निर्मली विधानसभा क्षेत्र बिहार के सुपौल जिले में स्थित है और सुपौल लोकसभा सीट के छह खंडों में से एक है. यह राघोपुर और सरायगढ़ भपटियाही प्रखंडों से सटा हुआ है. सात ही नेपाल सीमा के करीब है. नेपाल का विराटनगर यहां से महज 50 किलोमीटर उत्तर में स्थित है.
निर्मली सीट की स्थापना वर्ष 1951 में हुई थी और पहला चुनाव 1952 में कांग्रेस
पार्टी ने जीता. इसके बाद यह सीट लंबे समय तक अस्तित्व में नहीं रही, लेकिन परिसीमन आयोग ने 2008 में इसे पुनर्जीवित किया. तब से अब तक यहां तीन विधानसभा चुनाव (2010, 2015 और 2020) हुए हैं, जिनमें जनता दल (यूनाइटेड) के अनिरुद्ध प्रसाद यादव विजयी रहे.
2010 में यादव ने कांग्रेस के विजय कुमार गुप्ता को 46,010 वोटों से हराया. 2015 में जेडीयू ने बीजेपी से गठबंधन तोड़कर अकेले चुनाव लड़ा और बीजेपी के राम कुमार राय को 23,951 वोटों से मात दी. 2020 में एनडीए में वापसी के बाद यादव ने राजद प्रत्याशी यदुवंश कुमार यादव को 43,922 वोटों से हराया.
संसदीय चुनावों में भी निर्मली सीट अहम भूमिका निभाती रही है. 2009 के लोकसभा चुनाव में जेडीयू को यहां 34,814 वोटों की बढ़त मिली थी. 2014 में एनडीए टूटने से यह बढ़त घटकर केवल 699 वोट रह गई. लेकिन 2019 और 2024 में एनडीए में वापसी के बाद जेडीयू ने क्रमशः 63,411 और 47,132 वोटों की बढ़त दर्ज की.
2020 विधानसभा चुनाव में निर्मली में कुल 2,96,989 पंजीकृत मतदाता थे, जिनमें 51,379 मुस्लिम (17.30%) और 41,222 अनुसूचित जाति के मतदाता (13.88%) थे. यादव जाति के मतदाता यहां का सबसे बड़ा समूह हैं, जिनकी संख्या 37,123 (12.50%) है. यह इलाका मुख्य रूप से ग्रामीण है, जहां शहरी मतदाता मात्र 4.62% हैं. 2020 में यहां 63.20% मतदान हुआ था. 2024 लोकसभा चुनाव तक मतदाताओं की संख्या बढ़कर 3,12,932 हो गई.
निर्मली का भूभाग समतल और कोसी नदी की बाढ़ से प्रभावित रहता है. 1934 के भूकंप के बाद कोसी का रुख बदल गया था, जिसने रेलवे लाइन और जमीन के बड़े हिस्से को डुबो दिया. 2008 में भी नदी का तटबंध टूटने से सुपौल और आसपास के जिले बुरी तरह प्रभावित हुए. आज भी बार-बार आने वाली बाढ़ और जमीन विवाद यहां की बड़ी समस्या है.
कृषि इस क्षेत्र की अर्थव्यवस्था की रीढ़ है, जहां धान, मक्का और दालें मुख्य फसलें हैं. लेकिन सिंचाई और कृषि-आधारित उद्योगों की कमी से विकास बाधित है. रोज़गार की तलाश में युवाओं का पलायन भी यहां की गंभीर समस्या है.
ढांचे और सुविधाओं के मामले में क्षेत्र पिछड़ा हुआ है. सड़कों की हालत खराब रहती है, शिक्षा और स्वास्थ्य संस्थान पर्याप्त संसाधनों व स्टाफ़ की कमी से जूझ रहे हैं. नेपाल सीमा क़रीब होने के बावजूद सीमा-पार व्यापार की संभावनाएं अभी भी पूरी तरह से नहीं साकार हो पाई हैं.
निर्मली, सुपौल जिला मुख्यालय से लगभग 20 किमी उत्तर में स्थित है. इसके आसपास के प्रमुख नगरों में सहरसा (70 किमी), मधेपुरा (60 किमी), मधुबनी (62 किमी) और दरभंगा (100 किमी) शामिल हैं. राज्य की राजधानी पटना यहां से लगभग 200 किमी दक्षिण-पश्चिम में है.
2025 विधानसभा चुनाव में जेडीयू को निर्मली सीट पर स्पष्ट बढ़त मानी जा रही है. 2008 से अब तक हुए सभी चुनावों में इसकी जीत और लोकसभा चुनावों में निरंतर बढ़त को देखते हुए, राजद-नेतृत्व वाले विपक्षी गठबंधन के लिए इस सीट पर जेडीयू को चौथी बार हराना लगभग असंभव सा प्रतीत होता है.
(अजय झा)