खगड़िया बिहार राज्य के मुंगेर प्रमंडल का एक जिला है, जो 1951 से ही एक विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र रहा है. ब्रिटिश काल में यह एक अनुमंडल था, जिसे मई 1981 में मुंगेर से अलग कर जिला घोषित किया गया. खगड़िया की भौगोलिक संरचना को कई नदियां प्रभावित करती हैं, जैसे गंगा, कोसी, गंडक, बागमती और कमला. इन नदियों के कारण यहां की जमीन एलुवियल (जलोढ़) और दलदली
होती है. जिले का उत्तरी भाग अत्यधिक उपजाऊ है, जबकि दक्षिणी भाग में धान के खेत और वन क्षेत्र स्थित हैं. यह क्षेत्र हर साल आने वाली बाढ़ों से प्रभावित रहता है, जो यहां की कृषि व्यवस्था के लिए बड़ी चुनौती बन जाती हैं.
खगड़िया की अर्थव्यवस्था मुख्य रूप से कृषि पर आधारित है. लेकिन वर्ष 2015 में स्थापित मेगा फूड पार्क ने स्थानीय अर्थव्यवस्था को एक नई दिशा दी. इससे लगभग 30,000 किसानों को प्रत्यक्ष लाभ हुआ है और लगभग 6,000 लोगों को रोजगार मिला है. यह खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र में एक बड़ी पहल मानी जाती है.
ऐतिहासिक रूप से खगड़िया प्राचीन अंग राज्य का हिस्सा था. लेकिन यहां कोई प्रमुख ऐतिहासिक स्थल नहीं है. ऐसा माना जाता है कि बार-बार आने वाली बाढ़ों के कारण संभावित ऐतिहासिक स्थल नष्ट हो गए होंगे.
मुंगेर (प्रमंडल मुख्यालय) खगड़िया से 50 किलोमीटर दूर है. इसके अलावा बेगूसराय (30 किमी) और भागलपुर (80 किमी) भी समीपवर्ती प्रमुख शहर हैं. राज्य की राजधानी पटना से खगड़िया की दूरी लगभग 160 किलोमीटर है.
खगड़िया विधानसभा क्षेत्र में खगड़िया नगर परिषद, मंसी प्रखंड और खगड़िया प्रखंड की 18 ग्राम पंचायतें शामिल हैं. यह खगड़िया लोकसभा क्षेत्र के छह विधानसभा क्षेत्रों में से एक है.
1951 में इसकी स्थापना के बाद से अब तक यहां 17 विधानसभा चुनाव हो चुके हैं. इनमें कांग्रेस ने पांच बार जीत हासिल की है, जबकि जनता दल (यूनाइटेड) ने तीन बार. संयुक्त समाजवादी पार्टी, निर्दलीय उम्मीदवारों और भाजपा (1972 में भारतीय जनसंघ के रूप में) ने दो-दो बार यह सीट जीती है. जनता पार्टी, सीपीआई और एलजेपी ने एक-एक बार विजय पाई है.
2020 में यह सीट महागठबंधन ने जीत ली थी, जब जदयू और एलजेपी के बीच टकराव हुआ. एलजेपी ने जानबूझकर अपना उम्मीदवार उतारा ताकि जदयू को हराया जा सके. इस रणनीति में सफलता भी मिली, जब कांग्रेस के प्रत्याशी छत्रपति यादव ने जदयू की मौजूदा विधायक पूनम देवी यादव को मात्र 3,000 वोटों के अंतर से हराया. एलजेपी की उम्मीदवार रेनू कुमारी ने 20,719 वोट हासिल किए थे.
बाद में जदयू और एलजेपी के बीच समझौता हो गया और इसका असर 2024 के लोकसभा चुनाव में साफ दिखा. एलजेपी (रामविलास) के उम्मीदवार ने खगड़िया विधानसभा क्षेत्र में 19,787 वोटों की बढ़त हासिल की.
2020 के विधानसभा चुनाव में खगड़िया में 2,60,064 पंजीकृत मतदाता थे, जो 2024 के लोकसभा चुनाव में बढ़कर 2,67,640 हो गए. इसमें अनुसूचित जाति के मतदाताओं की हिस्सेदारी 13.56 प्रतिशत और मुस्लिम मतदाताओं की हिस्सेदारी 10.5 प्रतिशत थी. ग्रामीण मतदाता 86.47 प्रतिशत और शहरी मतदाता 13.54 प्रतिशत रहे. यहां का मतदान प्रतिशत लगातार 58 से 60 प्रतिशत के बीच बना हुआ है.
हालांकि वर्तमान में यह एक विपक्षी सीट है, लेकिन सत्ताधारी एनडीए को आगामी 2025 विधानसभा चुनाव में खगड़िया में थोड़ी बढ़त मिल सकती है. राजनीतिक समीकरणों में आए बदलाव और गुटबाजियों की दिशा इस क्षेत्र के चुनाव परिणामों में निर्णायक भूमिका निभा सकती है.
(अजय झा)