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'जिस मुस्लिम ने पढ़ाई की, वो गवर्नर-मेयर और जिसने कट्टरता सीखी वो...', मदनी को मुस्लिम IAS का जवाब

दिल्ली धमाके और मौलाना अरशद मदनी के बयान पर IAS नियाज खान ने तीखी प्रतिक्रिया दी है. एक्स पर उन्होंने लिखा कि शिक्षित मुस्लिम लंदन-न्यूयॉर्क के मेयर बनते हैं, जबकि कट्टरता अपनाने वाले पीछे रह जाते हैं.

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मौलाना मदनी ने जोहरान ममदानी का जिक्र करते हुए सख्त टिप्पणी की थी. (Photo- ITG)
मौलाना मदनी ने जोहरान ममदानी का जिक्र करते हुए सख्त टिप्पणी की थी. (Photo- ITG)

दिल्ली बम धमाके और जमीयत उलेमा-ए-हिंद के अध्यक्ष मौलाना अरशद मदनी के बयान के बाद अब मध्यप्रदेश के चर्चित IAS अफसर नियाज खान की प्रतिक्रिया चर्चा में है. अपने बेबाक बयानों के लिए पहचाने जाने वाले नियाज खान ने रविवार सुबह सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर एक पोस्ट लिखा, जो तेजी से वायरल हो रहा है.

IAS नियाज खान ने अरशद मदनी को जवाब देते हुए कहा, "जिस मुस्लिम ने शिक्षा प्राप्त की वो लंदन, न्यूयॉर्क का मेयर बना तो अमेरिका में गवर्नर और लेफ्टिनेंट गवर्नर बना. जिस मुस्लिम ने कट्टरता और अंधविश्वास की शिक्षा ली वो मैकेनिक, महिलाओं पर अन्याय करने वाला और पंक्चर बनाने वाला बना. शिक्षा मुस्लिमों के लिए रामबाण औषधि है, समझें इसे."

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यह पोस्ट वायरल होने के बाद आजतक ने जब उनसे बात की, तो उन्होंने अपने विचारों को और स्पष्ट किया. नियाज खान ने कहा कि शिक्षित मुसलमान समाज में मिसाल बनते हैं, जबकि कट्टरता अपनाने वाले अपनी ही प्रगति के रास्ते रोक लेते हैं. उन्होंने कहा, "शिक्षा मुसलमानों के लिए रामबाण इसलिए है क्योंकि यह आत्मनिर्भरता, सम्मान और देश की सेवा का रास्ता खोलती है. जो लोग कट्टर विचारों में उलझ जाते हैं, वे केवल खुद को ही नुकसान पहुंचाते हैं.

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अरशद मदनी के बयान से असहमति

मौलाना अरशद मदनी ने हाल ही में कहा था कि "लंदन या न्यूयॉर्क में मुसलमान मेयर बन सकते हैं, लेकिन भारत में कोई मुसलमान विश्वविद्यालय का कुलपति तक नहीं बन सकता." IAS नियाज खान इससे पूरी तरह असहमत दिखे. उन्होंने कहा कि "पढ़ा-लिखा मुसलमान अपनी पहचान खुद बनाता है. भारत में ऐसा कोई अवरोध नहीं है जो शिक्षा और मेहनत से पार न किया जा सके."

यह भी पढ़ें: अला फलाह के समर्थन में मौलाना मदनी का बयान, कांग्रेस नेता ने किया समर्थन

नियाज खान ने उदाहरण देकर बताया कि भारतीय मुसलमानों ने शिक्षा और संघर्ष की बदौलत दुनिया में नाम कमाया है. उन्होंने कहा, "एपीजे अब्दुल कलाम इस देश में वैज्ञानिक से लेकर राष्ट्रपति बने. मोहम्मद अजहरुद्दीन भारतीय क्रिकेट टीम की लंबे समय तक कप्तानी करते रहे. ऐसे कई नाम हैं जो बताते हैं कि कट्टरता नहीं, ज्ञान ही असली ताकत है."

मौलाना मदनी ने क्या कहा था?

जमीयत प्रमुख मौलाना अरशद मदनी ने एक बयान में कहा, "दुनिया सोचती है कि मुसलमान अब बिल्कुल लाचार, खत्म और कमजोर हो गए हैं लेकिन मैं ऐसा नहीं मानता. आज न्यूयॉर्क में कोई मुस्लिम ‘ममदानी’ मेयर बन सकता है, लंदन में कोई ‘खान’ मेयर बन सकता है, लेकिन भारत में तो मुसलमान एक यूनिवर्सिटी का वाइस-चांसलर भी नहीं बन सकता. और अगर कोई बन भी जाए, तो उसे आजम खान की तरह जेल भेज दिया जाता है. आज अल-फलाह में जो कुछ हो रहा है, वही देख लीजिए… सरकार पूरी कोशिश कर रही है कि मुसलमान कभी भी सिर उठाकर खड़े न हो सकें…"

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