का स्‍थायी समाधान कभी नहीं मिलेगा. भारत को पाकिस्‍तान के खिलाफ अपनी रणनीति में आमूल-चूल परिवर्तन की जरूरत है. जिसमें सरकार, सेना और आम नागरिकों को अपना रवैया पाकिस्‍तान के प्रति बदलना होगा. अब पाकिस्‍तान को लेकर किसी तरह के सॉफ्ट कॉर्नर की गुंजाइश नहीं है. अब भारत के लिए पाकिस्‍तानी डीप स्‍टेट का वजूद हमास से कम नहीं है. जिसे लेकर हम सिर्फ रक्षात्‍मक नहीं रह सकते. यह एक लंबी लड़ाई है, जिसमें सबको हिस्‍सा बंटाना होगा.

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