बांग्लादेश (Bangladesh) दक्षिण एशिया में स्थित एक देश है, जो मुख्य रूप से बंगाल की खाड़ी के किनारे स्थित है. इसकी सीमाएं तीन ओर से भारत से घिरी हुई हैं, जबकि दक्षिण-पूर्व में यह म्यांमार से सटा हुआ है. देश का कुल क्षेत्रफल लगभग 1,47,570 वर्ग किलोमीटर है.
बांग्लादेश का इतिहास भारत और पाकिस्तान से गहराई से जुड़ा हुआ है. 1947 में भारत के विभाजन के बाद, यह पूर्वी पाकिस्तान के रूप में पाकिस्तान का हिस्सा बना. लेकिन 1971 में मुक्ति संग्राम के बाद, यह एक स्वतंत्र राष्ट्र बना. 16 दिसंबर 1971 को बांग्लादेश ने पाकिस्तान से अपनी स्वतंत्रता प्राप्त की.
बांग्लादेश एक संसदीय लोकतंत्र है, जहां राष्ट्रपति राष्ट्र का प्रमुख होता है और प्रधानमंत्री सरकार का प्रमुख होता है. वर्तमान में, ढाका देश की राजधानी है और यह राजनीतिक एवं प्रशासनिक गतिविधियों का केंद्र है. बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था कृषि, वस्त्र उद्योग, जहाज निर्माण, और आईटी सेवाओं पर आधारित है. यह देश दुनिया के प्रमुख कपड़ा निर्यातकों में से एक है. हाल के वर्षों में, बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था तेजी से बढ़ी है और इसे एक विकासशील अर्थव्यवस्था के रूप में देखा जाता है.
बांग्लादेश की प्रमुख भाषा बंगाली (बांग्ला) है, जो यहां की आधिकारिक भाषा भी है. देश की संस्कृति में संगीत, नृत्य, कला और साहित्य का विशेष महत्व है.
बांग्लादेश जलवायु परिवर्तन के प्रतिकूल प्रभाव, गरीबी, निरक्षरता, भ्रष्टाचार और मानवाधिकारों के हनन जैसी चुनौतियों का सामना कर रहा है (Challenges for Bangladesh).
तारिक की बांग्लादेश वापसी में खास प्रतीकात्मकता थी. जब वो ढाका एयरपोर्ट से बाहर आए तो उन्होंने जूते उतारकर थोड़ी देर के लिए जमीन पर खड़े हुए और हाथ में मिट्टी उठाई . ये असल में अपने देश के प्रति सम्मान दिखाने का तरीका था. उन्होंने रिसेप्शन में साधारण प्लास्टिक की कुर्सी को चुना और विशेष कुर्सी हटा दी, जो पिछले समय के भव्यता और 'सिंहासन मानसिकता' से दूरी दिखाता है.
बांग्लादेश का मौलाना अताउर रहमान बिक्रमपुरी का अतीत कट्टरपंथ से जुड़ा रहा है. लोकतांत्रिक प्रक्रिया में विश्वास रखने वाले बांग्लादेशी मुसलमानों को ये मौलाना 'काफिर' कहता है. अताउर रहमान को बांग्लादेश की पुलिस ने भड़काऊ बयानबाजी के आरोप में गिरफ्तार किया है.
गुजरात में 1474 के युद्ध में तीतर की रक्षा के लिए राजपूतों, ब्राह्मणों, ग्वालों और हरिजनों की एकजुट सेना ने चाबड़ जनजाति के शिकारीयों से लड़ाई लड़ी, जिसमें 140 से 200 लोग मारे गए. यह घटना भारतीय सभ्यता में शरण देने और अभयदान की परंपरा को दिखाती है. बांग्लादेश जो बार-बार हसीना को सौंपने की मांग कर रहा है, उसे भारत के इतिहास के बारे में थोड़ी जानकारी ले लेनी चाहिए.
Bangladesh Violence Live Updates : बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष तारिक रहमान आज वोटर लिस्ट में अपना नाम जुड़वाएंगे. वह अपने पिता और पार्टी संस्थापक जियाउर रहमान की कब्र पर श्रद्धांजलि अर्पित करेंगे और 17 साल बाद बांग्लादेश की धरती पर जुमा की नमाज में हिस्सा लेंगे.
नेशनल सिटीजन पार्टी (एनसीपी) ने जमात-ए-इस्लामी के साथ गठबंधन करने का फैसला किया है. पार्टी के संयुक्त सचिव मीर अरशादुल हक के इस्तीफे के बाद यह गठबंधन चर्चा में आया है. बांग्लादेश में फरवरी 2026 के चुनाव से पहले इस्लामिक झुकाव वाली पार्टियां एकसाथ आ रही हैं औऱ यह गठबंधन इसका ताजा उदाहरण है.
खालिदा जिया के बेटे तारिक रहमान सत्रह साल बाद बांग्लादेश लौटे हैं. वे लंबे समय तक लंदन में निर्वासित रह चुके थे और अब राजनीति में अहम भूमिका निभाने की तैयारी में हैं. तारिक ने अपनी मातृभूमि लौटकर एक बड़े जनसमूह के बीच रोड शो किया जहां लाखों कार्यकर्ताओं ने उन्हें सम्मानित किया. हाल ही में देश में राजनीतिक हलचल तेज हुई है. शेख हसीना की पार्टी चुनाव से बाहर हुई है और बीएनपी मजबूत दावेदार बनकर उभरी है.
तारिक रहमान बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री खालिदा जिया के बेटे हैं. वे 2008 से लंदन में रह रहे थे और वहीं से BNP का नेतृत्व कर रहे थे. शेख हसीना शासनकाल में उन पर कई मामलों में सजा सुनाई गई थी, जिन्हें BNP राजनीतिक बदले की कार्रवाई बताता रहा है.
क्रिसमस पर दुनिया भर में जश्न का माहौल दिखा. अमेरिका से लेकर पेरु और गाजा तक क्रिसमस के अलग-अलग रंग देखने को मिले. जहां अमेरिका में राष्ट्रपति ट्रंप ने रात्रि भोजन का आयोजन किया, वहीं पेरु में भी लोग क्रिसमस के रंग में नजर आए. दूसरी तरफ बांग्लादेश में पूर्व प्रधानमंत्री खालिदा जिया के बेटे तारिक रहमान की 17 साल बाद वापसी हुई है.
बांग्लादेश में एक और हिंदू युवक को भीड़ ने पीट पीट कर मार डाला. पश्चिमी बांग्लादेश के राजबाड़ी ज़िले में कल रात एक आदमी को पीट-पीटकर मार डाला गया. राजबाड़ी पुलिस ने भीड़ के हमले से मौत की पुष्टि की है. मरने वाले का नाम अमृत मंडल था जिसे सम्राट के नाम से भी जाना जाता था. पुलिस ने उसके साथी मोहम्मद सलीम को गिरफ्तार किया है और उसके पास से हथियार बरामद किए.
बांग्लादेश में 6 दिनों में दो हिन्दुओं की लिंचिंग से सनसनी मच गई है. मुल्क के भावी प्रधानमंत्री बताए रहे BNP नेता तारिक रहमान अपने मुल्क के लिए लोकतांत्रिक और सेकुलर बांग्लादेश का सपना देख रहे थे. लेकिन मौजूदा मोहम्मद यूनुस की सरकार हिन्दुओं पर होने वाले अत्याचार को कहीं से नहीं रोक पा रही है.
अगर बांग्लादेश में सबकुछ सही रहता है और 12 फरवरी 2026 को संसदीय चुनाव कराए जाते हैं तो इन चुनावों में बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी की तरफ से प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार तारिक रहमान ही होंगे.
बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना ने मोहम्मद यूनुस की अंतरिम सरकार पर गैर-मुस्लिमों पर अत्याचार और धार्मिक स्वतंत्रता में दखल देने का आरोप लगाया है. हालिया लिंचिंग और हिंसा का ज़िक्र करते हुए उन्होंने अल्पसंख्यकों की सुरक्षा और सद्भाव की मांग की है.
बांग्लादेश के राजबाड़ी में वॉन्टेड अपराधी अमृत मंडल उर्फ सम्राट की भीड़ ने पीट-पीटकर हत्या कर दी. वह रंगदारी के आरोप में घिरा था. पुलिस ने हथियार बरामद कर साथी को पकड़ा है. सरकार ने सांप्रदायिक एंगल खारिज करते हुए जांच शुरू किए जाने की बात कही है.
बांग्लादेश में कुछ दिन पहले दीपू चंद्र नाम के हिंदू शख्स की मॉब लिंचिंग हुई थी. मयमनसिंह के भालुका इलाके में 27 साल के हिदू युवक दीपू चंद्र की भीड़ ने पीट-पीटकर हत्या कर दी थी और उसके बाद उसके शव को जला दिया था.
बीएनपी के कार्यकारी अध्यक्ष तारिक रहमान, लगभग दो दशक के निर्वासन के बाद देश लौटे और ढाका में विशाल रैली को संबोधित किया. उन्होंने कहा कि मेरे पास एक योजना है. साथ ही लोकतंत्र, अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता, और सभी धर्मों और समुदायों के लिए टॉलरेंस का संदेश दिया.
17 साल बाद पूर्व प्रधानमंत्री खालिदा ज़िया के बेटे तारिक रहमान अपने परिवार के साथ लंदन से ढाका लौटे हैं। माना जा रहा है कि वो BNP की तरफ से 12 फरवरी को होने वाले संसदीय चुनावों में प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार हो सकते हैं. ये समय का चक्र ही है कि जब तारिक रहमान 17 साल पहले बांग्लादेश से निर्वासित हुए थे, तब शेख हसीना को प्रधानमंत्री की कुर्सी मिली थी. आज जब शेख हसीना बांग्लादेश छोड़ चुकी हैं, तब तारिक रहमान प्रधानमंत्री बनने के लिए ढाका वापस लौट आए हैं.
बांग्लादेश में हिंदू युवक की हत्या के बाद देशभर में पुलिस और हिंदूवादी संगठनों के बीच भारी विरोध देखने को मिला है. झारखंड में भी इस आवाज को जोर-शोर से रखा गया जहां कई जगहों पर प्रदर्शन हुए. स्थानीय लोग और संगठन सड़कों पर उतरे और इस घटना की निंदा की. इस रिपोर्ट में आप जानेंगे इस घटना से उत्पन्न स्थिति के बारे में विस्तार से. विरोध प्रदर्शन शांतिपूर्ण तरीके से हुए, लेकिन उन्होंने कट्टरता और गुस्से के भाव जाहिर किए.
आज अटल जी की 101वीं जयंती के दिन हम सबको बांग्लादेश की राजनीति में आने वाले नए बदलाव पर ध्यान देना जरूरी है क्योंकि 17 साल बाद तारिक रहमान अपने परिवार के साथ लंदन से बांग्लादेश लौट चुके हैं. रहमान खालिदा जिया के बेटे हैं और लंबे समय से राजनीतिक भूइंडोल में रहे हैं. 2008 में भ्रष्टाचार और रिश्वतखोरी के आरोपों के बाद वह लंदन चले गए थे, लेकिन अब वह प्रधानमंत्री पद के मजबूत दावेदार बनकर उभरे हैं. उनकी वापसी बांग्लादेश की राजनीति में एक नया मोड़ लेकर आएगी.
बांग्लादेश का चटगांव पिछले करीब डेढ़ साल से अशांत बना हुआ है. हिंदू समुदाय लगातार आरोप लगाता रहा है कि उन्हें खासकर दूरदराज और कमजोर इलाकों में निशाना बनाया जा रहा है.
बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री खालिदा जिया के बेटे और बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (BNP) के कार्यकारी अध्यक्ष तारिक रहमान 17 साल बाद अपने वतन लौट आए. एयरपोर्ट पर पहुंचते ही उनका भारी स्वागत किया गया.
भारत के पड़ोसी देश बांग्लादेश में बीते कई दिनों से उथल-पुथल मची है. पहले भारत विरोधी उस्मान हादी की हत्या हुई। फिर बांग्लादेश के मेमनसिंह जिले में एक हिंदू, दीपू चंद्र दास की इस्लामी कट्टरपंथियों ने पहले पीट-पीटकर हत्या की और फिर उसे पेड़ से लटकाकर जला दिया, इन सबके बीच बांग्लादेश में आज बदलाव की एक उम्मीद दिखी है, बीएनपी की मुखिया और बांग्लादेश की पूर्व पीएम खालिदा जिया के बेटे ताहिर रहमान 17 साल बाद अपने देश वापस लौटे हैं. रहमान के लौटने पर ढाका की सड़कों पर जनसैलाब उमड़ा. रहमान ने भी भरोसा दिया कि बांग्लादेश के लिए उनके पास प्लान है.