सीबीआई ने अंतरराष्ट्रीय मानव तस्करी गिरोह से जुड़े 4 आरोपियों को गिरफ्तार किया है. ये आरोपी भारतीय युवाओं को आकर्षक नौकरियों की आड़ में धोखा युक्रेन के खिलाफ युद्ध लड़ने के लिए रूसी सेना में शामिल कराते थे. सीबीआई ने इनमें से दो संदिग्धों को मंगलवार को पकड़ा, जिनकी पहचान केरल के तिरुवनंतपुरम के रहने वाले अरुण और येसुदास जूनियर के रूप में हुई.
इससे पहले 24 अप्रैल को एक ऑपरेशन में सीबीआई ने इस केस के सिलसिले में दो संदिग्धों, निजिल जोबी बेन्सम और एंथोनी माइकल एलंगोवन को पकड़ा था. बेन्सम और एलंगोवन न्यायिक हिरासत में हैं. ये गिरफ्तारियां 6 मार्च, 2024 को सामने आए एक प्रमुख मानव तस्करी नेटवर्क की चल रही जांच का हिस्सा हैं. यह नेटवर्क देश भर में संचालित होता था और विदेशों में रोजगार के आकर्षक अवसरों का झूठा वादा करके भारतीय युवाओं को टारगेट करता था.
अच्छी सैलरी वाली जॉब का लालच देकर फंसाते थे
यूट्यूब और सोशल मीडिया प्लेटफार्मों का उपयोग करके तस्करों ने भारतीय युवाओं को रूस में अच्छी सैलरी पैकेज वाली जॉब का लालच देकर फंसाया. गिरफ्तार आरोपियों से पूछताछ में पता चला कि भारतीय नागरिकों को झूठ बोलकर और उज्ज्वल भविष्य का सपना दिखाकर अवैध तरीके से रूस भेजा गया ओर यहां उन्हें युद्ध में उतरने के लिए मजबूर किया गया. उनकी इच्छा के विरुद्ध उन्हें रूस-यूक्रेन युद्ध क्षेत्र में तैनात किया गया. इस गिरोह ने कई भारतीयों का जीवन खतरे में डाला और कुछ को युद्ध क्षेत्र में गंभीर चोटें भी आईं.
सीबीआई ने भारतीय नागरिकों को अवैध तरीके से रूस ले जाने में शामिल 17 निजी वीजा कंसल्टेंसी फर्मों और एजेंटों के खिलाफ आपराधिक साजिश, धोखाधड़ी और मानव तस्करी से संबंधित भारतीय दंड संहिता की धाराओं के तहत मामला दर्ज किया है. इन एजेंटों का नेटवर्क भारत के कई राज्यों और उसके बाहर तक फैला हुआ है. इस तस्करी गिरोह के प्रमुख सदस्यों में निजिल जोबी बेन्सम शामिल है. वह रूस के रक्षा मंत्रालय में कॉन्ट्रैक्चुअल ट्रांसलेटर के रूप में काम करता है.
रूसी सेना के लिए भारतीय वाओं की भर्ती करते थे
निजिल ने भारतीय नागरिकों को रूसी सेना में भर्ती करने में अहम भूमिका निभाई. एंथोनी माइकल एलंगोवन ने दुबई में रहने वाले फैसल बाबा और रूस में रहने वाले अन्य लोगों को चेन्नई में वीजा की प्रक्रिया और पीड़ितों के लिए हवाई यात्रा की व्यवस्था करने में मदद की. फैसल बाबा भी इस केस में सह-आरोपी है. अरुण और येसुदास जूनियर रूसी सेना के लिए केरल और तमिलनाडु से भारतीय युवाओं की भर्ती करते थे.
सीबीआई ने एक बयान में कहा कि आरोपियों ने अपने एजेंटों के माध्यम से भारतीय नागरिकों को रूसी सेना में भर्ती कराने, सिक्योरिटी गार्ड और हेल्पर की नौकरियां दिलाने के बहाने उनकी तस्करी की और उन्हें रूस ले गए. साथ ही उन्होंने नागरिकों से बड़ी रकम वसूली. एजेंटों ने कम फीस और वीजा एक्सटेंशन की सुविधा का हवाला देकर भारतीय छात्रों से पैसे ऐंठे और उनका एडमिशन रूस के फर्जी विश्वविद्यालयों और संदिग्ध संस्थानों में करवा दिया.
सीबीआई को अपनी जांच में ऐसे 35 मामले मिले हैं
सीबीआई के मुताबिक जब ये भारतीय रूस पहुंचे, तो उनके पासपोर्ट वहां के एजेंटों ने जब्त कर लिए गए और उन्हें लड़ाकू भूमिकाओं के लिए ट्रेनिंग देने के बाद रूस की सेना में शामिल होने और युद्ध क्षेत्र में जाने के लिए मजबूर किया गया. सीबीआई को अपनी जांच में ऐसे 35 मामले मिले हैं, जिनमें सोशल मीडिया चैनलों, स्थानीय संपर्कों और एजेंटों के माध्यम से उच्च वेतन वाली नौकरियों के झूठे वादे का लालच देकर भारतीय युवाओं को रूस ले जाया गया. सीबीआई को शक है मानव तस्करी के इस इंटरनेशनल रैकेट में और लोग शामिल हैं. उन तक पहुंचने के लिए केंद्रीय एजेंसी जांच में जुटी है.