scorecardresearch
 

10-20% तक सही... US टैरिफ को लेकर पूर्व RBI गवर्नर की सलाह, बोले- 'ऐसी गलती न करें'

भारतीय रिजर्व बैंक के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन ने भारत के लिए अमेरिकी टैरिफ का दायरा 10-20 फीसदी के बीच सही बताया है. इसके साथ ही उन्होंने अमेरिका से ट्रेड वार्ता के दौरान कुछ बातों के विशेष ध्यान रखने की सलाह दी है.

Advertisement
X
पूर्व आरबीआई गवर्नर ने भारत पर अमेरिकी टैरिफ को लेकर की बात (File Photo: ITG)
पूर्व आरबीआई गवर्नर ने भारत पर अमेरिकी टैरिफ को लेकर की बात (File Photo: ITG)

डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) के भारत पर लगाए गए 50% टैरिफ और India-US Trade Deal पर चल रही बातचीत को लेकर पूर्व आरबीआई गवर्नर रघुराम राजन ने बड़ी सलाह दी है. उन्होंने एक इंटरव्यू के दौरान कहा है कि भारत के लिए 10-20% के बीच तक टैरिफ ही सही रहेगा और ट्रेड पर बातचीत के दौरान यही लक्ष्य होना चाहिए. इसके साथ ही उन्होंने जापान और यूरोप जैसे देशों का उदाहरण देते हुए सुझाव दिया कि ऐसा वादा न करें, जिसे पूरा करने में मुश्किल पेश आए. 

भारत का ट्रेड वार्ता में यहां रहे फोकस
डीकोडर को दिए गए एक इंटरव्यू में रघुराम राजन से जब पूछा गया कि अमेरिका के साथ ट्रेड पर बातचीत के दौरान भारत के लिए स्वीकार्य टैरिफ लिमिट क्या रहेगी? तो इसके जवाब में पूर्व आरबीआई गवर्नर ने कहा कि यह शून्य हो तो बहुत अच्छा होगा. हालांकि, उन्होंने आगे कहा कि जहां विकसित अर्थव्यवस्थाओं ने कम टैरिफ स्तर हासिल कर लिया है, तो वहीं भारत की प्राथमिकता पूर्वी और दक्षिण एशिया के अपने समकक्षों के सापेक्ष प्रतिस्पर्धी बने रहने की होनी चाहिए. भारत को अमेरिका के साथ अपनी व्यापार वार्ता में 10-20% टैरिफ का लक्ष्य रखना चाहिए.

'ऐसी डील हो, इकोनॉमी पर न बढ़े बोझ'
रघुराम राजन ने कहा कि अगर आप पूर्वी एशिया और दक्षिण एशिया के ज्यादातर हिस्सों पर नजर डालें, तो अमेरिका से जो समझौता सामने आ रहा है, वह 19% का है और कई देश इसे स्वीकार कर चुके हैं. अन्य विकसित देशों की बात करें तो यूरोप, जापान 15% पर सहमत हो चुके हैं, जबकि सिंगापुर 10% पर सहमत है. उन्होंने कहा कि भारत को भी इस दायरे में रहने का लक्ष्य रखना होगा, लेकिन ऐसे वादे करने से बचना चाहिए जो अर्थव्यवस्था पर बोझ बढ़ाने वाले साबित हो सकते हों. 

Advertisement

उन्होंने इस बात को लेकर भी आगाह किया कि भारत को ग्लोबल सप्लाई चेन में अपनी स्थिति बनाए रखने के लिए तेजी से कदम उठाने होंगे. भारत के लिए यह बेहद जरूरी है कि हमारे टैरिफ जल्द कम किए जाएं, खासतौर पर उन सेक्टर्स में जहां हमारे श्रम-प्रधान उद्योग हैं.इनमें टेक्सटाइल जैसे सेक्टर शामिल हैं. 

जापान-यूरोप के जरिए बड़ी सलाह
RBI के पूर्व गवर्नर ने आगे जापान और यूरो क्षेत्र का उदाहरण देते हुए बड़ी सलाह भी दी है. उन्होंने कहा कि Trade Deal पर बात के दौरान ये महत्वपूर्ण है कि हम ऐसा कोई भी वादा न करें, जिसे पूरा करना हमारे लिए मुश्किल हो. राजन के मुताबिक, 'Japan-यूरोप की ओर से ऐसे बड़े वादे किए गए हैं, कि निवेश से होने वाला अधिकांश लाभ अमेरिका को मिलेगा, लेकिन मुझे नहीं लगता कि उनकी इकोनॉमी को नुकसान पहुंचे बिना इन्हें पूरा किया जा सकेगा.'

जोखिम भरे वादे समझदारी नहीं!
आरबीआई के पूर्व गर्वनर और जाने-माने अर्थशास्त्री रघुराम राजन ने आगे कहा कि कुछ देश अभी सहमति देने के बाद अमेरिका से बाद में फिर से बातचीत करने की उम्मीद कर रहे होंगे, लेकिन इस तरह के शॉर्ट टर्म हथकंडे जोखिम भरे साबित हो सकते हैं. ऐसा हो सकता है कि उन्हें लगे कि यह सिर्फ बातचीत है या वे मौजूदा प्रशासन के रहते हुए इसे जारी रख सकते हैं और उसके बाद फिर से बातचीत कर सकते हैं, लेकिन मुझे नहीं लगता कि बेहतर सौदे के लिए इस तरह के वादे करना समझारी है. 

---- समाप्त ----
Live TV

Advertisement
Advertisement