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Sulochna Latkar died: 94 साल की उम्र में सुलोचना लाटकर ने ली अंतिम सांस, अमिताभ-दिलीप कुमार संग किया काम

94 साल की उम्र में सुलोचना लाटकर ने अंतिम सांस ली. उम्र के चलते वह कई बीमारियों से जूझ रही थीं. कई दिनों से अस्पताल में भर्ती थीं. हालत भी गंभीर बताई जा रही थी. रविवार की शाम, एक्ट्रेस ने दम तोड़ दिया.

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सुलोचना लाटकर
सुलोचना लाटकर

मराठी-हिंदी सिनेमा से एक बुरी खबर सामने आ रही है. पॉपुलर फिल्म एक्ट्रेस सुलोचना लाटकर ने 94 साल की उम्र में अंतिम सांस ली. दरअसल, पिछले कई दिनों से उनकी हालत गंभीर थी. वह अस्पताल में भी भर्ती थीं. पर रविवार शाम उन्होंने अंतिम सांस ली. सूत्रों की मानें तो सुलोचना ने शरीर में लगी कई बीमारियों के चलते दम तोड़ा. कुछ इनमें से उम्र के कारण भी थीं. एक्ट्रेस का अंतिम संस्कार सोमवार सुबह दादर में किया जाएगा.  

पीएम नरेंद्र मोदी ने दी श्रद्धांजलि

सुलोचना लाटकर को श्रद्धांजलि देते हुए पीएम मोदी ने लिखा- आपके जाने से इंडियन सिनेमा में एक खालीपन रह गया है. अपनी शानदार परफॉर्मेंस से जिस तरह एक्ट्रेस ने हमारे कल्चर को एनरिच किया है, जेनरेशन्स को दिलचस्प कहानियां दी हैं, वह काबिले-तारीफ रहा. सुलोचना जी की लेगेसी, उनके काम में हमेशा झलकती रहेगी. परिवार को सांत्वना. ओम् शांति.

अमिताभ-दिलीप संग किया काम

बता दें कि सुलोचना लाटकर ने हिंदी फिल्म इंडस्ट्री को कई हिट मूवीज दी हैं. इनमें 'कटी पतंग', 'जॉनी मेरा नाम', 'दिल देके देखो' और 'खून भरी मांग' जैसी फिल्में शामिल रहीं. इसके अलावा एक्ट्रेस कई मराठी फिल्मों में भी दिखीं. घर-घर में इन्होंने अमिताभ बच्चन, धर्मेंद्र और दिलीप कुमार की ऑनस्क्रीन मां के रोल में पहचान बनाई. लोग इन्हें एक्टर्स की ऑनस्क्रीन मां के किरदार से ही जानते थे. इनमें 'रेशमा और शेरा', 'मजबूर' और 'मुकद्दर का सिकंदर' जैसी फिल्में शामिल हैं. 

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अमिताभ बच्चन ने कई बार अपने ब्लॉग में सुलोचना लाटकर का जिक्र किया है. एक्ट्रेस ने करीब 250 हिंदी और 50 मराठी फिल्मों की हैं. अपने समय की यह काफी पॉपुलर एक्ट्रेस रह चुकी हैं. बता दें कि सुलोचना, अर्थराइटिस की बीमारी से काफी परेशान थीं. फ्री टाइम में फिल्में देखना पसंद करती थीं. आखिरी फिल्म सुलोचना ने 'बाजीराव मस्तानी' देखी थी जो संजय लीला भंसाली ने बनाई है. फिल्म में रणवीर सिंह और दीपिका पादुकोण लीड रोल में नजर आए थे. 

सुलोचना लाटकर, अमिताभ बच्चन

सुलोचना लाटकर को साल 1999 में पद्म श्री अवॉर्ड से नवाजा गया था. इसके अलावा इन्हें फिल्मफेयर का लाइफटाइम अचीवमेंट अवॉर्ड (2004) और महाराष्ट्र भूषण अवॉर्ड (2009) मिल चुका है. 

फिल्मों में सुलोचना ने साल 1988 में काम करना बंद कर दिया था. पर वह एक्टिंग को काफी मिस करती थीं. उनका कहना था कि वह अगले जन्म में भी एक्ट्रेस बनना चाहती हैं. टाइम्स ऑफ इंडिया संग बातचीत में सुलोचना ने कहा था कि मैं पर्दे पर 'झांकी की रानी' और 'महारानी अहिल्याबाई होल्कर' का किरदार अदा करना चाहती हूं, पर उम्र के चलते अब नहीं कर सकती. हां, अगले जन्म में जरूर करना चाहूंगी. इन दोनों ही महिलाओं ने सोसायटी के लिए बहुत अच्छा काम किया है. अगर कोई इनपर आधारित फिल्म बनाता है तो वह सिनेमा के लिए बहुत अच्छा होगा.

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