तेलंगाना उच्च न्यायालय ने तेलंगाना बोर्ड (BIE)  को कक्षा 12वीं के 3,82,116 असफल अभ्यर्थियों से संबंधित 9,02,429 उत्तर पुस्त‍िकाओं के पुन: सत्यापन के निर्देश दिए थे. कोर्ट ने 27 मई तक इसे पूरा करने को कहा था.
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तेलंगाना बोर्ड के रिजल्ट में फेल हुए 1137 छात्र निकले पास

तेलंगाना उच्च न्यायालय ने तेलंगाना बोर्ड (BIE)  को कक्षा 12वीं के 3,82,116 असफल अभ्यर्थियों से संबंधित 9,02,429 उत्तर पुस्त‍िकाओं के पुन: सत्यापन के निर्देश दिए थे. कोर्ट ने 27 मई तक इसे पूरा करने को कहा था.

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प्रतीकात्मक फोटो
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तेलंगाना उच्च न्यायालय ने तेलंगाना बोर्ड (BIE) को कक्षा 12वीं के 3,82,116 असफल अभ्यर्थियों से संबंधित 9,02,429 उत्तर पुस्त‍िकाओं के पुन: सत्यापन के निर्देश दिए थे. कोर्ट ने 27 मई तक इसे पूरा करने को कहा था.

तेलंगाना Board of Intermediate Education (BIE) ने 12वीं की उत्तर पुस्तिकाओं के पुर्न सत्यापन के बाद सोमवार रात रिजल्ट जारी किया है. इस परीक्षा में करीब  1,137 उम्मीदवारों ने इंटरमीडिएट शिक्षा बोर्ड (BIE) की परीक्षा उत्तीर्ण की है. बाकी के परिणाम 28 मई की सुबह तक घोषित हो जाएंगे. ज्ञात हो कि इस परीक्षा में फेल हुए 22 स्टूडेंट की खुदकुशी के बाद यह मामला काफी गरमा गया था. इसके बाद ही तेलंगाना हाईकोर्ट ने बोर्ड को पुन: सत्यापन के लिए कहा था.

क्या था मामला

बाल अधिकारों के लिए काम करने वाले एक गैर सरकारी संगठन, 'बाला हक्कुला संघम' ने अदालत में याचिका दायर की थी जिसमें उसने अंक देने में भयावह गड़बड़ियों के लिए जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की. याचिकाकर्ता के वकील दामोदर रेड्डी का कहना था कि इंटरमीडिएट शिक्षा बोर्ड ने अपनी वेबसाइट पर छात्रों की उत्तर पुस्तिकाओं को रखने पर सहमति जताई है.

आपको बता दें, तेलंगाना बोर्ड ने 18 अप्रैल को इंटरमीडिएट के नतीजों की घोषणा की थी.  फरवरी-मार्च में आयोजित कक्षा 11 और 12 की परीक्षा में कुल 9.74 लाख विद्यार्थियों शामिल हुए थे, जिनमें से 3,82,116 विद्यार्थी पास अंक प्राप्त करने में असफल रहे. जांच में पता चला था कि उत्तर पुस्तिकाओं की जांच के लिए बोर्ड ने एक आईटी कंपनी को किराए पर रखा था जिसने अपने काम में बहुत बड़े पैमाने पर लापरवाही की जिसकी वजह से विद्यार्थियों ने अपनी जान दे दी.

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22 बच्चों ने दे दी जान, हुआ प्रदर्शन

परीक्षा में खराब  प्रदर्शन और फेल हो जाने के कारण कम से कम 22 छात्रों ने खुदकुशी कर ली. इसके खिलाफ बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन हुए. छात्रों और अभिभावकों ने उत्तर पुस्तिकाओं के मूल्यांकन में गड़बड़ी और अंकतालिकाओं के प्रसंस्करण और सारणीकरण में गलतियों को इसके लिए जिम्मेदार ठहराया. इसके बाद राज्य सरकार ने 24 अप्रैल को उन सभी 3.28 लाख छात्रों की उत्तर पुस्तिकाओं के पुन: सत्यापन की घोषणा की जो परीक्षा पास नहीं कर सके थे.

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